सरकार के आदेश कहीं पड़ न जाए भारी, फिर से बढ़ने लगे हैं कोरोना के नए केस

punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 09:03 PM (IST)

फतेहाबाद (रमेश): कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं और अब व्यवस्था भी धीरे धीरे पटरी पर आने लगी हैं। मगर सरकार के यह आदेश कहीं देश के भविष्य पर भारी न पड़ जाएं। क्योंकि कुछ दिनों की राहत के बाद कोरोना फिर से पूरी रफ्तार से प्रदेश में गति पकड़ रहा है। हालांकि एक बार तो लगा था कि कोरोना कम होते केस और सरकार का स्कूल खोलने का फैसला ठीक है, मगर अब एक बार फिर से पूरे प्रदेश में कोरोना के केस तेजी से आने शुरु हो गए हैं। ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। 

उधर, निजी स्कूलों में कोरोना संबंधी हिदायतों की पालना भी पूरी तरह से होती नजर नहीं आ रही है। प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूल संचालकों को एडवाइजरी जारी की गई थी कि स्कूल में पढ़ाने आने वाले अध्यापक अपना कोरोना टेस्ट जरूर करवाएं, मगर हालत यह है कि कोरोना नियमावली की अन्य हिदायतों को स्कूल प्रशासन पूरा कर रहा है, मगर टीचर्स के कोरोना टेस्ट नहीं करवाए गए। 

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स्कूल प्रशासन और अध्यापकों का कहना है कि वह टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं, मगर सरकार इसे अपने खर्चे पर करवाए, कोई भी अध्यापक खर्चा करके टेस्ट नहीं करवाना चाहता। अब इन हालातों में स्कूल में पढऩे आने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए यह परेशानी बढ़ाने वाला हो सकता है। क्योंकि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से पूर्व तमाम हिदायतों की पालना कर रहे हैं, मगर स्कूल के अध्यापक ही इन हिदायतों को पूरा करने से बच रहे हैं। 

स्कूल में आने वाला कोई भी अध्यापक यदि कोरोना पॉजिटिव हुआ तो बच्चे जरूर मुसीबत में आ सकते हैं। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अगर कोई स्कूल संचालक अपने अध्यापकों का टेस्ट करवाना चाहता है तो वह विभाग से संपर्क कर सकता है, विभाग स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर उनके स्कूल के अध्यापकों का टेस्ट करवाएगा। 


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vinod kumar

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