स्टेडियम में दूसरी लड़कियों को देखकर पिता बुनता था सपने, बेटी ने कर दिया पूरा

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2019 - 06:35 PM (IST)

कुरुक्षेत्र (रणदीप रोड़): हमारे देश में हरियाणा राज्य ऐसा है, जहां किसी भी गांव में चले जाओ, वहां कम से कम नहीं तो एक खिलाड़ी जरूर मिल जाएगा। इन्हीं खिलाडिय़ों में कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जिनकी सफलता के पीछे कई मार्मिक राज छुपे होते हैं।

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दरअसल, धर्मनगरी कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद की रहने वाली बेटी रीत ने जूनियर भारतीय हॉकी टीम में शामिल होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम चमकाने के साथ अपने माता-पिता का मान बढ़ाया है। बेटी रीत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शाबाशी देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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रीत के पिता ओमप्रकाश ने पंजाब केसरी से खास बातचीत में बताया कि वे शाहबाद हॉकी एकेडमी में पिछले डेढ़ दशक से चौकीदार व हेल्पर का काम करते हैं। ओमप्रकाश अपनी बेटी की गाथा सुनाते हुए भावुक हो जाते हैं।

उन्होंने बताया कि उन्हें आज भी याद है कि जब रीत के पास हॉकी खेलने वाले जूते तक नहीं थे, लेकिन रीत के जुनून ने हॉकी कोच बलदेव सिंह के सानिध्य में आज रीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाम हासिल कर चुकी है। जिससे वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।

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ओमप्रकश ने बताया कि वे स्टेडियम में ड्यूटी के दौरान खेल के मैदान में दूसरी लड़कियों को खेलते हुए देखते थे तो उनके मन में भी एक इच्छा पैदा होती थी, कभी उनकी बेटी रीत भी इसी तरह से स्टिक पकड़कर खेले और उसे भी इसी तरह से मान-सम्मान मिले। वहीं रीत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की जूनियर हॉकी प्लेयर टीम के साथ खेलकर अपने पिता के सपने को जीवंत कर दिखाया है।  


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Shivam

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