हमारा टारगेट दुष्यंत को सी.एम. बनाने का था, अब हम उन्हें लाल किला लेकर चलेंगे : दिग्विजय

punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2020 - 09:54 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने इसे लोगों को आड़े हाथों लिया जो दिग्विजय-दुष्यन्त में अंतर समझते हैं। हमारे दोनो भाईयों में कोई मतभेद न है न हो सकता है। कुछ शरारती तत्व अपने व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्त्ति के लिए कुछ भी प्रचार करते रहते हैं। हम उनकी बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेते हैं। पहले तो हमारा टारगेट दुष्यन्त को मुख्यमंत्री बनने का था, लेकिन अब हम दुष्यंत को लाल किले भी लेकर चलेंगें।

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दुष्यंत की बेहतरीन कार्यप्रणाली से उन लोगों के पेट मे दर्द है जिन्हें यह लगता है कि 32 साल में जब यह कहाँ पहुंच गया है। दुष्यन्त की उम्दा वर्किंग से कइयों की दुकानदारी खतरे में पड़ गई है। एक दल की दुकानदारी तो बन्द हो ही चुकी है। ऐसा ही भय कांग्रेस को भी है। दुष्यन्त अपने दस विभागों को ऐसा जवाबदेह बनाने लगे है कि साढे चार साल बाद जब चुनाव में जाएं तो कोई यह न कहे कि आपके विभाग में फला कमी थी। बरोदा चुनाव में किस पार्टी का सिम्बल हो,किस पार्टी का केंडिडेट हो,मगर गठबंधन लड़ेगा।एक और एक ग्यारहा होतेँ हैं। प्रस्तुत है दिग्विजय चौटाला से एक्सक्ल्युसिव इंटरव्यू के प्रमुख अंश--

प्रश्न - कोरोनॉ काल के दौरान इनसो की कई तरह की भूमिका रही जबकि अभी भी कोरोनॉ महामारी का प्रकोप जारी है। इसे लेकर अब तक की इनसो की किस तरह की भूमिका रही और आगे किस तरह की रहने वाली है?
उत्तर:  वैश्विक महामारी करोना से आज पूरी दुनिया जूझ रही है। विशेष तौर पर बुजुर्ग या जो शारीरिक तौर पर असहाय लोग है और बच्चों के लिए ये चिंता का विषय है। ऐसे समय पर एक सामाजिक संस्था होने के नाते इनसो की अपनी जिम्मेदारियां है। इनसो ने कोरोनॉ काल के अंदर हैंड सैनिटाइजर्स प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया। जब सैनिटाइजर दवा की दुकानों पर 300से 400 रुपये तक मिल रहे थे। उस समय मे हमने असहाय लोगो तक मुफ्त सैनिटाइजर पहुंचाया। उसके बाद राशन पहुंचाने की बात आई तो इनसो ने एनजीओज़ के साथ मिलकर जरूरतमन्दों को राशन पहुंचाया। जबकि उसके बाद मास्क वितरण का कार्य भी किया। क्योंकि n95 मास्क भी  बहुत महंगे थे जिन्हें बहुत से एनजीओज़ वितरित करना चाहती थी लेकिन जरिया नही था। इसलिए हम इसका भी जरिया बने। इसके अलावा रक्तदान में भी भाग लिया और कल हमने 5 हजार यूनिट ब्लड डोनेट किया।वहीं पर्यावरण संरक्षण को लेकर मंगलवार को इनसो की और से 15 हजार पेड़ लगाए गए है। एक समय था जब हमने 10800 ऑय डोनेशन का कार्य करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवाया था। चाहे बच्चियों की शिक्षा की बात हो,गरीब कन्याओं की शादियों की बात हो या गरीब बच्चों को पुस्तकें देने की बात हो।हम हर समाजिक विषय मे अग्रसर रहे है। डॉ अजीत सिंह जी ने जो हमें रास्ता दिखाया है आज भी हमने गांवों और कॉलोनियो में सैनिटाइजेशन का कार्य और मास्क वितरण का कार्य किया है। हमारा प्रत्येक कार्यकर्ता एक छात्र होने के साथ-साथ सोशल वालंटियर की शपथ लेता है इनसो में आने से पहले। मैं यह मानता हूं कि डॉ अजीत सिंह ने जिस नियत और नीति से इनसो बनाया था ,उस पर इनसो आज बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी युगपुरुष चौधरी देवी लाल जी के रास्ते पर निभा रहा है। आज उसके 18वें स्थापना दिवस पर मैं सभी कार्यकर्ता साथियो के साथ हरियाणा और देश वासियों को बधाई देता हूँ।

