सोशल मीडिया के जरिए साइबर क्राइम में हो रहा इजाफा, 5 माह में आई 5600 शिकायतें
punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 10:12 AM (IST)
गुडग़ांव : कोरोना काल में जालसाजों ने बैंक उपभोक्ताओं को जमकर शिकार बनाया है। जिसमें ज्यादातर लोग सोशल मीडिया के माध्यम से इन जालसाजों का शिकार हुए हैं। वहीं आए दिन बढ रहे साइबर क्राइम को लेकर भी पुलिस सतर्क हो गई है। ऐसे जालसाजों पर लगाम लगाने के लिए न केवल लोगों को जागरुक किया जा रहा है बल्कि ऐसा करने वाले जालसाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी पुलिस की तरफ की जा रही है। वहीं साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को लेकर भी पुलिस आयुक्त केके राव भी गंभीर है।
बता दें कि गत वर्ष मार्च माह से कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया था, जिससे अधिकत्तर लोगों के कार्यालय, कंपनी, फैक्ट्री सब बंद हो गई थी। तीन माह तक रहे लॉकडाउन के कारण बहुत से लोगों को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा था। बढ़ती बेरोजगारी के कारण लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से बैंक उपभोक्ताओं को अपना शिकार बनाया। गत वर्ष 2020 में साइबर क्राइम थाना पुलिस के पास 1279 शिकायतें पुलिस के पास दर्ज की गई। इनमें ज्यादातर लोग बैंक फ्रॉड के सोशल मीडिया के माध्यम से शिकार हुए हैं। अगर इस वर्ष की बात करें तो पिछले पांच माह में साइबर क्राइम थाना पुलिस के पास करीब 5600 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से लोग ज्यादा हुए शिकार
जैसे-जैसे लोगों की दिलचस्पी सोशल मीडिया पर बढ़ी है वैसे-वैसे ही लोग सोशल मीडिया के माध्यम से साइबर क्राइम का शिकार हुए हैं। इनमें ज्यादातर धोखाधड़ी ऑनलाइन खरीददारी या बैंक केवाईसी के नाम पर हुई है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देकर जालसाज अपना शिकार बनाते हैं। लालच में आकर लोग ज्यादा धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
साइबर बुलिंग के भी बढ़ रहे मामले
साइबर क्राइम में अब साइबर बुलिंग के भी धीरे-धीरे मामले बढऩे लग गए हैं। इसमें जब किसी भी व्यक्ति को डराने, धमकाने, ब्लैकमेल करने या यौन प्रताडित करने के लिए साइबर तकनीक का इस्तेमाल हो तो इसे साइबर बुलिंग कहा गया है। इस तरह के अपराध मुख्यत तीन तरह के होते हैं। पहला किसी को असभ्य, घटिया संदेश भेजना, दूसरा सोशल नेटवर्किंग साइट पर असभ्य टिप्पणी करना और तीसरा किसी को फोटो, वीडियो जैसी सामग्री भेजकर जानबूझकर तंग करना और डराना है। 2019 की अगर बात करें तो पुलिस के एक अनुमान के अनुसार करीब 100 से 120 के आसपास साइबर बुलिंग के माममले सामने आए थे जो अब बढ़कर करीब 150 के आसपास चले गए हैं।
मोरफिंग के द्वारा भी लोगों को बनाया जा रहा शिकार
तेजी से दौड रही जिंदगी में सोशल मीडिया का अहम योगदान है। खासतौर पर सूचनाओं के अदान-प्रदान में सोशल मीडिया ने परंपरागत साधनों को पीछे छोड़ दिया है। कोरोना संकट के हुए लॉकडाउन में तो सोशल मीडिया पढाई का प्लेटफार्म भी बन गया है। ऐसे में मोरफिंग का मतलब होता है कि फोटो एडिट कर शरीर किसी और का और चेहरा किसी ओर का लगाकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को ब्लैकमेलिंग का शिकार भी बनाया जा रहा है।
इन प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों को बनाया जा रहा शिकार
सोशल मीडिया के प्रचलन के बाद से पुलिस को भी उसी की तरफ से अलग से विभाग बनाया गया है, जो सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से क्राइम होते हैं उनको सिर्फ साइबर क्राइम थाने में ही शिकायत दी जाती है और उसका निपटान भी साइबर क्राइम पुलिस करती है। ज्यादातर लोग फेसबुक, पेटीएम, व्हट्सअप, लोन, इंस्टाग्राम, ट्विट व अन्य सोशल साइट्स पर लोगों को अलग-अलग तरीकों से साइबर अपराध का शिकार बनाया जा रहा है।
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