बाढ़ के हालातों के बीच अलर्ट मोड पर नजर आए मुख्यमंत्री नायब सैनी
punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 07:46 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): देश के कई राज्य प्राकृतिक आपदा से इस कदर प्रभावित हुए हैं कि लोगों के खेत-खलिहान, मकान व दुकान सब पानी की बर्बादी का दंश झेल रहे हैं। यहां तक कि पड़ौसी राज्य पंजाब व हिमाचल में भी जलप्रलय के कारण हाल बेहाल है मगर सूबे की सरकार की सक्रियता का ही आलम कह लीजिए कि मौसम के बिगड़े ऐसे हालात के बीच भी हरियाणा में पड़ौसी प्रांतों की तुलना में कम नुक्सान हुआ है। चूंकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौसम की संभावित स्थिति को भांपते हुए फील्ड में न केवल सक्रिय नजर आए अपितु प्रशासन को भी चौकस रखते हुए जमीनी स्तर पर बचाव की मुहिम को जारी रखा। इसका नतीजा ये हुआ कि जहां पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर में इस प्राकृतिक आपदा ने भारी नुकसान पहुंचाया है वहीं हरियाणा में किए गए बंदोबस्तों के कारण जलभराव के बावजूद इन राज्यों की अपेक्षाकृत कम क्षति पहुंची है। इसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की दूरदर्शिता कही जा सकती है कि मानसून की आहट से पूर्व ही सी.एम. सैनी ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर लाते हुए फील्ड में सक्रिय कर दिया था।
एक अहम तथ्य ये भी है कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री सैनी मार्च-अप्रैल माह में ही संभावित स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना को अंजाम देने में जुट गए थे तो वहीं देश के अन्य राज्यों की तुलना में कम हुए नुकसान की भी भरपाई के लिए हाथों-हाथ कार्रवाई की मुहिम को भी तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री सैनी ने आशंकित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए जहां खुद फील्ड में उतर कर कमान संभाल ली है तो वहीं उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी सख्त हिदायतों के साथ साथ प्रयासों को सिरे चढ़ाने के लिए अल्टीमेटम भी दिए रखा ताकि कोई भी इस मामले में ढिलाई न बरत सके। चूंकि मुख्यमंत्री स्वयं समीक्षा मसलन किए जा रहे बंदोबस्तों की वस्तुस्थिति को जानने के लिए निरंतर बैठकें करते रहे और इसी की बानगी है कि इतनी भारी जलप्रलय एवं बरसातों के बावजूद हरियाणा में हालात दूसरे राज्यों से कहीं बेहतर हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जलभराव के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा और फसलें भी बर्बाद हुई मगर इसके लिए भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शीघ्र मुआवजा देने की घोषणा की है। अहम बात ये भी है कि हरियाणा ऐसा पहला राज्य है जिसने स्वयं तो यह प्राकृतिक आपदा झेली वहीं पड़ोसी राज्यों की मदद के लिए भी आगे आया। मुख्यमंत्री सैनी ने जहां पंजाब व जम्मू कश्मीर राज्यों को 5-5 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की तो वहीं हिमाचल प्रदेश के लिए राहत सामग्री भेजी। इसी प्रकार से सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हिमाचल प्रदेश को भी 5 करोड़ रुपए की सहायता राशि भेजी। टवीट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हिमाचल प्रदेश में भीषण बारिश व बाढ़ से उत्पन्न हुए हालात बेहद दुखद हैं। संकट की इस घड़ी में हरियाणा सरकार और प्रदेश की जनता प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। हरियाणा मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 करोड़ रुपए की सहायता राशि हिमाचल प्रदेश के राहत कोष में भेजी गई है। यदि किसी भी तरह की राहत सामग्री या सहायता की आवश्यकता होगी, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हमारे प्रदेश की ओर से तुरंत आवश्यक सामग्री व सहायता तत्काल आपके यहां भिजवा दी जाएगी।’
