हरियाणा कांग्रेस में फिर सामने आई कलह, पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने हार की समीक्षा के लिए बनी कमेटी पर उठाए सवाल
punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2024 - 06:27 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा विधानसभा चुनावों में मिली शिकस्त के बाद भी कांग्रेस में अंतर कलह का सिलसिला अभी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब पार्टी के पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने पार्टी की ओर से हार के कारणों की जांच के लिए बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पर सवाल उठा दिए हैं। गोगी ने कहा कि इस कमेटी में जो लोग शामिल हुए हैं, वह खुद चुनाव हारे हुए हैं। कमेटी में चौधरी वीरेंद्र सिंह और कैप्टन अजय यादव जैसे नेता को शामिल करना चाहिए था।
पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि जिन लोगों की कमियां है उन लोगों ने 8 सदस्य कमेटी में अपने-अपने आदमी बिठा दिए हैं, ताकि हार में उनका नाम ना आए। जब असलियत ही सामने नहीं आएगी तो पार्टी में किस तरह से सुधार होगा, जिन्होंने कभी अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं निभाई वो रिपोर्ट कैसे बनाएंगे। गोगी यही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि वे इस कमेटी से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। गोगी के मुताबिक कमेटी में कुछ लोग ऐसे होने चाहिए थे जो विरोध कर रहे हैं, मसलन कैप्टन अजय सिंह यादव, बीरेंद्र सिंह सरीखे वरिष्ट नेता जो अनुभवी हैं।
शमशेर गोगी ने कहा कि हाईकमान जिसे भी प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी हम उसके साथ हैं। गोगी के मुताबिक पार्टी का काफी नुकसान हो चुका है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से अब 8 सदस्यीय कमेटी नियुक्त की गई है। कमेटी एक सप्ताह में विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की रिपोर्ट बनाकर आलाकमान को सौंपेगी। कमेटी कांग्रेस के विधायकों और 90 विधानसभा पर चुनाव लड़े कांग्रेस के उम्मीदवारों से चर्चा के आधार पर ये रिपोर्ट बनाएगी।
करण दलाल के नेतृत्व में बनाई कमेटी
हरियाणा कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की जांच के लिए पूर्व विधायक करण सिंह दलाल के नेतृत्व में आठ सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। बता दें कि दलाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी हैं। ऐसे में सैलजा गुट से संबंधित माने जाने वाले गोगी की ओर से कमेटी को लेकर उठाए गए सवालों से एक बार फिर से कांग्रेस की गुटबाजी सामने आ गई है।
नहीं हो पाया नेता विपक्ष का ऐलान
हरियाणा में विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तारीख की घोषणा हो चुकी है, लेकिन इन सबके बीच अब तक कांग्रेस की ओर से सदन में अपने नेता का नाम तय नहीं किया गया है। गुटबाजी के चलते विधानसभा चुनाव में मिली हार ही नेता विपक्ष के चुनाव में भी आड़े आ रही है। एक ओर जहां सैलजा गुट किसी भी सूरत में भूपेंद्र हुड्डा को फिर से पावर में नहीं आने देना चाहता। वहीं, हुड्डा गुट भी खुद को फिर पार्टी में स्थापित और साबित करने में लगे हैं।
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