धारूहेड़ा चेयरमैन कुर्सी की खींचतान : कांग्रेस बिना सिंबल तो भाजपा सिंबल से उतर सकती है चुनावी मैदान में

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 02:58 PM (IST)

 

रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह) : धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होने की सरगर्मी आज नामांकन दाखिल करने की शुरूआत के साथ ही तेज हो गई। भाजपा चेयरमैन की टिकट के साथ अपने कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि प्रदेश सत्ता में भाजपा की सहयोगी जजपा पार्टी भी चेयरमैन के लिए अपने प्रत्याशी को टिकट दिलाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने सिंबल के साथ चुनाव मैदान में उतरने का करीब-करीब मन बना लिया है। दूसरी कांग्रेस की बात करें तो वह बिना सिंबल ही चुनाव लडऩे की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा रही है। चेयरमैन को लेकर भाजपा-जजपा दोनों ही अपने-अपने प्रत्याशी उतारने की बात कर रहे हैं हालांकि इसका अंतिम निर्णय चंडीगढ़ से ही होगा।

धारूहेड़ा नगर पालिका चुनाव में विजयी पातका फहराने के लिए भाजपा लालयित है और उसकी कोशिश है कि यह चुनाव जीत कर वह किसान आंदोलन एवं कोरोना के कारण अपनी खराब छवि को बेहतर करने का पुरजोर प्रयास कर रही है। सभी जानते हैं कि किसान आंदोलन के नौ माह पूरे हो चुके हैं और आज भी मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पा रहे हैं। गांव-गांव, शहर-शहर में उनका विरोध हो रहा है। इसके बाद कोरोना के दूसरे चरण में भी सरकार की छवि पर सवाल उठे। अब भाजपा धारूहेड़ा उपचुनाव के माध्यम से इन दोनों मामलों से उबरने का प्रयास करेगी। हालांकि आज भी भाजपा-जजपा मंत्रियों का विरोध व काले झंडे दिखाने का दौर जारी है।

अब भाजपा की रणनीति है कि वह चेयरमैन चुनाव पर अपना प्रत्याशी उतारकर उसे विजयी बनाए और पूरे प्रदेश में एक मैसेज दे कि आम लोग उसके साथ हैं और अभी तक जो विरोध हुआ वह सब विपक्ष ने बरगलाकर लोगों से करवाया था। भाजपा सिंबल के साथ चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है और इसके चलते लग रहा है कि धारूहेड़ा चेयरमैन पद के लिए भाजपा अपना ही कार्यकर्ता आगे करेगी। दूसरी ओर जजपा के कुछ नेता चेयरमैन चुनाव में अपने कार्यकर्ता को मैदान में उतारने की बात कर रहे हैं।

हालांकि यह सभी जानते हैं कि दक्षिण हरियाणा में जजपा को कोई अधिक वजूद नहीं है और विधानसभा चुनाव परिणाम में सभी ने इसे भलीभांति देखा भी था। इसी के चलते उपमुख्यंत्री के साथ ही जजपा नेता अपनी जड़े दक्षिण हरियाणा में मजबूत करने के लिए पसीना बहा रहे हैं। कांग्रेस की बात करें तो उसकी गुटबाजी इतने लंबे समय बाद भी दूर नहीं हुई है। संगठन का विस्तार तक नहीं हो पा रहा है और शायद यही कारण हैं कि वह बिना सिंबल के ही चुनाव में उतरेगी लेकिन उसमें ना तो चुनाव लडऩे का जोश दिखाई दे रहा ना ही कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर कोई उत्साह व उनकी तैयारी नजर नहीं आ रही है। भाजपा नेताओं ने वीरवार को मीटिंग की थी। इसमें सिंबल एवं भाजपा कार्यकर्ता को चुनाव मैदान में उतारने को लेकर विचार-विमर्श किया। अब उनकी रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ एवं सीएम मनोहरलाल खट्टर के पास जाएगी। यह दोनों ही अंतिम निर्णय लेंगे और इसी के चलते अब सभी की नजर चंडीगढ़ पर लगी हैं।

चुनावी शेड्यूल पर एक नजर
27अगस्त से दो सितंबर तक सुबह 11 से 3 बजे तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। 29 व 30 अगस्त को अवकाश है। तीन सितंबर को सुबह 11 बजे नामांकन पत्रों की छंटनी होगी। अगले दिन चार सितंबर को सुबह 11 से 3बजे  तक नामांकन पत्र वापिस लिए जा सकेंगे।  4 सितंबर को ही चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। 12 सितंबर को सुबह आठ से शाम साढ़े चार बजे तक वोटिंग होगी। इसके बाद काउंटिंग एवं विजेता प्रत्याशी के नाम का एलान होगा।

 
पिछली बार 13ने नामांकन दाखिल किए तो 10 ने लड़ा था चुनाव
पिछले चुनाव 27 दिसंबर 2020 में हुए नपा चेयरमैन चुनाव में कुल 13 प्रत्याशियों ने चेयरमैन पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। बाद में तीन प्रत्याशियों ने नामांकन वापिस ले लिया था और दस प्रत्याशियों के बीच चुनाव हुए थे। 30 दिसंबर को कंवर सिंह को चेयरमैन चुनाव जीतने का एलान किया गया। इसके बाद चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे संदीप बोहरा ने कंवर सिंह की दसवीं की मार्कशीट को फर्जी बताते हुए शिकायत कर दी। इसके चलते कंवर सिंह शपथ नहीं ले सके। जांच उपरांत 15 मार्च को कंवर सिंह की दसवीं मार्कशीट को अवैध मानते हुए आयोग ने कंवर सिंह को हटा दिया। हालांकि इस मामले को लेकर कंवर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की लेकिन वहां से ना तो स्टे मिला ना ही कोई अन्य आदेश जारी हुआ। इसके चलते अब नए सिरे से चेयरमैन के चुनाव का एलान किया गया है।


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Content Writer

Isha

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