प्रश्न-  दिग्विजय जी इनसो के प्लेटफॉर्म पर आपने हरियाणा में छात्र संघ चुनावो को लेकर उस समय आवाज बुलंद की जिस समय कहीं भी चुनाव का वातावरण नहीं था। कॉलेजों में चुनाव की कोई सोचता नही था। छात्र राजनीति को मजबूत करने के लिए आपने यह आवाज उठाई थी। कोरोना काल के बाद अगर छात्र संघ चुनाव होते है तो आप डायरेक्ट चुनाव के पक्षधर है या नहीं?
उत्तर:
  हम इस बात के लिए प्रतिबध्द है और आज हम सरकार का हिस्सा भी हैं। इलेक्शन होंगे तो डायरेक्ट होंगे। इस साल चुनाव नही हो सकते क्योंकि हालात ऐसे नही है। जबकि सामान्य हालात में जब कभी भी छात्र संघ चुनाव होंगे तब डायरेक्ट इलेक्शन होगी।

प्रश्न- कॉलेज छात्रों की परीक्षाओं को लेकर इनसो का क्या स्टैंड है?
उत्तर:
   हमारा स्टैंड स्पष्ट है और हम यूजीसी के फैसले के खिलाफ है। इस समय पर किसी भी तरह की कोई परीक्षा नहीं होनी चाहिए। एक तरफ तो आप लोगों को घरों के अंदर रहने को कह रहे है और देश के प्रधानमंत्री भी आज कोरोना को लेकर एहतियात बरतने को कह रहे है। इस पर यूजीसी का ऐसा फरमान तुगलकी फरमान जैसा लगता है। हम इसका विरोध करते है ।इसके लिए एचआरडी मिनिस्टर को भी हमने लिखा है। माननीय उपराष्ट्रपति को भी इस बारे में लिखा गया है जबकि कई जगह इसपर एक्शन भी लिया गया है। हरियाणा में भी एग्जामिनेशन कैंसल करवाये गए है।

प्रश्न- यूजीसी के फैसले को लेकर आपका प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय नेताओं से मुलाकात भी कर सकता है?
उत्तर:
  हमने एचआरडी मिनिस्टर से टाइम मांगा है। जैसे ही हमें समय मिलेगा तब मैं अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ एचआरडी मिनिस्टर से मुलाकात कर छात्रों की इस बात को रखूंगा।मुझे उम्मीद है कि यह एग्जामिनेशन कंडक्ट नहीं होंगे।

प्रश्न-दिग्विजय जी, बरोदा में उपचुनाव है। इनेलो आपको आमंत्रण दे रही है कि आप वहां से चुनाव लड़ें?
उत्तर:
  इनेलो को विधानसभा चुनावों में वहां 3400वोट मिले थे जबकि हमारी पार्टी के कैंडिडेट को वहां 33हजार वोट मिले थे। इनेलो वाला हमें आमंत्रण दे रहा है यह बड़ी हास्यस्पद सी बात है। मैं इनेलो वालो को आमंत्रण देता हूँ कि उनका कुछ ग्राफ बढ़ जाये बेचारों का तो वो चुनाव लड़ लें। हमारी पार्टी की चिंता न करें। हमारा19प्रतिशत वोट शेयर आया था जबकि उनका कुछ दशमलव वोट शेयर आया था पूरे हरियाणा में। इनेलो आज जिस हाशिये पर है कभी-कभी हमें चिंता होती है कि कैसे हाथों में यह पेड़ पौधा चला गया कि आज उसे सुखाकर वट वृक्ष की बजाय एक टहनी तक छोड़ दिया।यह बड़ी चिंता का विषय है।

