क्लेम लेने के लिए बीमा कंपनियों, अधिकारियों या नेताओं के चक्कर लगाने से किसानों को मिलेगी राहत: जे पी दलाल

punjabkesari.in Sunday, Apr 17, 2022 - 09:49 AM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): प्रदेश के किसानों के हक में हरियाणा सरकार ने एक और क्रांतिकारी फैसला लिया है। जिससे किसानों के सामने आ रही बड़ी समस्या का समाधान बड़ी आसानी से हो जाएगा। लगातार प्रदेश सरकार के पास फसलों के करवाए गए बीमें का पर्याप्त क्लेम समय पर ना मिल पाने की शिकायतें पहुंच रही थी। क्योंकि अब तक कृषि विभाग के पास कोई भी ऐसा डाटा बीमित किसानों का उपलब्ध नहीं था कि जिससे वह जान सके कि कितने किसानों की फसल का नुकसान हुआ और कितनों को इसका मुआवजा मिला है और जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला उसका कारण क्या रहा।

अब सरकार ने इस बड़ी समस्या का समाधान खोज निकाला है और स्वयं इसकी जानकारी प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने देते हुए बताया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लगातार आ रही समस्याओं के निवारण हेतु किसानों की सुविधा के लिए पोर्टल में ही एक ऑप्शन जोड़ी गई है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान बीमे का क्लेम मिल पाने में आ रही दिक्कतों पर अपनी शिकायत दर्ज करवा पाएगा। शिकायत दर्ज करवाने के बाद उन्हें एक नंबर भी मिलेगा जो वह अपनी शिकायत की नवीनतम स्थिति किसी भी समय ऑनलाइन जान पाएंगे।


दलाल ने बताया कि किसान लगातार सरकार के नुमाइंदों और प्रशासनिक अधिकारियों से उन्हें बीमा का क्लेम नहीं मिल पाने की शिकायतें करते थे। अब ना तो उन्हें शिकायत करने की आवश्यकता रहेगी और ना ही कहीं अधिकारियों और नेताओं के पास भटकने की। अब कृषि विभाग ने ''मेरी फसल - मेरा ब्योरा'' पोर्टल में ही एक ऐसी ऑप्शन डाली है, जिससे बीमा करवाए हुए किसान अपनी परेशानी को पोर्टल पर डालेगा और विभाग किसान का वकील बनकर बीमा कंपनी से उसकी समस्या का समाधान करवाएगा। उसकी बीमा राशि सही समय पर दिलवाने का प्रयास विभाग ही करेगा और ऐसी भी कोशिश रहेगी कि अगर किसी कारणवश यह राशि समय पर किसान को नहीं मिलेगी तो लेट हुए समय का ब्याज भी किसान को मिले।

दलाल ने बताया कि कुछ समय बाद हम ऐसी भी कोशिशों में है कि किसान अपने बैंक खाते या सीएससी से जैसे ही बीमा करवाएं, ऑटोमेटिक पूरी जानकारी विभाग के पास हो। ओलावृष्टि, तेज बारिश, पानी के ठहराव या अन्य किसी वजह से फसल खराब हुई है तो किसान को इसकी जानकारी पोर्टल पर चढ़ाने की सुविधा रहेगी। उसके बाद किसान को क्लेम लेने के लिए दर- दर के धक्के नहीं खाने होंगे। फिलहाल हमारे पास इनका डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान के सामने समस्याएं अवश्य आती है।


किसान आज भी अपना क्लेम मांगने का अधिकारी है। लेकिन बीमित किसानों और फसल कटाई का डाटा उपलब्ध होने के बाद क्लेम कितने दिन में और कितना किसानों को मिला है इस पर हम नजर बना सकेंगें। किन किसानों को क्लेम किन कारणों से नहीं मिला, यह क्यों रोका गया है, इसकी पूरी जानकारी भी हमारे पास होगी और विभाग किसान को बीमा राशि दिलवाने में एक सहायक की भूमिका अदा करेगा। इसके लिए विभाग एक अलग से विंग भी बनाने की तैयारी कर रहा है यानि पूरे मामले की मॉनिटरिंग स्वयं विभाग करेगा। इस क्रांतिकारी कदम के बाद किसानों को इस प्रकार की समस्या को लेकर धरने - प्रदर्शन इत्यादि नहीं करने पड़ेंगे।

 

 


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Content Writer

Isha

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