कोरोना ऐसी बीमारी है जिसमें सबसे पहले मनोबल टूटता है : मूल चन्द शर्मा

punjabkesari.in Thursday, Sep 17, 2020 - 08:53 AM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा के परिवाहन मंत्री मूल चन्द शर्मा का कहना है कि कोरोना ऐसी बीमारी है जिसमें सबसे पहले मनोबल टूटता है जब मुझे मेरे कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली तो डॉक्टर ने मुझे अपने घर परिवार से अलग रहने के की सलाह दी। जबकि डॉक्टर्स ने मुझे कोरोना संक्रमण के दौरान दवाई व खाने पीने को लेकर जो भी हिदायतें दी मैंने उनमे किसी तरह की कोताही नहीं बरती व इस जंग को हौंसले से जीता।

प्रश्न: मूल चंद शर्मा जी, आपने कोरोना से जंग जीत कर ठीक होने के उपरांत फिर से अपने बात का कार्यभार संभाला है जब आप कोरोना संक्रमित हुए तो सबसे पहले आपको कैसी फीलिंग आई?
उत्तर :
करोना ऐसी बीमारी है जिसमें सबसे पहले मनोबल टूटता है जब मुझे मेरे कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली तो डॉक्टर ने मुझे अपने घर परिवार से अलग रहने की सलाह दी। जबकि डॉक्टर्स ने मुझे कोरोना संक्रमण के दौरान दवाई व खाने पीने को लेकर जो भी हिदायतें दी मैंने उनमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती व इस जंग को हौंसले से जीता।

प्रश्न : कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य लाभ के लिए आप कहां रहे और इस दौरान खाने पीने को लेकर आपका किस तरह का डाइट चार्ट रहा?
उत्तर :
इस दौरान मैंने गर्म पानी, सूप, फ्रूट और गर्म भोजन का सेवन किया। जबकि इस दौरान बार-बार गर्म पानी की भाप भी ली। इस दैरान मैंने समय पर भोजन और अपने कमरे में ही मूवमेंट जारी रखी। जबकि इस दौरान मैंने हल्दी वाला दूध का भी सेवन किया। इसके अलावा डॉक्टर्स की बताई गई विटामिन सी और अन्य दवाएं ली। जिसके चलते मैंने 8 दिन के अंदर कोरोना संक्रमण से निजात पाई।

प्रश्न : क्या इसके अलावा आपने होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन भी किया?
उत्तर :
हां डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक मैंने गिलोय और तुलसी का सेवन भी किया। डॉक्टरों ने जो भी सलाह दी मैंने उसका ठीक से पालन किया।

प्रश्न : कोरोना संक्रमण के दौरान आप परिवार, दोस्त, रिश्तेदारों और जनता से कटे रहे। उस दौरान आपकी कैसी स्थिति रही?
उत्तर :
इस दौरान मैंने अपने मोबाइल फोन भी बंद रखें। इस दौरान मैंने महाभारत और रामायण जैसे खूब सीरियल देखे और कई पुरानी किताबें भी पड़ी जो अब तक नहीं पढ़ सका था।मेरा बहुत बड़ा परिवार है जबकि इस दौरान मैं अपने परिवार से भी पूरी तरह से कटा रहा। मन में यह डर था कि मेरे कारण परिवार में कोई अन्य संक्रमित न हो जाए। इसलिए हौंसले के साथ हिदायतों का पालन करते हुए इस बीमारी से निजात पाया।

प्रश्न : अपनी धर्मपत्नी और औलाद से भी इस दौरान कटे रहने के चलते मन में कैसी फीलिंग्स थी?
उत्तर :
यह दुनिया में झूठा झगड़ा है। बेटा या धर्मपत्नी तो अपने सुख के लिए ही बनाये झूठे रिश्ते है। जबकि जब आदमी का समय होता है तो ऊपर वाला ही उसका ध्यान रखता है, भगवान ही उसकी मदद करता है। जब आदमी का समय होता है उस समय तो लोग और जो मित्र साथ होते है वो भी दूरियां बना लेते है। मैं भी यह मानता हूं कि इस तरह की बीमारी में दूरी बनाकर ही रखनी चाहिए। जीवन के उस हालात के बारे में मैं अब ज्यादा नहीं बता सकता।

