Ye Dosti Hum Nai Todenge: वक्त और रास्ते के फांसले भी शर्मा-विज के प्यार को नहीं कर पाए धुंधला
punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 08:06 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): गले मिलते की इस तस्वीर में मौजूद दोनों शख्स किसी पहचान के मोहताज नहीं है यानि आप ही नहीं बल्कि हरियाणा में हर कोई इन्हें बखूबी जानता है और इनकी काबिलियत क्षमता को पहचानता है। सभी जानते हैं कि यह हरियाणा के दो कद्दावर नेता रामविलास शर्मा और अनिल विज है।
अनिल विज मौजूदा दौर में बिजली- परिवहन और श्रम मंत्री हैं और रामविलास शर्मा भाजपा में एक बड़े कद के नेता हैं जो पूर्व में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद बखूबी निभा चुके हैं। पूर्व में मंत्री रह चुके हैं और आज एक दिग्गज नेता है। आज अचानक इन दोनों नेताओं की दिल्ली में मुलाकात हो गई। यह मुलाकात इस कदर समा बदल गई कि इन्हें देख कर आसपास के लोग भी भावुक हो गए और यह दोनों नेता सगे बड़े छोटे भाइयों की तरह इस तरह से गले लगे और मानो यह चिपक गए हो या यूं कहें कि गले लगना एक जादू की झप्पी में तब्दील हो गया जो कि 12-13 मिनट तक गले लग भावुक होते चले गए।
इन्हें देख कर इनके साथ में मौजूद सभी लोग बड़े अचरज में थे कि आखिर ऐसा गाड़ा प्यार भी होता है। जो अनिल विज प्रदेश के सबसे कद्दावर- दबंग और डिसीजन मैन मंत्री माने जाते हैं, जो अनिल विज अपने कठोर फैसलों के लिए विख्यात है, जिन्हें हरियाणा में योगी आदित्यनाथ का रूप माना जाता है, जिनमें एक आदेश पर अधिकारी थरथर कांपने लगते हैं, जिनकी वाणी से अपराधी प्रदेश छोड़ गए थे, वह इतने सौम्य हृदय के व्यक्ति हैं। वहीं पूरी तरह से प्रैक्टिकल जीवन जीने वाले रामविलास शर्मा भी अपने पूर्व के साथी को गले लगाकर आंखों में आंसू आने से नहीं रोक पाए।
हरियाणा में भाजपा के जन्मदाता डॉ मंगल सेन के सबसे विश्वासपात्र रहे हैं शर्मा और विज
आखिर इतना भावुक पल कैसे बना, इसके मुख्य कारण क्या थे ? हरियाणा में जनसंघ की राजनीति जब भाजपा में कन्वर्ट हुई उस वक्त पार्टी के हरियाणा में डॉ मंगल सेन ही एकमात्र मजबूत स्तंभ थे यानि अगर कहें कि डॉक्टर मंगल सेन हरियाणा में भाजपा के जन्मदाता हैं तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी और यह दोनों नेता रामविलास शर्मा और अनिल विज डॉक्टर मंगल सेन की दो बाजूएं थी। उनके वफादार सेनापति थे और उनके एक आदेश पर पार्टी के लिए अपनी जान देने तक को तैयार रहने वाले शख्स थे। डॉक्टर मंगल सेन इन दोनों नेताओं पर अपने छोटे भाई -अपने बच्चों और विशवसनीय सिपेसलारों की तरह विश्वास करते थे। हर मौके पर उनके हर दुख सुख में उनके आगे अड़ने वाले यह दोनों नेता थे। समय आगे बढ़ता चला गया, भाजपा प्रदेश में कभी भी अकेले सरकार बनाने की क्षमता वाली पार्टी नहीं बन पाई थी।
अगर कहें कि उस दौर में भाजपा का झंडा उठाने वाले व्यक्ति हंसी के पात्र होते थे तो भी गलत नहीं होगा। उस वक्त भी रामविलास शर्मा और अनिल विज ही दोनों ऐसे नेता थे जो दावा करते थे कि हम भाजपा को उस स्तर तक ले जाएंगे कि भाजपा अपने दम पर सरकार बनाएगी। हालांकि भाजपा का वरिष्ठ नेतृत्व कभी भी यहां अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं था, लेकिन अनिल विज और रामविलास शर्मा की जिद पर भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का हौसला प्रदेश में दिखाया। जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम भी आए और 2014 में भाजपा ने अपने दम पर प्रदेश में सरकार बनाई। रामविलास शर्मा और अनिल विज दोनों उस वक्त चुनाव जीतकर मंत्री बने थे। लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा के कर्मठ और ईमानदार -निष्ठावान सिपाही रामविलास शर्मा चुनाव हार गए इसलिए शायद 2024 में उनकी टिकट पार्टी ने काट दी। 2014 से पहले भाजपा दूसरे दलों की बैसाखी पर चुनाव लड़ती थी। लंबे समय तक रामविलास शर्मा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। उनके पहले प्रयास में प्रदेश में भाजपा नहीं जीत पाई थी। लेकिन दूसरी बार भाजपा अकेले अपने दम पर चुनाव जीती और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बने। नोहर
आज की यह तस्वीर इसलिए खास है क्योंकि भाजपा में यह जोड़ी सदा सुपरहिट रही है। यह दोनों नेता प्रदेश भाजपा की रीड की हड्डी रहे हैं। महेंद्रगढ़ से सिरसा तक रामविलास शर्मा एक मजबूत पकड़ वाले नेता है और पुराने दौर से ही भाजपा को इस पूरे क्षेत्र में अगर कहें कि मजबूत करने में इस नेता का हाथ रहा है तो कतई गलत नहीं होगा। वहीं पूरी जीटी रोड बेल्ट पर अनिल विज की पकड़ किसी से छुपी नहीं है। अपने विधानसभा क्षेत्र में सदा से एक अजय नेता के रूप में विज विख्यात है।
लोगों में सदा से चर्चा रही है कि जीटी रोड पर किसी भी विधानसभा क्षेत्र से अनिल विज चुनाव लड़े, इन्हें हराने की क्षमता किसी में नहीं है यानि यह दोनों ही नेता पूरे प्रदेश लेवल के नेता है जिनकी हर जिले-हर विधानसभा क्षेत्र- हर ब्लॉक- हर कूचे गली में बड़ी पकड़ है तो भी इसमें कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है और इन दोनों नेताओं में एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह अधिकांश अपने कार्यकर्ताओं को नाम से बुलाते हैं। जिस कारण से उनके कार्यकर्ता सदा से उनके मुरीद रहे हैं। शर्मा-विज की यह जोड़ी सुपरहिट थी- है और सदा रहेगी और इन दोनों का प्यार देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यादें और प्यार बेशक कितना ही पुराना हो, बेशक वह दौर इनकी जवान जवानी का रहा होगा- बेशक आज यह बुजुर्गियत के दौर में पहुंच गए हो, लेकिन इनका आपसी लाड़- विश्वास और प्यार लंबे समय और दूरी से धुंधला नहीं हुआ।