सूरजकुंड मेले में सर्वश्रेष्ठ कला,परपंरा और शिल्प का प्रदर्शन, लोगों को मिला रहा धर्म का ज्ञान

punjabkesari.in Thursday, Feb 16, 2023 - 04:49 PM (IST)

फरीदाबाद(अनिल राठी):  शहर में मशहूर 36 वां सूरजकुंड मेला पूरे देश में जोर-शोर से चल रहा है। इस मेले में जहां एक तरफ विभिन्न राज्यों व विदेशों की सर्वश्रेष्ठ कला, परम्परा, शिल्प, लोग संगीत व संस्कृति का बेहतरीन प्रदर्शन हो रहा है। वहीं दूसरी तफर एक अनोखा स्टाल ऐसा भी है,जहां से मेले में आए इंसानों को स्वाभाविक परिवर्तन की राह दिखा रहा है। आने वाले सुनहरी युग-सतयुग की नैतिक संस्कृति से परिचित कर तद्नुरूप ढ़लने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।  

 

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युग नाटक उद्घोष नामक नृत्य ने सज्जनों को जगाया

 

बता दें इस में कई तरह से स्टाल और प्रदर्शनियां भी देखने को मिल रही है। जो लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। बुधवार को यहां के युवा सजनों ने मेले की चौपाल न0 1 पर युग परिवर्तन उद्घोष नामक नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की गई। इस नाटिका के द्वारा सज्जनों को जनाया गया कि युग परिवर्तन कुदरत की एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत् निश्चित समय अवधि के पश्चात् युग बदलते रहते हैं और सतयुग से त्रेता और त्रेता से द्वापर, द्वापर से कलियुग और कलियुग के बाद फिर सतयुग आ जाता है।

 

 

अंधकार को दूर कर प्रकाश में आने के लिए दिया गया संदेश

 

इस परिप्रेक्ष्य में अगर वर्तमान स्थिति का आंकलन करे तो पाप और अधर्म का युग कलियुग जा रहा है। सत्य, धर्म और पुण्य का प्रतीक सतयुग आ रहा है। यानी जीवन का पुराना तरीका, अपना मूल्य खो रहा है और नया दिव्य युग जन्म ले रहा है। इस सतयुग में प्रवेश पाने हेतु अपने ही भीतर छिपे दिव्य चेतना के स्रोत की खोज कर, सत्-वस्तु की विशेष प्रवृत्ति, नीति-रीति, चाल, आहार-आचार-विचार व व्यवहार को दृढ़तापूर्वक आत्मसात् करने में कामयाब हो जाओ।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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