मुख्यमंत्री की विशेष टीम करती रही निगरानी
गौरतलब है कि इस बार देश के कई राज्यों में आई भारी बरसातों ने स्थिति को काफी विकराल कर दिया है। यहां तक की हरियाणा के साथ लगते राज्यों पंजाब अन्य राज्यों के कई जिलों में आई बाढ़ से आम जनमानस के जीवन पर काफी असर पड़ा है, मगर हरियाणा में हालात नियंत्रण में हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मानसून आने से पूर्व ही अपने एक खास विजन के तहत जमीनी स्तर पर काम करते नजर आए। वे बाढ़ बचाव प्रबंधन को लेकर इस कदर संजीदा दिखाई दिए कि मार्च-अप्रैल माह से ही विभागीय अधिकारियों के साथ मंत्रणा करने में जुट गए। उन्होंने 15-15 दिन का समय देते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सभी ड्रेनें जून माह से पहले साफ हो जानी चाहिए। ताकि मानसून सीजन में पानी की निकासी में कोई बाधा न आए और लोगों का नुकसान न हो। उनके स्पष्ट आदेश थे कि मानसून से पहले पूरे हरियाणा की ड्रेन साफ हो जानी चाहिए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी विशेष टीम द्वारा जुटाए गए फीडबैक के माध्यम से अधिकारियों को जिला अनुसार जमीनी हालात दिखाते हुए आदेश दिए थे कि अधिकारी ड्रेनों की सफाई समय पर सुनिश्चित करें। यही नहीं सी.एम. सैनी ने कार्ययोजना को सिरे चढ़ाने की दिशा में अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए चेताया कि यदि किसी भी प्रकार की ढिलाई बरती तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। मसलन मुख्यमंत्री ने अपने इरादों से ये स्पष्ट कर दिया था कि वे कागजी कार्रवाई से नहीं बल्कि जमीनी प्रयासों से ही संतुष्ट होंगे।
आखिरी छोर तक भी पीडि़तों को पहुंचाई मदद
खास बात ये है कि मुख्यमंत्री सैनी द्वारा मानसून आने से पूर्व ही शुरू किए गए बैठकों का ही नतीजा है कि हरियाणा में इस जलप्रलय से भारी नुकसान होने से बचाव हुआ है। वे अपनी इन बैठकों में डे्रन व नदी-नालों की सफाई को लेकर काफी संजीदा थे और उन्होंने बाढ़ राहत के लिए प्रदेश में चलाए जा रहे विभिन्न प्रोजैक्ट्स की भी निरंतर समीक्षा की और प्रदेश के आखिरी छोर पर भी पीडि़तों को मदद पहुंचाई गई।इसका असर ये हुआ कि प्रदेश के सभी जिला अधिकारी भी फील्ड पर सक्रिय रहे और आखिरी छोर तक बचाव व मदद के लिए अपने ‘हाथ’ पहुंचाते रहे। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी ड्रेनों के अंतिम छोर तक निगरानी करते नजर आए। इन सभी प्रयासों का ही परिणाम है कि इतनी भारी बरसात व जलभराव के बावजूद हरियाणा में जानमाल का नुकसान कम हुआ है। मुख्यमंत्री सैनी अब स्वयं उन तमाम क्षेत्रों में स्थिति का जायजा ले रहे हैं जहां जलभराव हुआ। वे लोगों के बीच पहुंच कर स्थिति की जानकारी ले रहे हैं और जिन किसानों का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए भी कार्रवाई को शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री सैनी की ओर से पंजाब में बाढ़ पीडि़तों की खातिर मदद के लिए भी एक विशेष अभियान चलाया हुआ है। इसके साथ ही हरियाणा के किसानों को भी आश्वासन दिया जा रहा है कि जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए सरकार कार्रवाई कर रही है। वे किसानों के पास पहुंच कर उनके बातचीत कर रहे हैं और साथ ही विपक्ष से आग्रह भी कर रहे हैं कि वे ऐसी स्थिति में आपदा में अवसर ढूंढने की बजाए मदद की ओर हाथ बढ़ाएं और सरकार के साथ मिलकर बचाव कार्य में सहयोग दें और साकारात्मक सुझावों का भी सरकार स्वागत करेगी।