वन नेशन-वन इलेक्शन कानून में साफ तौर पर नजर आ रहा है अंर्तविरोध: रणदीप सुरजेवाला

punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 09:28 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : वन नेशन-वन इलैक्शन को लेकर गठित की गई संयुक्त संसदीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन शुक्रवार को किया गया। बैठक में कांग्रेस की ओर से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी तथा राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुर्जेवाला व मुकुल वासनिक पहुंचे। बैठक में सर्वाेच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे.एस. केहर एवं जस्टिस डी.वी. चंद्रचूड़ गवाह के तौर पर उपस्थित रहे। बैठक में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप ङ्क्षसह सुर्जेवाला ने तथ्यों के साथ अपनी बात रखी। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने माना कि चाहे वन नेशन-वन इलैक्शन संविधान के आधारभूत संरचना के विरोध में नहीं है, लेकिन संवैधानिक तौर पर यह वैध भी नहीं है। इस कदम से संविधान के अनेक अनुच्छेदों का विरोध झलकता है।

सुर्जेवाला ने कहा कि इस कानून से लोकसभा के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद ही विधानसभा के चुनाव करवाने अनिर्वाय होंगे, लेकिन व्यवहारिक तौर पर इसमें कई तरह की अड़चनें हैं। इससे विधानसभाओं के कार्यकाल पर प्रभाव पड़ेगा और ऐसे में इस कानून में अंर्तविरोध साफ तौर पर नजर आता है। सुर्जेवाला ने कहा कि अगर कोई विधानसभा चुनाव से एक या दो साल पहले भंग हो जाती है, तो उसके चुनाव नहीं हो पाएंगे, क्योंकि नए कानून के तहत चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे और ऐसे में यह जनतंत्र के लिए एक बड़ी समस्या है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने जो प्रारूप तैयार किया है, उसमें कई तरह के संशोधन की आवश्यकता है। प्रारूप में जिस तरह की शक्तियां चुनाव आयोग को प्रदान करने की बात है, वो भी व्यावहारिक नहीं है। सुर्जेवाला ने कहा कि किन्हीं विशेष परिस्थितियों में यदि किसी राज्य की विधानसभा अल्पमत की वजह से भंग हो जाती है या किसी संवैधानिक अड़चन के चलते विधानसभा का कार्यकाल पूरा नहीं होता, तो ऐसे में उस प्रदेश की विधानसभा का जो शेष कार्यकाल रहेगा, क्या उसका कार्यकाल के लिए चुनाव करवाना व्यवहारिक होगा या फिर संसदीय चुनाव के साथ चुनाव करवाने तक उस राज्य की विधानसभा की क्या स्थिति रहेगी? इस पर भी इस कानून के तहत स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

भाजपा पर गरीबों से विश्वासघात करने का लगाया आरोप

वहीं कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने अपनी बहुचॢचत पोस्ट कार्ड सीरिज के माध्यम से भाजपा सरकार पर हमला बोला है। आंकड़े रखते हुए कांग्रेस महासचिव सुर्जेवाला ने कहा कि कई जुल्म जघन्य जुर्म की श्रेणी में आते हैं, बेशक ऐसे जुर्म के लिए कानून की किताब में सजा का प्रावधान नहीं है, लेकिन इंसानियत के लिहाज से यह जुर्म गंभीर है। यह जुर्म है कि किसी के साथ जान बूझकर विश्वासघात करना। पहले विश्वास जगाना, उम्मीद पैदा करना और फिर उसे बेरहमी से कुचल देना वो भी जान बूझकर। यह विश्वाघात का जुर्म किया है प्रदेश की भाजपा सरकार ने। सुर्जेवाला ने कहा कि पिछले 7 माह में प्रदेश में 18 लाख लोगों का नाम गरीबी रेखा की सूची से हटाया गया है। 3 महीने में ही 6 लाख 36 हजार 136 गरीब परिवारों का नाम बाहर किया गया है। चुनाव से पहले स्वयं भाजपा ने माना था कि प्रदेश की 70 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे बड़ी कठिनाई से गुजर बसर कर रही है।

सुर्जेवाला ने कहा कि 8 माह में ही सैनी सरकार ने ऐसा क्या चमत्कार कर दिया कि 18 लाख परिवारों को अमीर बना दिया। यह अमानवीय कदम है। सरकारी सहायता से इन परिवारों को एक साजिश के तहत वंचित कर दिया ताकि गैस की सबसिडी, स्वास्थ्य बीमा, छात्रवृत्ति एवं मनरेगा आदि का लाभ न ले सकें। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या यही भाजपा का अंत्योदय है। यह भाजपा का अंत्योदय न होकर अन्यायोदय है। सुर्जेवाला ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार नए-नए तरीकों से गरीबों पर हमले कर रही है, उनकी कमर तोड़ रही है। गरीबों को 40 रुपए में मिलने वाले सरसों के तेल के अब 100 रुपए वसूले जा रहे हैं। उन्होंने सैनी सरकार से मांग की कि बी.पी.एल. श्रेणी से काटे गए मामले की जांच करवाई जाए और गरीबों को उनका हक दिया जाए। वे और उनकी पार्टी लगातार भाजपा के विश्वासघात के खिलाफ आवाज उठाएंगे और गरीबों की ढाल बनकर उनकी आवाज को बुलंद करते रहेंगे।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने की रणदीप सुर्जेवाला के साथ बैठक

इससे पहले वीरवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एवं उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार नई दिल्ली स्थित कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुर्जेवाला के आवास पर पहुंचे और करीब 4 घंटे तक उनके साथ बैठक की। बैठक में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल की समीक्षा की गई और मंथन किया गया। आने वाले तीन वर्ष के लिए किस तरह की कार्ययोजना बनाई जाए और जनता को किस तरह से राहत दी जाए, इस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कर्नाटक में पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और संगठन के पुर्नगठन को लेकर भी रणनीति पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि रणदीप सिंह सुर्जेवाला को सितंबर 2021 में कर्नाटक राज्य का प्रभारी नियुक्त किया गया था। इसके बाद मई 2023 में कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों को लेकर चुनाव हुए। रणदीप सिंह सुर्जेवाला, सिद्धरमैया एवं डी.के. शिवकुमार ने टिकटों के आवंटन से लेकर कांग्रेस के संकल्प पत्र को लेकर ठोस रणनीति बनाई और उनका सूक्ष्म चुनावी प्रबंधन ही रहा कि कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार बनाई।
 


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Content Writer

Yakeen Kumar

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