विधायक निवास से मात्र 100 मीटर की दुरी पर हो रहा राष्ट्रध्वज का अपमान, प्रशासन नही ले रहा कोई सुध...
punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2024 - 12:01 PM (IST)
कैथल, (जयपाल रसूलपुर); देश की आन बान और शान कहे जाने वाले तिरंगे का कैथल में सरेआम अपमान हो रहा है। शहर में ढांड रोड पर स्थित सावित्री बाई फुले चौक पर फटा हुआ राष्ट्र ध्वज फहरा रहा है। हैरानी वाली बात ये है कि यह चौक कैथल विधायक लीलाराम के निवास से मात्र 100 मीटर की दुरी पर है। यहां से हररोज शहर के बुद्धि जीवियों के साथ-साथ मे शहर के सभी बड़े अधिकारियों का भी आना-जाना लगा रहता है, लेकिन किसी की नजर देश राष्ट्रध्वज पर नहीं गई।
वही नियम की अगर बात करें तो जिस व्यक्ति या संस्था द्वारा यहां तिरंगा फहराया गया था। मौलिक तौर तिरंगे के रखरखाव की भी उन्हीं की जिम्मेदारी बनती है। इस तरह एक बार तिरंगे को लगाकर दोबारा उसकी देखभाल नहीं करना और सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए तिरंगे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं नगर परिषद के अधिकारियों को भी चाहिए कि शहर की तमाम सरकारी इमारतें पर लगे हुए तिरगों की जांच करवाए और जहां तिरंगा पटाया या मैला मिलता है उसको तुरंत बदलवा देना चाहिए ताकि हमारे रास्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान ना हो और यह बड़ी शान से लहराए।
बता दें कि नगर पार्षदों द्वारा प्रस्ताव पास करने के बाद शहर के ढांड रोड पर स्थित इस चौक का नाम माता सावित्रीबाई फुले के नाम से रखने की मांग की गई थी। नगर परिषद अध्यक्ष सुरभि गर्ग ने पार्षदों के साथ विचार-विमर्श कर चौक पर बीचों-बीच एक क्लॉक टावर (घंटाघर) बनाए जाने बात कही थी, जो अभी पूरी नही हो पाई।
यदि तिरंगा फट जाता है तो क्या करें ?
भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया था। जिसे आम आदमी को भी तिरंगा फहराने की आजादी मिली थी। लेकिन तिरंगा झंडे को लेकर कुछ नियमों का पालन सभी को करना पड़ता है। जिसके अंतर्गत फटा या मैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए। यदि झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से बदल दिया जाए।
फटा हुआ तिरंगा फहराने पर है 3 साल की जेल:
ध्वज संहिता के अनुसार ही तिरंगे को फहराना चाहिए या नष्ट करना चाहिए। ध्वज संहिता के धारा दो में कहा गया है कि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते, कुचलते, फाड़ते या नियम विरुद्ध ध्वजारोहण करते पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल या जुर्माना देने का दंड मिल सकता है। व्यक्ति को जेल और जुर्माना दोनों ही सजा दी जा सकती हैं।