प्रश्न- जींद और सोनीपत लोकसभा चुनाव में आपकी भूमिका एक योद्धा के रूप में उभरी औऱ कई लोग जो आपसे जुड़े है वे भी चाहते है कि आप बरोदा से उपचुनाव लड़ें?
उत्तर:
  यह उपचुनाव है और सरकार के अभी साढ़े चार साल बाकी है। जींद के चुनाव अलग हालातों में लड़ा गया। फ्रंट पर आकर मुझे लड़ाई लड़नी थी जो मैंने लड़ी। आज बरोदा को एक विधायक चाहिए। एक ऐसा सेवक चाहिये जो अगले 5 साल ही नहीं बल्कि लम्बे समय तक उनकी सेवा करे। ऐसे में वहां के लोकल आदमी को ही वहां चुनाव लड़ने का मौका बीजेपी जेजेपी गठबंधन देगा, मुझे यह पूरी उम्मीद है। अच्छे, मजबूत और सशक्त उम्मीदवार को हम वहां से चुनाव में उतारेंगे।

प्रश्न- गठबंधन धर्म का पालन बीजेपी और जेजेपी दोनों पार्टियां कर रही है। बरोदा में बीजेपी या जेजेपी किसका उम्मीदवार चुनाव मैदान में आएगा?
उत्तर:
  सिम्बल किसका होगा और कैंडिडेट किसका होगा यह भविष्य के गर्भ में है।

प्रश्न- बरोदा विधानसभा हल्के में आप घूम रहे है बरोदा में कौन से ऐसे अहम मुद्दे है जो आपको लगता है कि वहां के ज्वलंत मुद्दे है?
उत्तर:
  वहां पर पिछले 15 सालों से एक सुखी चौधर का नारा है। भूपिंदर हुड्डा जिसको चौधर कहते हैं उसको सुखी चौधर कहते हैं। वो सुखी चौधर की जगह वहां पर प्रोग्रेसिव डेवलपमेंट वाला आदमी चुनकर के जाए। हल्के का विधायक हल्के का जिम्मेदार होता है जबकि इस हल्के में जो विधायक रहे वो नेक इंसान थे। लेकिन वो वहां काम नही करवा सके। लेकिन भूपिंदर हूडा ने इस हल्के को केवल सुखी चौधर का नारा देकर पीछे रखा और उसके दम पर उस इलाके में राजनीति करते रहे। जबकि इसके अलावा उस हल्के का बुरा हाल है।

प्रश्न- कांग्रेस को ऐसा क्यों लगता है कि बरोदा विधानसभा हल्का भूपिंदर हुड्डा का गढ़ है?
उत्तर:
  गढ़ तो जनता बनाती है और बिगाड़ती है।यह गढ़ चौधरी देवी लाल जी का हुआ करता था।7बार यहां से जनता पार्टी,लोकदल, जनता दल,इनेलो इस सीट पर जीतें।तो हम भी कह सकते है कि यह हमारा गढ़ है। हमें पिछले चुनाव में वहां से 33हजार वोट मिले जो कि जीतने वाले उम्मीदवार से 6हजार कम है। तो हम भी कह सकते है यह हमारा गढ़ है। इसलिए गढ़ बनाना जनता का काम है और किसी को अहंकार नहीं होना चाहिए। हालात ऐसे है कि भूपिंदर हुड्डा उसी गढ़ में इस चुनाव में आपको हारता हुआ दिखा दूंगा। मुझे उम्मीद है कि गकठबन्धन को इस बार थंपिंग मेजोरिटी से अपना बहुमत देकर  इस राज्य में अपना हिस्सा बरोदा के लोग चुनेंगे।

