बजट सत्र को लेकर मुख्यमंत्री और विधान सभा स्पीकर कर सकते हैं एक नया प्रयोग

punjabkesari.in Thursday, Feb 10, 2022 - 06:02 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर ने कहा था की किसी व्यक्ति- वर्ग या समाज के भविष्य का फैसला विधानसभा और लोकसभा में तय होता है और बात अगर लोकसभा- विधानसभा के बजट सत्र की हो तो यह सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। केंद्रीय बजट की सराहना स्वंम बजट के विशेषज्ञ भी करते नजर आए और अब  2 मार्च को हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है और इस बजट को लेकर स्वयं मुख्यमंत्री ने हर प्रदेशवासी,  हर विधायक और वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदेश के विकास को लेकर सुझाव मांगे थे। जो एक बेहतरीन पहल है।

इस अच्छी सोच के बाद अब एक और कामयाब प्रयोग करने को लेकर विचार चल रहा है। जिसकी जानकारी स्वयं विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने दी है। उन्होंने इस बजट सत्र में करीब 1 सप्ताह का रिसेस देकर विभिन्न विभागों के खर्च पर  सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की चर्चा का मौका देने की बात कही है। अगर ऐसा हुआ तो यह प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही साथ गुप्ता ने जल्द पंजाब से उलझे मुद्दों को सुलझाने के लिए नए राज्यपाल से मिलने की भी बात कही है। उन्होंने 30 अप्रैल तक पूरी तरह से विधानसभा को ई-विधानसभा बनाने की भी बात कही है। उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-


प्रशन:- 2 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र को लेकर किस प्रकार की तैयारियां हैं ?
उत्तर:-
बजट सत्र के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। कोविड कॉल से पहले जैसी व्यवस्थाओं के साथ कॉविड नियमों की पालना का पालन करते हुए विधानसभा का सत्र चलाने के प्रयास रहेंगे। क्योंकि  कोविड काल में कुछ सम्माननीय सदस्यों को बैठने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। जिसके लिए मुझे खेद है। व्यवस्थाओं को दोबारा पहले जैसे करने की कोशिश रहेगी। इस बार हम विजिटर और गेस्ट को भी अलाउड करने का मन बना रहे हैं।

प्रशन:- मीडिया के लिए किस प्रकार के प्रबंध रहेंगे ?
उत्तर:-
इस बार मीडिया के लिए भी विधानसभा में ही कोरोना कॉल से पहले जैसी व्यवस्थाएं रहेंगी।

प्रशन:- सामान्य परिस्थितियों में पार्किंग की व्यवस्थाओं को लेकर काफी परेशानी रहती थी, क्या उसमें कुछ सुधार देखने को मिलेंगे ?
उत्तर:-
सुरक्षा की दृष्टि से हमने एक विशेष बैठक का आयोजन कुछ दिन पहले किया था। जिसमें कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए थे। विधानसभा सत्र के दौरान पुलिस अधिकारियों के वाहन सीआरपीएफ के नाके से आगे ना आने देने के निर्देश दिए हैं। उनके वहीकल वहीं पार्किंग में खड़े होंगे। अधिकारियों की कार पार्किंग का स्थान भी निश्चित किया गया है। साथ ही पत्रकार बंधुओं की गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था भी अलग से की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से चंडीगढ़- पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की बैठक हुई है। हम पूरी तरह से तैयार हैं और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहेगा।

 

प्रशन:- धरने-प्रदर्शनों से निपटने के लिए किस प्रकार की तैयारियां रहेंगी ?
उत्तर:-
विधानसभा क्षेत्र के अंदर धरने प्रदर्शनों की परमिशन नहीं होती। सम्माननीय विधायक अच्छे ढंग से- सम्मान के साथ विधान परिसर में आए इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना रहेगा। प्रदर्शनकारियों को रोकने की व्यवस्था और जिम्मेदारी चंडीगढ़ पुलिस और प्रशासन की होती है। लेकिन विधायकों के अधिकारों को हम नहीं रोक सकते। आम जनता को विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं देंगे।

