पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए मुख्य सचिव ने की बैठक, लंबित मामलों को जल्द निपटाने के दिए निर्देश

punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 08:47 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इन केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का क्रियान्वयन वर्तमान में सात विभागों-उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण, पशुपालन और डेयरी, आयुष तथा स्कूल (माध्यमिक) शिक्षा विभागों द्वारा किया जा रहा है।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक के दौरान, रस्तोगी ने छात्रवृत्तियों के समय पर वितरण की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी संबंधित विभागों को लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार द्वारा वित्तपोषित योजनाओं-अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना तथा ओबीसी विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के घटक-l का पूरा उपयोग किया जाए। 

उन्होंने कहा कि ये योजनाएं स्कूल स्तर पर वंचित समुदायों के विद्यार्थियों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर प्रस्तुत किए जाएं ताकि केंद्र सरकार द्वारा धनराशि की शीघ्र प्रतिपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए, उन्होंने निर्देश दिए कि इन छात्रवृत्ति योजनाओं के कार्यान्वयन से जुड़े सभी संस्थानों, जिला नोडल अधिकारियों और राज्य नोडल अधिकारियों के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक ई-केवाईसी अनिवार्य किया जाए। उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि कोई भी पात्र विद्यार्थी शिक्षा के अवसरों से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग इन केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत लाभों का सुचारू और प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए बेहतर समन्वय के साथ काम करें। 

चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने बताया कि विभाग ने छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, ताकि छात्रवृत्तियां कुशलतापूर्वक और बिना किसी अनावश्यक देरी के वितरित की जा सकें। सेवा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी. अनुपमा ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा प्रायोजित इस योजना में केंद्र और राज्य का वित्त पोषण 60:40 के अनुपात में है। छात्रवृत्तियां दो घटकों के तहत प्रदान की जाती हैं-अनिवार्य गैर-वापसी योग्य (नॉन रिफंडेबल) शुल्क तथा पाठ्यक्रम श्रेणी और छात्र के छात्रावास में रहने या डे स्कॉलर होने के आधार पर प्रति वर्ष 2,500 से 13,500 रुपये तक का शैक्षणिक भत्ता। 

इस योजना के तहत 2.5 लाख तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थी पात्र हैं। डॉ. अनुपमा ने बताया कि ओबीसी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पीएम यशस्वी योजना का घटक-ll है। इस योजना में भी केंद्र और राज्य का वित्त पोषण 60:40 के अनुपात में है। इस योजना के तहत शैक्षणिक भत्ते और ट्यूशन फीस, दोनों को कवर करते हुए प्रति वर्ष 5,000 से 20,000 के बीच छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत भी 2.5 लाख तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थी पात्र हैं। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों की संतृप्ति (सेचुरेशन) और छात्रवृत्तियों का समय पर वितरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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