खिलाड़ी कोटा से भर्ती 1518 ग्रुप डी कर्मचारियों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपा ज्ञापन

punjabkesari.in Friday, Nov 06, 2020 - 08:43 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : खिलाड़ी कोटा से भर्ती 1518 ग्रुप डी कर्मचारियों  ने आज नेेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि हरियाणा सरकार की सबसे बड़ी भर्ती ग्रुप डी में खिलाड़ी कोटे से लगे कर्मचारी हैं। जिनहे जींद उपचुनाव के समय हरियाणा सरकार की सबसे बडी भर्ती मे भर्ती किया गया था। व पिछले 20-22 महीनो से अपनी सेवाएं विभिन्न विभागों में दे रहे हैं l जिस भर्ती को सरकार शुरुआत से अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताकर गिनवाती रही है उसी भर्ती में लगे हम कर्मचारियों के भविष्य व रोज़गार पर सरकार ने ही तलवार लटका दी है l

पूरा मामला यह है कि सरकार 1993 की खेल नीति को अमान्य घोषित करते हुए 2018 में बनी नई खेल नीति को हमारे ऊपर लागू करने पर उतारू है l हमसे कार्यस्थल के मध्य में नई खेल नीति से बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जमा करने को कहा गया जबकि हमारी जोइनिंग कई बार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद ही की गयी थी व विज्ञापन में भी स्पष्ट तौर पर नई पुरानी खेल नीति द्वारा प्राप्त ग्रेडेशन का कोई ज़िक्र नहीं था, केवल ग्रेडेशन माँगा गया था जो हम सबने संलग्न किया व उसके बाद ही हमें नौकरी मिली व जोइनिंग हुई l

सिंगल बेंच में केस जीतने के बाद भी विडंबना यह रही कि हरियाणा सरकार जिसने स्वयं हमें लगाया था, हमें बाहर निकालने के लिए डबल बेंच चली गयी l इससे बुरा और क्या ही होगा कि सरकार स्वयं अपने द्वारा लगाए कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट गयी हो.

महोदय, कोई भी नई नीति बनती है तो उसको पीछे से लागू करना अत्याचार के अलावा क्या हो सकता है l नई नीति उसके बनने व पारित होने के अगले दिन से लागू कर देते तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होती लेकिन पीछे से लागू करने पर निम्नलिखित परेशानी हुई। इनकी मांग है कि  जिन खिलाडियों को 1993 पुरानी खेल नीति के तहत D1, D2,  C1,  C2,  B2 ग्रेडेशन प्राप्त थे वे एक झटके में सब अमान्य हो गए ! बहुत से कर्मचारी ओवर एज हो गए हैं व अब दोबारा खेलकर नये ग्रेडेशन कैसे बनवाएं?  ग्रुप डी में सतत नौकरी करने के कारण बहुत से कर्मचारी अपनी आगे की पढ़ाई व अन्य इम्तिहान की तैयारी नहीं कर पाए व जिनके कॉम्पिटिटिव एग्जाम क्लियर हुए वे सोसियो इकनॉमिक के अंकों का लाभ नहीं ले पाए l

इनकी मांग है कि बहुत से कर्मचारियों के अन्य घर वाले भाई, पत्नी, पति इत्यादि उनके सतत सरकारी नौकरी पर होने के चलते सोसियो इकनॉमिक के अंकों का लाभ नहीं ले पाए जिसके कारण बहुत से रोज़गार के अवसर खत्म हो गए l बहुत से कर्मचारी अन्य प्राइवेट रोज़गार छोड़कर इस नौकरी में आये थे। इनकी मांग है कि क्या यह अत्याचार नहीं कि 1993 के तहत लोअर ग्रेडेशन की मान्यता को एकदम से समाप्त कर दिया गया l क्या यूँ किसी की उपलब्धि को खत्म किया जा सकता है? अब हम समय में पीछे जाकर कैसे दोबारा खेलकर अपनी ग्रेडेशन सुधारें? नई खेल नीति को एक्स पोस्ट फेस्टो से लागू न करके आगे से लागू किया जाए यही जस्ट व  बेहतरीनभी है l

हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि सरकार अपने ही लगाए गए कर्मचारियों के कोर्ट मे केस (CWP-16856/2019 तथा 10575/2019) जीतने के बाद स्वयं डबल बैंच मे LPA -1332/2019 लेकर कर्मचारियों के खिलाफ गई है। तथा 1500 लोगो का रोजगार छीन कर उन्हे बेरोजगार कर उनका भविष्य अंधकारमय किया है। हमारा परिणाम HSSC द्वारा व जोइनिंग विभिन्न विभागों द्वारा दी गयी है l हमने पूरी लगन, निष्ठा के साथ अब तक की नौकरी की है व आगे भी अपनी सेवाएं देना चाहते हैं l हम नई खेल नीति के विरुद्ध नहीं लेकिन उसे पीछे से लागू करने के विरोध में हैं.हम हमारी उपलब्धियों को एक झटके में कागज़ के टुकड़ों में तब्दील करने के विरुद्ध हैंl

हम समय में वापिस जाकर अब ग्रेडेशन नहीं सुधार सकते हैं, उस समय जितनी जिस नौकरी के लिए ज़रूरत थी उतनी ग्रेडेशन प्राप्त करके भर्ती के इंतज़ार में ही बैठे थे l हमारे संघर्ष को यूं कोई भी नीति लाकर खत्म कर देना अमानवीय है lइसका एक सीधा व सरल मार्ग है कि आगे से ग्रेडेशन नई खेल नीति के अनुसार बनाएं लेकिन निवेदन है कि पिछली खेल नीति के द्वारा प्राप्त उपलब्धियों को यकायक खत्म करके हज़ारों युवाओं का भविष्य अंधकारमय न करें l 


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Manisha rana

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