हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों का मांगा ब्यौरा, हो सकती है सख्त कार्रवाई

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2020 - 11:19 AM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा सरकार के तेवरों से लगता है कि हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जा सकता है, क्योंकि मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों से हड़ताली कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है। मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्त व विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर हड़ताल दौरान आम जनता के संबंध में वैकल्पिक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव के पत्र अनुसार हड़ताल दौरान आम नागरिकों को किसी तरह की परेशानी न आए, इसकी उचित व्यवस्था करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि हड़ताल का आह्वान करने वालों के साथ बातचीत की जाए, ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। मुख्य सचिव ने कहा कि हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों की सूची बनाई जाए। हड़ताल दौरान गैर-हाजिर रहने वाले कर्मचारियों की उपस्थिति अथवा हाजिरी का ब्यौरा दोपहर 12 बजे तथा शाम 4 बजे चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय को भेजा जाए।

राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज, कर्मचारियों ने कसी कमर
केंद्र व राज्य सरकार की कर्मचारी व मजदूर नीतियों के खिलाफ 8 जनवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर कर्मचारियों ने कमर कस ली है। सर्व कर्मचारी संघ का दावा है कि इस हड़ताल में सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, परिषद, पालिकाओं, पंचायती राज संस्थाओं,पंचायत समितियों,सहकारी समितियों और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित परियोजनाओं में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मचारी शामिल होंगे।

इस हड़ताल में केंद्र सरकार के कर्मचारी,बैंक व बीमा के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले कर्मचारी भी भाग लेंगे। हड़ताल में मजदूर संगठन सीटू, एटक, इंटक, एच.एम.एस., ए.आई.यू.टी.यू.सी., इफ्टू से जुड़े विभिन्न कारखानों व असंगठित क्षेत्र के मजदूर भी शामिल होंगे। अखिल भारतीय किसान सभा सहित कई किसान संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में धरने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। कई छात्र संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।

आवश्यक सेवाएं नहीं होंगी बाधित 
सुभाष लांबा ने बताया कि नीतिगत निर्णय तहत आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी कारण से कोई आवश्यक सेवा बाधित होगी तो कर्मचारी हड़ताल पर रहते हुए बाधित सेवाओं को बहाल करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जन सेवाओं और रोजगार को बचाने व नव उदारवादी आॢथक नीतियों के खिलाफ आंदोलन जनता के सहयोग व समर्थन से ही जीता जा सकता है। इसलिए ही 8 जनवरी की हड़ताल का समर्थन आम जनता, किसान व छात्र भी कर रहे हैं।

सरकार ने हड़ताल के लिए किया मजबूर 
संघ नेताओं ने कहा कि गठबंधन सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं का बातचीत से समाधान करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद मुख्य सचिव को 20 दिसम्बर को हड़ताल का नोटिस भेजकर 20 सूत्रीय मांग पत्र भेजा था। मांगों का समाधान तो सरकार ने बातचीत तक करना जरूरी नहीं समझा। इसलिए सरकार ने हड़ताल करने पर मजबूर किया है।


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Isha

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