हरियाणा की बसों में जल्द शुरु होने जा रही ई टिकटिंग की व्यवस्था : शत्रुजीत कपूर

punjabkesari.in Friday, Jan 01, 2021 - 04:37 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा उत्तर्री व दक्षणी बिजली बोर्ड के चैयरमैन व परिवहन विभाग के प्रिन्सिपल सैक्टरी शत्रुजीत कपूर को प्रदेश के बिजली विभाग को घाटे से उबारने के बाद सरकार ने  परिवहन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की जिम्मेदारी भी सौंपी है। अब वह यह दोनों विभाग एक साथ देख रहे हैं और आगामी साल 2021 में उनकी इन दोनों विभागों को लेकर किस प्रकार की योजनाएं हैं? किस प्रकार से लोगों को सुविधाएं देने की तैयारी है और विभागों को किस प्रकार से वह घाटे की जगह प्रॉफिट का बिजनेस बनाने की तैयारी में है? इस प्रकार की बहुत सी जानकारिया लेने के लिए पंजाब केसरी ने शत्रु जीत कपूर से विशेष मुलाकात की। उनसे बातचीत के कुछ अंश प्रमुख अंश प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : प्रदेश में प्रीपेड मीटर लगाए जाने की एक योजना शुरू की गई थी। वह कहां तक पहुंची?
उत्तर : 
गुड़गांव, करनाल, पानीपत और पंचकूला में दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। इन उपभोक्ताओं को प्रीपेड की फंक्चुलिटी सिस्टम तैयार हो चुकी है। अगले 10 दिन में रोल आउट कर दिया जाएगा। जिस प्रकार से उपभोक्ता को मोबाइल की प्रीपेड की सुविधा मिलती है। इसी तरह से उपभोक्ता बिजली का बिल पहले और किस्तों में दे सकेगा। 100- 200 तक का भी वह रिचार्ज कर सकेगा। जैसे- जैसे बिजली इस्तेमाल होगी, पैसा कम होता जाएगा और वह फिर से अपना रिचार्ज करेगा।

प्रश्न : पूरे प्रदेश में यह कब तक लग पाएंगे?
उत्तर :
जैसे-जैसे स्मार्ट मीटर लगते जाएंगे, सभी को यह सुविधा मिलती जाएगी। हमारा प्रदेश में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। जो कि दो लाख के करीब हम लगा चुके हैं और अगले डेढ़ साल में आठ लाख लगाने की तैयारी है यानि 10 लाख उपभोक्ताओं को अगले साल में यह सुविधा मिल जाएगी।

प्रश्न :  प्रदेश में 24 घंटे बिजली मिलने वाले गांव की संख्या कितनी है और पूरे हरियाणा को 24 घंटे बिजली देने को लेकर आप की क्या योजना है?
उत्तर :
जगमग स्कीम माननीय मुख्यमंत्री का विजन है जो कि 1 जुलाई 2015 को इसे लागू किया गया था। उस वक्त केवल 105 गांव ही ऐसे थे जिन्हें 24 घंटे का शेड्यूल मिलता था। लेकिन आज 5080 गांव स्कीम के तहत 24 घंटे बिजली पा रहे हैं। हमने हर साल करीब 1000 - 1500 गांव इस में जोड़े हैं। हमारे प्रदेश में 10 जिलों के गांवों की 100 प्रतिशत  आबादी 24 घंटे  शहरों की तर्ज पर बिजली पा रही है। बाकी 12 जिलों में भी तेजी से काम कर रहे हैं और अगले डेढ़ साल के भीतर पूरे हरियाणा में 24 घंटे का बिजली शेड्यूल होगा।

प्रश्न :  हरियाणा के काफी क्षेत्र ऐसे हैं, जिसमें बिजली बिल न भरने की रिवायत सालों से चली आ रही है। कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
उत्तर : 
यह बहुत बड़ी चुनौती थी। लंबे समय से यह सोच रही है कि गांव में जितनी बिजली देंगे उतना घाटा अधिक होगा। माननीय मुख्यमंत्री जी ने पब्लिक मीटिंगो में भी कहा था कि जो बिल देंगे उन्हें अब पूरी बिजली देंगे। हमने इसी सिद्धांत पर आगे काम किया। जहां-जहां लाइन लॉस कम होते गए। हमने वहां बिजली पूरी देनी शुरू कर दी। नतीजतन आज प्रदेश के 5080 गांव 24 घंटे शेड्यूल पाने वाले गांव हैं।

प्रश्न :  लाइन लॉस की चुनौती पर कैसे काबू पाया गया?
उत्तर :
प्रदेश में 30 प्रतिशत से अधिक लाइन लॉस थी। ऑनलाइन लॉस का दूसरा नाम बिजली चोरी होता है। इसका मतलब यह है जो हम 100 यूनिट बिजली खरीदते थे। उसमें से 70 से भी कम यूनिट  की बिलिंग हो पाती थी। वह आज 30 प्रतिशत से घटकर 17 प्रतिशत रह गया है और उम्मीद है कि आने वाले साल में हमेशा इसे 17 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत तक लाएंगे। 

