सोनीपत के गुरु-शिष्य की जोड़ी ने रचा इतिहास, पैरा एशियन गेम्स में जीता सिल्वर व ब्रॉन्ज
punjabkesari.in Tuesday, Oct 24, 2023 - 03:19 PM (IST)

सोनीपत: हरियाणा के खिलाड़ियों ने भारत की झोली में दो और मेडल डाल दिया है। चीन में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में गुरु-शिष्य की जोड़ी ने मेडल जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। धर्मवीर नैन ने क्लब थ्रो में सिल्वर मेडल जीता है तो वहीं गांव बैंयापुर के गुरु अमित सरोहा ने ब्रांज मेडल अपने नाम किया है। अमित और धर्मवीर के मेडल जीतने के बाद उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। आपको बता दें कि अमित सरोहा के धर्मवीर नैन के कोच हैं, उनके ही निर्देशन में धर्मवीर प्रैक्टिस करते थे। चीन में जीते इस मेडल को मिलाकर यह अमित का पांचवां मेडल है। इसके साथ ही फरीदाबाद के युवा एथलीट प्रणव सूरमा ने गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने 6 थ्रो किया किए और लीगल रहे। दूसरे प्रयास में सूरमा ने 30.01 मीटर थ्रो किया जो बेस्ट था। इसी थ्रो ने उन्हें गोल्ड दिलाया और नया गेम्स रिकार्ड भी सेट कर दिया।
वहीं उनके शिष्य धर्मबीर नैन ने गुरु से आगे बढ़ते हुए देश को इस स्पर्धा का रजत पदक दिलाया है। धर्मबीर नैन को भी बचपन से ही खेलने का शौक रहा है। तीन बहनों का इकलौता भाई होने के कारण परिवार ने घर से बाहर जाकर खेलने की अनुमति नहीं दी। जून 2012 में जब वह एमए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे, तब दोस्तों के साथ नहर में नहाने के लिए गए थे। नहाने के लिए नहर में छलांग लगाई, लेकिन जलस्तर कम होने से गर्दन सीधा जमीन से जा टकराई। इस हादसे में रीढ़ की हड्डी टूट गई और आधे से ज्यादा शरीर ने काम करना बंद कर दिया था। दिल्ली में इलाज करने के बाद 6 महीने गुरुग्राम में आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण लिया। जिस खेल से परिवार दूर रखना चाहते थे, इत्तफाक से खेल का मोह दुर्घटना के बाद भी नहीं छूटा और खुद को ऐसा तैयार किया कि हर कोई उनकी काबिलियत का लोहा मान रहा है। वर्ष 2013 से वह अमित के सानिध्य में रहकर आगे बढ़ते चले गए। वर्ष 2018 एशियन गेम्स में अमित ने स्वर्ण व धर्मबीर ने रजत पदक जीता था।
पैरा एशियन गेम्स में अमित सरोहा और उनके शिष्य धर्मबीर नैन की जोड़ी ने क्लब थ्रो एफ-51 स्पर्धा में भाग लेकर पहले ही दिन देश की झोली में दो पदक डाले हैं। अमित सरोहा ने प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है। अमित सरोहा इससे पहले वर्ष 2010, 2014 व 2018 एशियन गेम्स में दो स्वर्ण व दो रजत पदक जीत चुके हैं। उन्होंने अब पांचवा पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। इससे पहले अमित ने वर्ष 2017 में लंदन में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में 30.27 मीटर थ्रो लगाकर रजत पदक देश को दिलाया था। सड़क दुर्घटना में दिव्यांग होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत व जुनून से नई बुलंदियां हासिल की। अमित सरोहा ने अपनी प्रतिभा को खुद तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद काफी खिलाड़ी तैयार किए। युवाओं की उभरती पीढ़ी के यूथ आइकन बने अमित सरोहा काफी खिलाडिय़ों को तराश चुके हैं।
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