दादरी के शहीद बलजीत चौहान का अंतिम संस्कार, बड़े भाई ने दी मुखाग्नी, साल 2018 में जॉइन की सेना
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 05:20 PM (IST)
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : पंजाब के पठानकोट में कमांडो ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुए बौंद कलां निवासी बलिदानी बलजीत चौहान का पार्थिव शव उनके पैतृक गांव पहुंचा। शव आने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में युवा बाइक लेकर खेरड़ी मोड़ पहुंचे और वहां से तिरंगा लगी बाइकों के जत्थे के साथ शव को गांव लाया गया। इस दौरान भारत माता की जय, वंदेमातरम, शहीद बलजीत अमर रहे के नारे लगाए गए। उनकी अंतिम यात्रा में सांसद, विधायक सहित प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए और उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। शहीद के बड़े भाई प्रीतन ने उनको मुखाग्नी दी और अपाहिज पिता विक्रम चौहान ने व्हील चेयर से पहुंचकर बेटे को अंतिम विदाई दी।
बता दें कि 25 वर्षीय बलजीत चौहान साल 2018 में भारतीय सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वे 13 पैरा कमांडो बटालियन में आगरा में तैनात थे। वर्तमान में वे पंजाब के पठानकोट में एनएसजी कमांडों की ट्रेनिंग के लिए गए हुए थे। उसी दौरान पानी में अभ्यास के दौरान वे शहीद हो गए। उनका पार्थिव शव एनएच 152डी से होते हुए गांव बौंद कलां लाया गया।
इस दौरान भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, दादरी विधायक सुनील सांगवान, एसडीएम योगेश सैनी, डीएसपी धीरज कुमार व नायब तहसीलदार साहिल दलाल इत्यादि ने पार्थिव शव पर पुष्पाजंलि अर्पित कर नमन किया। बौंद कलां के सरकारी कालेज के सामने सैन्य सैनिक गार्ड ने हवा में गोलियां चलाकर सलामी दी और सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पिता व्हील चेयर से अंतिम विदाई देने पहुंचे और कहा कि बेटे ने देश के लिए कुर्बानी देकर परिवार व क्षेत्र का नाम ऊंचा कर दिया है।
वहीं सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि शहीदों की बदौलत ही देश सुरक्षित है। विधायक सुनील सांगवान ने कहा कि उनके भी बेटा-बेटी फौज में हैं और एक पिता ही बेटा की शहादत का दर्द जान सकता है। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्र के युवाओं व विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व दूसरे संगठनों से जुड़े लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें नम आंखों से विदाई दी।