प्रश्न- इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला लागातर इस बात को कह रहे है कि 9 माह में सरकार में 9 बड़े घौटाले हुए। वो भी केवल एक उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से संबंधित विभागों में?
उत्तर:
  अभय सिंह को तो रात सपने में भी दुष्यंत नजर आता है जो आज से नहीं पिछले लंबे अरसे से है।अभय सिंह जी की जो फ्रस्टेशन है और उनका जो हाल है,वे अब यह भी चिंता करते है कि दुष्यंत कौन से रंग के जूते पहनते है और उसमें जुराब कौन सी पहनते है। उनको इस हद तक कि चिंता हो गई है और उनका राजनीति में कोई भविष्य नही बचा है। उनका जो व्यवहार है और जिस प्रकार की लोगों को डराने और धमकाने की राजनीति उन्होंने हरियाणा में की उससे हरियाणा वासियों के बमुश्किल पीछा छुटा है। अब हरियाणा पुनः उस खौफ में नहीं जीना चाहता।अब प्रदेश खौफ से मुक्ति पा चुका है। 

प्रश्न- आपके दादा चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि जबसे दुष्यंत सत्ता में आये है तबसे दुष्यंत और दिग्विजय उन्हें नहीं मिले?
उत्तर:
  जब कभी भी वो तेजा खेड़ा में होंगे मैं और दुष्यंत स्वयं उन्हें जॉकर मिलेंगे।इससे पहले आपको पता है कैसा समय था। मैं और दुष्यंत सदैव पीछे भी उनसे मिलते आये। कभी भी ऐसा नही हुआ कि हम उनसे नहीं मिले। अब वो किसके कहने पर और किन हालातो में ऐसी स्टेटमेंट उनसे दिलवाई जा रही है।कौन उनके पीछे खड़ा होकर यह बयान दिलवा रहा है। ये आप और हम सब जानते है। हम उनका उतना ही सम्मान करते है जितना हम पहले किया करते थे। बल्कि उससे भी ज्यादा करते है। वो हमारे लिए आदरणीय है और परमात्मा समान है।हम उनकी कही हुई बात पर कोई टिपण्णी नही कर सकते। पर मैं यह कहूंगा कि जैसे ही वे तेजा खेड़ा में हमारे पैतृक घर मे होंगे,हम उनसे जॉकर जरूर मिलेंगे।

प्रश्न- इस बार विधानसभा में आप एक उपलब्धि आप नही देखते कि इसमें पांच लोग ऐसे है जिन्होंने चौधरी देवी लाल के नजदीक रहकर राजनीति शुरू की या उनके परिवार से संबंधित है?
उत्तर:
  आप इस मामले में थोड़े गलत हैं, बल्कि हरियाणा विधानसभा में आदी विधानसभा ऐसी होगी जो चौधरी देवी लाल जी की पार्टी या उनके विचारों से कभी न कभी जुड़ी रही है। पांच तो हमारे परिवार के ही है और परिवार के नही हमारे गांव के है। ये अच्छी बात है कि चौटाला गांव राजनीति गांव है। राजनीति के इतिहास में उस गाँव का नाम सुनहरे अक्षरों में एक अच्छी प्रोडक्टिव राजनीति की और इशारा करता है।

प्रश्न- चौधरी देवी लाल खुद अपने आप में एक इतिहास रहे है। बच्चों को जो इतिहास पढ़ाया जाता है उसमें चौधरी देवी लाल के पाठ्यक्रम को डालने के आप कितने पक्षधर है?उत्तर:  बिल्कुल हम इसके पक्षधर हैं और जब हमारी सरकार हुआ करती थी तो यह किया भी था। अब फिर हम इस बात के लिए निश्चित तौर पर प्रयास करेंगे।

