लॉकडाउन का असर: कुत्ते व बंदरों के काटने के मामलों में आई भारी कमी
punjabkesari.in Tuesday, May 12, 2020 - 07:37 PM (IST)

पलवल (दिनेश): कोरोना महामारी के दौरान देशभर में लगाए गए लॉक डाउन के चलते पलवल में कुत्ते व बंदरों के काटने के मामलो में भारी कमी आई है। अस्पताल के एंटी रैबीज क्लिनिक इंचार्ज की माने तो लॉकडाउन से पहले अस्पताल में कुत्ते व बंदरों के काटने के रोजाना 50 मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर अब 25 हो गई है।
जिले में कुत्तों और बंदरों के के काटने के मामलों में बड़ी गिरावट आई है। जिसका एक कारण लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से कम निकलना बताया जा रहा है। वहीं इस महामारी ने क्षेत्र के लोगों के मन में ऐसे करुणा भावना जगा दी है कि जिससे बड़ी संख्या में समाज सेवी न केवल जरूरतमंदों को बल्कि, जानवरों को भी भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसके चलते जानवरों के आक्रामक रवैए में भी बदलाव आया है।
नागरिक अस्पताल के एंटी रैबीज क्लिनिक इंचार्ज देवेंदर तेवतिया का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी के समय में देशभर में लगाए गए लॉक डाउन के चलते कुत्ते व बंदरो के काटने के मामले में कमी आई है। पहले पलवल के नागरिक अस्पताल में रोजाना कुत्ते व बंदरों के काटने के 50 मरीज एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आते थे। लेकिन यह संख्या घटकर अब 25 हो गई है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान अब तक वह करीब 600 मरीजों को एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगा चुके हैं।