प्रश्न :  लोगों की शिकायतें संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए आपने व्हाट्सएप ग्रुप और मिस्ड कॉल शुरू किए यह क्या है और कितनी कामयाब हो पाए?
उत्तर :
नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हर विभाग कर रहा है। बिजली विभाग ने भी किया। स्मार्ट मीटर भी एक बेहतरीन टेक्नोलॉजी का हिस्सा है। जनता के साथ कनेक्ट बनाने पर भी हमने बहुत काम किया है और कस्टमर केयर नंबर 1912 इस पर कोई भी उपभोक्ता 24 घंटे कॉल करें तो हमारे कॉल सेंटर पर मौजूद व्यक्ति उनकी शिकायत को न केवल सुनता है बल्कि साथ ही साथ रिकॉर्डिंग भी होती है और उस पर तुरंत एक्शन होता है। इसमें कोई मशीन से रिकॉर्डेड मैसेज नहीं दिया जाता। अगर आपने एक बार कॉल पर अपना नाम, पता, लोकेशन बताइए तो वह दोबारा नहीं पूछा जाएगा। आपने बिल संबंधी या सप्लाई संबंधी कोई समस्या की शिकायत की है तो आपकी समस्या का समाधान भी बताएंगे और उस पर फोन करके फीडबैक भी ली जाती है। उसकी रिपोर्ट एमडी के पास मेरे पास आती है। मैं जनता से अपील करता हूं कि 1912 का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें। साथ ही साथ हमने ऑनलाइन सुविधाएं भी दी हैं। पेमेंट भी ऑनलाइन कर सकते हैं।

प्रश्न :  मिस्ड कॉल सुविधा क्या है और ऑनलाइन बिल किस प्रकार से उपभोक्ता भर सकता है?
उत्तर : 
मिस्ड कॉल करने के लिए दोनों निगमों ने अपने-अपने नंबर जारी कर दिए हैं। मिस्ड कॉल सुविधा में मिस कॉल करने पर आपका पूरा बिल आपको मिल जाएगा। फोन पर आपको बिल मिलने के बाद आप उसकी ऑनलाइन पेटीएम से, आरटीजीएस से, एनईएफटी से, इंटरनेट बैंकिंग से, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से बिल भर सकते हैं और एक लाख तक के बिल भरने पर उसकी ट्रांजैक्शन चार्जेस उपभोक्ता से नहीं लिया जाता बल्कि हमारा विभाग हमारी कंपनियां चार्जेस अदा करती हैं।

प्रश्न :  ट्रांसपोर्ट में भी ई-टिकटिंग की तैयारी आपने की है, उसे कितना समय लगेगा ? 
उत्तर :
यह प्रोजेक्ट कुछ समय से चल रहा है। लेकिन अब हमने सबसे मीटिंग में कर ली हैं और जो हमने बदलाव करने थे करके टेंडर निकाल दिए गए हैं। इसको हम अगले एक-दो माह में ही फाइनल कर देंगे।हरियाणा की बसों में जल्दी ई टिकटिंग की व्यवस्था शुरू होने जा रही है।

प्रश्न :  कुछ परमिट की बसें विभाग को मोटा चूना लगा रही थी। क्या उस पर भी धरपकड़ की गई?
उत्तर :
अवैध बसें समस्या बड़ी रही हैं। लेकिन हमने पिछले 2 महीने में सैकड़ों की तादाद में बसों के चालान किए हैं। अब हम उनके परमिट कैंसिल करने जा रहे हैं। क्योंकि केवल चालान करने से काम नहीं चलेगा। जो भी परमिट की शर्तों के उल्लंघन करेगा उसका परमिट सस्पेंड किया जाएगा।

प्रश्न :  किलोमीटर स्कीम कितनी कारगर रही?
उत्तर :
किलोमीटर स्कीम से हमें करीब 600 बसें मिली हैं। वह हमारे बेडे का अभिन्न अंग है। कंधे से कंधा मिलाकर यह हमारे साथ काम करती हैं। यह एक तरह से लिजड बस हमारी ही है। यह कोई प्राइवेट बसें नहीं है। बस मालिक ने बस हमें दे दी है।उसमें हमारे ही कंडक्टर द्वारा टिकट काटी जाती है और सारा बिजनेस भी हमारा ही है।

प्रश्न :  बेड़े में आज भी बसों की भारी कमी है और बसों की हालत भी काफी जर्जर है। इन्हें कैसे सुधारा जाएगा?
उत्तर :
बेड़े की स्ट्रेंथ बढ़ाने का मुद्दा बहुत अहम मुद्दा है। इस पर राज्य सरकार ने हमें 800 बड़ी और डेढ़ सौ मिनी बसों की इजाजत दी है। टेंडर अभी लग रहा है यह 950 बसें जल्द हमारे बेड़े में शामिल हो जाएंगी।