प्रश्न- कांग्रेस के सुरजेवाला, शैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा का आजकल सीधा निशाना भ्र्ष्टाचार को लेकर गठबंधन की सरकार पर काफी आक्रामक है। खासकर बरोदा उपचुनाव में?उत्तर:  मैं स्पष्टता से एक बात कहना चाहता हूँ कि जिसको यह भर्ष्टाचार कह रहे है वो स्वंय हमने मुद्दे उठाकर उनकी जांच करवाई। जबकि जो जांच ये कह रहे थे वहीं जांच हमने करवाई।उसमे दोषियों को सजा मिली और उनको क्या चाहिये। दुष्यंत चौतला इस देश मे अब बदली हुई राजनीति का सिम्बल है। वो अपने विभागों में खुद इस बात की खोज कर रहे है कि कहां-कहाँ खामियां हैं। उन खामियों को निकालकर के वे उजागर कर रहे है। उनपर मुख्यमंत्री के साथ मिलकर सख्ती से कारवाही करवा रहे है। यह बदली हुई राजनीति है। जबकि पहले की राजनीति बचाव की हुआ करती थी कि नही कोई खामी नही है। जबकि हम कह रहे है कि अनियमतायें है जिनपर कारवाही हो रही है।

प्रश्न- आज अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हुआ है। इसे आप किस तरह से देखते हैं?
उत्तर:
  निश्चित तौर पर दीवाली से पहले यह दीवाली का दिन है। भगवान राम के परम भक्त समूचे विश्व मे जहां कही भी बसते होंगे। आज उनके लिए बहुत आनन्दमय और खुशी का दिन है। भगवान राम सबको आशीर्वाद दे और जो नफरत का भाव है वो ख़त्म हो। हिन्दू मुस्लिम ,सिख इसाई, जैन और बौद्ध जिस  भी धर्म से हम उन्हें पुकारते है। हम राम राज्य में खुशहाली से जी सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो इसकी शुरुआत आज की है मैं उसके लिए सभी को बधाई देता हूं।

प्रश्न- बीजेपी ने हाल ही में ओपी धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। आप इसको कैसे देखते हैं?
उत्तर:
 ओपी धनखड़ जी सकारात्मक सोच के व्यक्ति हैं और बिजेपी के बहुत पुराने संघर्षशील नेता रहे है। बुरे समय मे भी उन्होंने बीजेपी का साथ दिया। मुझे लगता है कि उनमें जरूर ऐसी कोई न कोई खूबी होगी जो बीजेपी की टॉप लीडरशिप ने देखकर उन्हें हरियाण बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। हम उम्मीद करते है कि हम दोनों पार्टिया मिलकर हरियाणा में सरकार को मजबूत करेंगे और आने वाले समय मे और  मजबूती से गठबंधन को चलाएंगे।

प्रश्न- इस गठबन्धन की सरकार में युवा वर्ग ज्यादातर दुष्यंत चौटाला और आपकी तरफ देखता है। जो नौकरियां सर्विस सिलेक्शन के जरिये निकलती है उसमें ज्यादतर बाहरी राज्यो के युवाओं का चयन होता है।
उत्तर:
  आपको पता है कि दुष्यंत चौटाला का प्रमुख एजेंडा प्रदेश में 75 प्रतिशत हरियाणा के युवाओं को नौकरी को लेकर था। ये एजेंडा नही बल्कि उपलब्धि होगी। इसको कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है जबकि अगले विधानसभा सत्र में इसको सदन के पटल पर लाकर मंजूरी मिल जाएगी। निश्चित तौर पर इस योजना को इस साल के अंत तक जब लागू कर दिया जाएगा। नई भर्तियां जहां कहीं भी होगी उसमे सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों में 75 प्रतिशत हरियाणा के युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।


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Edited By

Manisha rana

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