दादरी की बेटी ने जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में जीता GOLD, परिजन बोले- बेटी नहीं बल्कि बेटा पैदा किया है...

punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 12:57 PM (IST)

चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : पिछले दिनों ग्रीस में आयोजित जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर घर लौटने पर गांव बौंद खुर्द के सरपंच की बेटी रचना परमार उर्फ भंभो पहलवान का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। वहीं पिता सरपंच अजीत नंबरदार का सपना बेटी को ओलपिक में गोल्ड जीतने का है। पिता ने कहा कि बेटी को ओलंपिक में खिलाने के लिए चाहे जमीन बेचनी पड़े तो बेच देंगे। बेटी नहीं बल्कि बेटा पैदा किया है और बेटी का सपना पूरा करवाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।

बता दें कि गांव बौंद खुर्द की महिला सरपंच क्षमा देवी की मात्र 17 वर्षीय बेटी रचना परमार उर्फ भंभो पहलवान ने अंडर-17 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। रचना ने ग्रीस में आयोजित प्रतियोगिता के फाइनल में चीन की खिलाड़ी को 3-0 से हराया है। रचना ने 43 किलोग्राम भारवर्ग में यह उपलब्धि हासिल की है। वहीं करीब एक माह पहले रचना परमार ने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। भारतीय कुश्ती फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण भी बौंद में आयोजित कार्यक्रम में रचना परमार को सम्मानित करने पहुंचे थे। गीता-बबीता फोगाट बहनों से प्रेरणा ले कुश्ती के दंगल में उतकर रचना परमार अब तक अनेकों मेडल अपने नाम कर चुकी है।

रचना के पिता सरपंच प्रतिनिधि अजीत नंबरदार और माता सरपंच क्षमा देवी ने कहा कि रचना ने अपनी कड़ी मेहनत के बूते कुश्ती के दंगल में प्रतिभा दिखाते हुए पूरे विश्व में नाम रोशन किया है। अब बेटी को वे ओलंपिक में खेलने देखना चाहते हैं ताकि देश के लिए मेडल जीतकर रिकार्ड बना सके। इसके लिए उनको जमीन बेचनी पड़े तो बेच देंगे। वहीं गोल्ड विजेता रचना परमार ने कहा कि करीब 8 साल पहले वह अपने भाई के साथ अखाड़ा में गई थी और खेल शुरू किया। इस दौरान कोच ने उनकी प्रतिभा निखारी और कड़ी मेहनत के बूते वे इस मुकाम पर पहुंची हैं। 

रचना ने कहा कि वह डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण को प्ररेणास्त्रोत मानती हैं। ब्रजभूषण शरण पर लगे आरोपों को लेकर कहा कि ब्रजभूषण शरण ने कुश्ती को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई तो देश को अनेकों मेडल मिले हैं। यहीं कारण है कि वे खुद आज वर्ल्ड चैंपियनशीप में गोल्ड तक का सफर कर पाई है और अब भविष्य में 2028 को ओलंपिक में खेलना और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना ही उसका लक्ष्य है।

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Content Editor

Deepak Kumar

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