धड़ल्ले से चल रहा क्रिकेट व सोने-चांदी के सट्टे का कारोबार, कई लोगों को बना दिया कर्जदार
punjabkesari.in Thursday, Oct 01, 2020 - 10:01 AM (IST)

पलवल (बलराम गुप्ता) : कम समय में अधिक पैसा कमाने की लालसा कभी-कभी पूरे परिवार के लिए दु:खदाई साबित होती है। युवा पीढ़ी में कुछ लोग अधिक पैसा कमाने के लिए आईपीएल जुआ, सट्टा तथा गद्दियों पर चल रहे एमसी एक्स पर पैसा लगा रहे हैं। जिससे जिले में अनेक परिवार बर्बाद हो गए हैं। जब कि काफी परिवार पलायन कर चुके हैं। जिले में यह काला धंधा काफी तेजी से पनपा है। क्रिकेट के आईपीएल मैच और सोने चांदी पर सट्टा खेलने के शौकीनों से पैसे वसूल किए जाते हैं तथा जरूरत होने पर कई गुना रकम पर ब्याज पर रकम उधार दी जाती है, जिससे ज्यादातर जुआरी बर्बाद हो जाते हैं। उनके साथ ही उनके परिवार भी इससे प्रभावित होते हैं।
सट्टा खिलाने का यह कारोबार जिले में धड़ल्ले से चल रहा है। सट्टे के कारोबार से जुड़े लोग मोबाइल और इंटरनेट का सहारा लेने लगे हैं। सट्टा बाजार में आई इस नई तकनीक के माध्यम से इससे जुड़े लोग अब लाखों रुपए की गेम का आदान-प्रदान इंटरनेट के जरिए ही करने लगे हैं। यह भी माना जाता है कि क्रिकेट की हर बॉल पर सट्टा लगता है। यह अवैध कारोबार जिले में तेजी से फैला है। इसके साथ ही इसमें हानि के कारण अनेक परिवार बर्बाद हो गए हैं, तो काफी अपने मकान तथा जायदाद को बेचकर पलायन कर गए हैं।
शहर में आईपीएल सट्टा कारोबार चरम पर है। भले ही पुलिस-प्रशासन हर बार की तरह यह कहे कि उसके पास सूचना नहीं, लेकिन यह बात सौ आना सच है कि जानते सभी हैं, लेकिन उजागर नहीं होने देते। हर मैच पर लगने वाले करोड़ों के दाव में बंधी रकम कुछ खास लोगों तक पहुंचती है, जो कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अफसरों को रोके रखते हैं। चंद नोटों के लिए इस कारोबार पर कभी अंकुश नहीं लग सका। इसका नतीजा लोगों की बर्बादी के रूप में सामने आ रहा है। जिस तरह क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले दिन ब दिन बढ़ रहे हैं, उसी तादाद में क्रिकेट पर सट्टा लगाकर रातों रात लखपति बनने का ख्वाब भी कई युवाओं ने पाल रखा है। सट्टे के इस भंवर में पनपने वालों से बर्बादी की कगार पर आने वालों की संख्या चौगुनी हो चुकी है। फिर भी कोई सबक लेने को तैयार नहीं।
जोरों पर हवाला कारोबार
आईपीएल सट्टे में जितना पैसा लगता है उसका हिसाब शहर के सभी बुकी दिन निकलने से पहले कर लेते हैं। सट्टे में लगने वाली रकम का दूसरे शहरों के बुकी से हवाला के जरिए लेन-देन होता है। एक ओर जहां सट्टा बढ़ा, वहीं दूसरी ओर हवाला का काम करने वालों के भी दिन फिर गए हैं। ऐसे लोग भी पुलिस से सांठ-गांठ बनाकर धंधा कर रहे हैं, ताकि कोई आंच न आए। आईपीएल सट्टे की जानकारी रखने वाले एक व्यापारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि हारने के बाद कई ने तो अपनी संपत्ति तक गिरवी रख दी है।
इसके बावजूद अधिक कर्ज होने पर बाद में या तो मध्यस्तता करने वाला किसी तरह बुकी से समझौता कराता है या फिर रकम अदा करता है। सट्टा लगाने वालों में स्कूल-कॉलेज के छात्र और युवा व्यापारी अधिकांश हैं। इनके पास आय के समुचित स्त्रोत होने की वजह से दांव हारने पर ये गलत रास्ता अपना रहे हैं। कुछ अपने ही घर में चोरी करने से नहीं चूक रहे, तो कुछ झूठ बोलकर परिजनों से रकम ले रहे हैं। शहर के कुछ बुकी ऐसे हैं जो तीन साल में करोड़ों के आसामी बन गए।