प्रश्न : कोरोनाकाल चल रहा है और लोग भी भयभीत है। आप ऐसे लोगों को किस प्रकार से प्रेरित करेंगे? 
उत्तर :
मेरी आपके माध्यम से लोगों से अपील है कि इन हालातों में लोग स्वयं अपना बचाव रखें। अपने खाने पीने का ध्यान रखें और अगर कोई किसी से जरूरी बात करनी है तो फ़ोन के जरिये करें। सभी हिदायतों का पालन करते हुए एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें और फेस मास्क का इस्तेमाल करें। जबकि भीड़ से भी बचना चाहिए।

प्रश्न : जिस तरह से अब कोरोना अपने पीक पर है और जो परिस्थितियां हैं। कई जगह से ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें भी आ रही है। आप तो सरकार का हिस्सा हैं। आपका इस पर क्या कहना है?
उत्तर :
इस पर मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लगे हुए है। जबकि वे बार-बार लोगों से कोरोना संक्रमण को लेकर जरूरी हिदायतें बरतने की अपील करते है। कोरोना में ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण पहलू है। अगर ऑक्सीजन कम होगी तो इस पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

प्रश्न : अगर कोरोना से हटकर आपके परिवहन विभाग की बात करें तो अब हरियाणा रोडवेज की बसें सड़कों पर उतरने लगी है। फिलहाल क्या स्टेटस है प्रदेश में बस सेवा का?
उत्तर :
 राज्य से बाहर जाने वाली 300 बसों की शुरुआत की गई है। इससे पहले मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई और अगस्त माह के दौरान हरियाणा रोडवेज के हालात सबसे बद्तर रहे।जबकि इसके बाद अब राज्य से अंतराज्यीय बस सेवा की भी शुरुआत की गई है।

प्रश्न : इंटर स्टेट में कहां-कहां बस सेवा की शुरुआत की गई है?
उत्तर :
इसमे यूपी, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, के लिए शुरुआत की है जबकि एक दो दिन में हिमाचल व अन्य राज्यो के लिए भी बसों की शुरुआत हो जाएगी।

प्रश्न : लॉक डाउन के दौरान मोटे तौर पर परिवहन विभाग को कितना घाटा हुआ?
उत्तर :
लॉक डाउन से पहले हमें रोज 3 करोड़ रुपये की रिसीट होती थी। जो लॉकडाउन के बाद अब 1करोड़ 12 लाख के करीब पहुंच गई है। इसलिए अभी भी रोजाना 2 करोड़ का घाटा है।

प्रश्न : लॉक डाउन के दौरान जब पूरी तरह से बसें बंद रही। इस दौरान हुए कुल घाटे का कोई आंकलन किया गया?
उत्तर :
अभी इसका आकलन किया जा रहा है।

प्रश्न : लॉक डाउन के बाद अब बसें चल पड़ी है। इस दौरान बसों में फिजिकल डिस्टेंसिंग को लेकर जरूरी हिदायतें तो जारी की गई है लेकिन बसों में सैनिटाइजिंग को किस प्रकार से सुनिश्चित किया जा रहा है?
उत्तर :
सभी बस डिपो के जो जीएम और टीएम है यह उनकी जिम्मेदारी है कि बसों की सैनिटाइजेशन हो और सवारियों की टेम्परेचर चेक करने सहित कोरोना को लेकर सभी हिदायतों का पालन हो। हमने लोगों से भी हिदायतों का पालन करने की अपील की है।

प्रश्न : एक बस के अंदर कितनी सवारियां बैठनी तय की गई है?
उत्तर :
फिलहाल 50 प्रतिशत सवारियों के साथ ही बसें चल रही है जबकि मुख्य नियम बसों में फिजिकल दूरी को बनाये रखना है।

 


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Manisha rana

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