चूना लगाने वाले मिलरों ने चावल बदलने की कोशिश की तो कानूनी कार्रवाई को तैयार रहें: दास

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 06:20 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): आढ़तियों और किसानों की तरफ से आ रही पेमेन्ट की दिक्कत के बारे में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि आढ़ती खरीदे हुए माल को आई-फार्म के तहत अगले दिन उठान करवाता है और मिल में भेजता है। फिर मिल उस माल की पहुंच की रिसिविंग देता है और कन्फरमेशन आती है कि आई-फार्म के मुताबिक माल पहुंच गया है। उसके बाद जिला उपायुक्त या जिला खाद्य एवम् आपूर्ति अधिकारी आई-फार्म की एपू्रवल देते हैं। इस प्रोसेस में करीब 4 दिन का समय लगता है। उसके 3 दिन के अन्दर-अन्दर किसान या आढ़ती के खाते में पेमेन्ट भेज दी जाती है।

दास ने कहा कि 1 अक्तूबर को ऑनलाईन खरीद शुरू कर दी गई थी। जिनकी पेमेन्ट करनी शुरू कर दी गई है। 440 करोड़ रूपये की पेमेन्ट के लिए बैंक के साथ प्रोसेस शुरू कर दिया गया है, जो कि धीरे-धीरे किसान या आढ़ती के खाते में भेजी जा रही है।

दास ने बताया कि धान की खरीद के पहले हफ्ते में आफ लाईन खरीद की गई, क्योंकि उस समय कुछ वो लोग पहुंच गए थे जो या तो रजिस्ट्रड ही नहीं थे या फिर बुलाए नहीं गए थे। इसलिए उनका माल आफलाईन खरीदा गया। उन्हें ई-लाईन करने का काम चल रहा है। जिसके तुरन्त बाद पेमेन्ट कर दी जाएगी। केवल इस प्रकार के किसानों की पेमेन्ट होने में ही देरी हो रही है।

इस मौके पर दास ने बताया कि 3 माह पहले 2 ट्रक दूसरे राज्य के चावलों से भरे पकड़े गए थे। जांच के बाद एक मिलर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई। उन्होंने कहा कि इस बार मिल मालिक इस प्रकार की गलती बिल्कुल न करें। जो धान हम मिलों में भेज रहे हैं। उन्ही का चावल बनाकर वापिस लौटाएं, अगर कोई भी मीलर विभाग की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करेगा तो बख्शा नहीं जाएगा।


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Shivam

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