प्रश्न :  आप विभाग के सभी अधिकारियों का संचालन करते हैं। उनकी परफॉर्मेंस का क्या पैमाना है?
उत्तर :
इन सभी की मार्किंग का हमने एक सिस्टम बनाया है। हेड क्वार्टर के अधिकारी को तैनात करके डिपो के बेड़े की कंडीशन को देखा जाएगा, जिले के एडीसी इनकी इंस्पेक्शन करेंगे। पूरे बेड़े की मार्किंग होगी। वर्कशॉप के लोगों की परफॉर्मेंस उन नंबरों पर आधारित होगी। इसी तरीके से हमारे ट्रैफिक मैनेजर के पैमाने भी फिक्स कर दिए गए हैं। बस स्टैंड की देख रेख, सफाई व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था, अवैध कंट्रक्शन कितनी हटाई गई सभी चीजों के नंबर दिए गए है। हमारे एडीसी और हेड क्वार्टर के अधिकारी दोनों जाकर चेक करेंगे और उसी हिसाब से मार्किंग करेंगे। इसी हिसाब से जनरल मैनेजर की भी रेटिंग की व्यवस्था की गई है। 25 दिसंबर को 10 डिपो की इंस्पेक्शन करवाई गई थी। इसी तरीके से बाकी बस स्टैंडो की भी अगले महीने इंस्पेक्शन होगी और उनकी रेटिंग तय की जाएगी।

प्रश्न : ओवरलोडिंग बहुत बड़ी चुनौती है। रेवेन्यू को भी चूना लगाया जा रहा है। इसे कैसे रोकेंगे?
उत्तर :
ओवरलोडिंग को लेकर बहुत काम हुआ है। इस पर हमने 45 पोर्टेबल बोइंग मशीने जो कि हर जिले में दो दो अपने अधिकारियों को सौंपी गई हैं।जिनका इस्तेमाल किया जा रहा है। जो कि नाकों पर वजन चेक करने की व्यवस्था नहीं थी वह अब सुविधा मिल गई है। इसी तरह से हमने नेशनल हाईवे अथॉरिटी, पीडब्ल्यूडी को भी सख्ती करने की बात कही है। एक्सप्रेस वे के ऊपर बोइंग मशीनें लगी है। लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। हमने एजेंसियों को इसके इस्तेमाल की बात कही है और ओवरलोडिंग गाड़ियों को नेशनल हाईवे पर चलने की इजाजत नहीं दी है। पहले 10 गुना फाइन देकर वह चल सकते थे। लेकिन अब 10 गुना टैक्स तो उन्हें देना ही पड़ेगा पर साथ ही उनको आगे चलने नहीं देंगे।

प्रश्न :  धुंध के इस मौसम में रोड सेफ्टी को लेकर क्या गाइडलाइन जारी की गई हैं?
उत्तर :
स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल की 23 दिसंबर को मीटिंग हुई है। उसमें यह एम फैसला लिया गया है जो जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में हमारी रोड सेफ्टी कमेटियाँ हैं उनकी हर महीने मिटेंगे होंगी। साथ ही साथ जिले के यातायात पुलिस के कर्मचारी, आरटीए और उनका स्टाफ सभी मिलकर ट्रैफिक के वायलेंस जैसे ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर ड्राइव करना, ड्राइव के वक्त फोन सुनना, बिना सीट बेल्ट के ड्राइव करना इन को गंभीरता से चेक करेंगे। सड़कों की एजेंसियां चाहे वह नेशनल हाईवे हो, पीडब्ल्यूडी की हो कृषि और मार्केटिंग बोर्ड की सड़कें हो या फिर हमारे अर्बन लोकल बॉडीज की सड़कें हो उन पर संबंधित विभाग इंजीनियर डिफैक्टो को ठीक करेंगे। ब्लैक स्पॉटो पर एक्सीडेंट के कारणों को ढूंढ कर उन्हें ठीक करेंगे।

प्रश्न :  वर्ष 2021 में बिजली और परिवहन विभाग  को लेकर आपके ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है?
उत्तर :
बिजली बोर्ड में दो प्राथमिकताएं हैं पहला लाइन लॉस को कम करना और दूसरा प्रॉफिट को बढ़ाना। विभाग के प्रॉफिट से उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली देने की भी हमारी योजना है। रोडवेज में पेपरलेस एक्टिंग करना और विभाग को घाटे से उबारना, बसों और बस स्टैंड की हालत को सुधारना, बस स्टैंड पर साफ-सुथरे शौचालय, स्वच्छ पानी का प्रबंध यानी गरीब के हवाई अड्डे यानी बस स्टैंड पर हवाई अड्डे की तरह सुविधाएं देना भी हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस के सिस्टम में सुधार करना ताकि दलालों का प्रभाव इस विभाग से खत्म किया जाए। यह हमारी 2021 की योजनाएं हैं।


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Manisha rana

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