बोल और सुन नहीं सकते...फिर भी जीवन में खुशियों की है भरमार, हिसार का मूकबधिर परिवार बना लोगों के लिए मिसाल
punjabkesari.in Monday, Jul 21, 2025 - 04:43 PM (IST)

हिसार : आइए आपको बताते हैं एक ऐसे परिवार से जिसमें मां-बाप, बेटा-बेटी सभी जन्म से मूकबधिर हैं। यह परिवार हरियाणा के हिसार जिले का रहने वाला है। ये सभी इशारों में बातें कर रहे हैं लेकिन ये कमी उनकी खुशियों के बीच कभी नहीं आई। सभी के चेहरों पर खुशी है। यह परिवार लोगों के लिए मिसाल बन गया है।
पूरे परिवार ने बोल सुन न सकने से आने वाली दिक्कतों का हल भी खुद ही निकाल लिया है। उन्होंने डोरबेल से हर कमरे में एक बल्ब को जोड़ दिया है। जैसे ही कोई बेल बजाता है तो कमरों में लाइट जल जाती है। फोन पर एक दूसरे से वीडियो कॉल के जरिए बात करते हैं। हर रविवार पूरा परिवार बाहर घूमने जाता है। कहीं इशारों से तो कहीं लिखकर बात करते हैं।
जानकारी के मुताबिक हिसार में पटेल नगर कॉलोनी के रहने वाले 42 वर्षीय विजय अरोड़ा बचपन से बोल-सुन नहीं सकते थे। प्राइमरी तक पढ़ाई के बाद पिता ने टेलरिंग का काम सीखा दिया। कुछ ही साल में इलाके के अच्छे टेलरों में गिने जाने लगे। शादी के लिए सामान्य युवतियों के रिश्ते आने लगे, लेकिन पिता को बताया कि शादी अपनी ही तरह मूकबधिर से करूंगा। फिर सिरसा की कुसुम से विजय की शादी हुई। कुसुम भी जन्म से मूकबधिर हैं। शादी के चार साल बाद बेटी जाह्नवी ने जन्म लिया। वह जब 3 माह की हुई तभी डॉक्टरों ने कह दिया वह भी बोल-सुन नहीं सकती। इसके 4 साल बाद बेटा हुआ। वह भी बोल-सुन नहीं सकता था। अभी 10 साल का बेटा मूकबधिर स्कूल में पांचवीं और 14 साल की जाह्नवी नौवीं में पढ़ती हैं। जाह्ववी को आईएसएलआरटीसी, दिल्ली के सांकेतिक भाषा कहानी लेखन में देश में पहला स्थान मिला था। 2024 में सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग बालिका का राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था।
दोनों बच्चे हैं होनहार
बता दें कि दोनों बच्चे बहुत होनहार हैं। यह दोनों 'सरल एंड जाह्वनी शो' के नाम से यूट्यूब चैनल चलाते हैं। जाह्नवी बड़ी होकर मूक-बधिर लोगों के लिए एंकर बनना चाहती हैं। सरल स्कूल लेवल पर अच्छे धावक हैं। इसी में अपना करिअर बनाना चाहते हैं।
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