 

प्रशन:- बजट पेश करने के बाद रिसेस जैसा कोई नया प्रयोग करने जा रहे हैं, वह क्या है ?
उत्तर:-
प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस बारे चर्चा हुई है। बजट एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो जनता के लिए होता है। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से इस बारे सुझाव मांगे थे कि बजट में किस प्रकार की व्यवस्था की जाए। सभी विधायकों को भी पत्र लिखा गया था। यह प्रयोग अभी विचाराधीन है। अगर इंप्लीमेंट हुआ तो बजट पेश करने के 1 सप्ताह बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। उसके करीब 10 दिन बाद विधायकों की अलग-अलग कमेटी के सुझाव अलग-अलग विभागों बारे देंगे। इन सुझावों पर कितना अमल करना है, यह फैसला तो सरकार का रहेगा। लेकिन विकास की दृष्टि से यह एक अच्छी पहल रहेगी।

 

प्रशन:- यह चीजें विधानसभा परिसर के अंदर होंगी या बाहर ?
उत्तर:-
हमारी अलग अलग कमेटियां बनी हुई हैं जो अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग दिनों में मिलती हैं। यह एक ऐसा ही प्रयास होगा कि अलग-अलग विधायकों की अलग-अलग कमेटियां बनाकर अलग-अलग विभागों की योजनाओं पर खर्चे बारे चर्चा होगी। विधायकों की राय मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी। सभी विधायकों की राय लेकर बजट तैयार होगा। मैं इस फैसले के पक्ष में हूं।

 

प्रशन:- केंद्र ने इस बार पेपर लेस बजट पेश किया, हरियाणा किस स्थिति में है ?
उत्तर:-
पेपर लेस बजट पेश करने का इस बार हमारा विचार था, जिसकी चर्चा ईविधानसभा में ही करते। बजट लैपटॉप और टेबलेट में तो आएगा लेकिन चर्चा के लिए ई विधान सभा के काम में कुछ देरी हुई है। लेकिन हमने प्रशिक्षण का उद्घाटन कर दिया है। शुक्रवार से मिनिस्ट्री ऑफ पार्लियामेंट्री के लोग अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर रहे हैं। जो कि दो-तीन दिन चलेगा। फिर अधिकारी दूसरों को ट्रेनिंग देंगे और जल्द ही विधायकों को ट्रेनिंग देने का इंतजाम भी कर दिया जाएगा। 30 अप्रैल तक ई विधान को हरियाणा में लागू कर दिया जाएगा।

 

प्रशन:- पंजाब से कुछ मामलों को लेकर विवाद है, उन पर कितनी सफलता हासिल हुई ?
उत्तर:-
7 तारीख को पंजाब- हरियाणा- चंडीगढ़ के अधिकारियों की चंडीगढ़ शासक के सलाहकार के अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है और सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। जल्द एक और बैठक होनी है। पंजाब के नए राज्यपाल से जल्द मिलकर अपनी समस्याओं को उनके सामने रखेंगे। जिसमें हरियाणा को विधानसभा का अपना पूरा हक मिलना सबसे महत्वपूर्ण मांग होगी।

 

प्रशन:- कुछ विधायक लगातार विधान कमेटियों से गैरहाजिर रहते हैं। उन पर क्या कार्यवाही बनती है ?
उत्तर:-
3 मीटिंगों में अनुपस्थित रहने वाले विधायक के खिलाफ अगर कमेटी के चैयरमैन लिख कर दें तो स्पीकर के पास उसे हटाने के अधिकार रहते हैं। लेकिन हम हमेशा प्रयासरत रहते हैं कि सभी विधायक विधान परिषदों की बैठकों में हिस्सा लें।

 

 


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Content Writer

Isha

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