हरियाणा मंत्रिमंडल का पहला विस्तार, कोई डाक्टर तो कोई जे.ई. व खिलाड़ी से बना मंत्री
punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2019 - 06:55 PM (IST)
करनाल (शर्मा): हरियाणा में 14वीं विधानसभा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मंत्रियों की नई टीम दूसरी पारी खेलने के लिए वीरवार को तैयार हो गई। इस टीम में युवा जोश व अनुभव का सुमेल है, जिसके साथ मनोहर लाल को तालमेल बिठाते हुए प्रदेश के हित में काम लेना है। मनोहर सरकार में मंत्री बने विधायकों की औसत शैक्षणिक योग्यता जहां ग्रैजुएशन है वहीं इस टीम में कोई पेशे से डाक्टर है तो कोई जे.ई. से मंत्री तो कोई खिलाड़ी से मंत्री पद तक पहुंचा है। टीम मनोहर में इस समय उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सर्वाधिक पढ़े-लिखे हैं।
मंत्रियों को एक तरफ छोड़ दिया जाए तो विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता की शैक्षणिक योग्यता सबसे कम है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जहां दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएट हैं वहीं उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला नैशनल लॉ यूनिवॢसटी दिल्ली से एलएल.एम. तक शिक्षित हैं। दुष्यंत ने विदेश में रहकर जहां बी.एससी. की वहीं, गुरु जम्भेश्वर वि.वि. हिसार से उन्होंने एम.एससी. की है। टीम मनोहर में इस समय सबसे अधिक राजनीतिक अनुभव अनिल विज का है। वह छठी बार विधायक बने हैं। इसके अलावा मंत्री बनने वाले 6 विधायक दूसरी बार तो 3 विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे और मंत्री बन गए।
बगैर किसी स्टार प्रचारक के जीते हैं विज
हरियाणा की राजनीति में अनिल विज ऐसा चेहरा हैं जो ट्रैक से हटकर राजनीति करने के लिए प्रसिद्ध हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी वह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। छठी बार विधायक बनकर कैबिनेट मंत्री बने अनिल विज अंबाला छावनी के एस.डी. कालेज के पुराने विद्यार्थी रहे हैं। छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेने वाले अनिल विज की शैक्षणिक योग्यता बी.एससी. है।
गुर्जर को मिला संघ व पार्टी की वफादारी का ईनाम
मनोहर सरकार में मंत्री बनने वाले कंवरपाल गुर्जर संघ की पृष्ठभूमि से हैं। मनोहर पार्टी वन में स्पीकर रहते हुए विपक्ष ने जब गुर्जर की वफादारी पर सवाल उठाए तो
उन्होंने सदन के भीतर कहा था कि फख्र करता हंू कि वह संघ से हैं और संघ कुछ गलत काम नहीं सिखाता। जगाधरी से दूसरी बार विधायक बने गुर्जर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बी.ए. पास हैं।
पेशे से डाक्टर रहे हैं बनवारी लाल
मनोहर सरकार में दूसरी बार मंत्री बने डॉ. बनवारी लाल ऐसे मंत्री हैं जिनकी छवि विधानसभा तथा सचिवालय में बेहद शांत स्वभाव और मृदुभाषी नेता की है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के प्रति पूरी वफादारी रखने वाले डॉ. बनवारी लाल बावल से दूसरी बार विधायक बने हैं। रोहतक के महॢष दयानंद यूनिवॢसटी से शिक्षा हासिल करने वाले बनवारी एम.बी.बी.एस. डिग्री के धारक हैं और राजनीति में आने से पहले उन्होंने मैडीकल में प्रैक्टिस भी की है।
विधानसभा में 32 साल बाद पहुंचे रणजीत चौटाला का सूखा हुआ दूर
विधानसभा में करीब 32 साल बाद पहुंचे रणजीत सिंह चौटाला भी मनोहर कैबिनेट का अहम हिस्सा हैं। मंत्री बनने से पहले रणजीत की राह में कई रोड़े थे। राजकीय कालेज चंडीगढ़ से ग्रैजुएट रणजीत चौटाला देवीलाल के बेटे तथा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं। कृषि के क्षेत्र में अहम रुचि रखने वाले रणजीत चौटाला की गिनती हरियाणा के उन नेताओं में होती है जो बेहद शांत रहकर अपने लक्ष्य को हासिल करते हैं।
ओ.पी. यादव ने कृषि क्षेत्र में की है पढ़ाई
मनोहर सरकार में राज्य मंत्री बने ओ.पी. यादव ने कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई की है। कृषि विश्वविद्यालय हिसार से एग्रीकल्चर विषय में बी.एससी. करने वाले ओ.पी. यादव राजनीति में आने से पहले हरियाणा कृषि विभाग में ए.डी.ओ. के पद पर कार्यरत थे। वहां से सेवानिवृत्त होकर सक्रिय राजनीति में कूदे और दूसरी बार विधायक बनकर हरियाणा में मंत्री बन गए।
कमलेश को पूर्व केंद्रीय मंत्री को हराने का मिला ईनाम
मनोहर सरकार में एकमात्र महिला मंत्री बनी कमलेश ढांडा ने हाल ही में हुए चुनाव दौरान कलायत से पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश उर्फ जे.पी. को हराया था। रोहतक के महॢष दयानंद विश्वविद्यालय से बी.ए. प्रथम वर्ष तक पढ़ाई करने वाली कमलेश ढांडा पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में पहुंची हैं। राजनीति के दिग्गज के रूप में प्रसिद्ध जे.पी. को हराने के बदले ही ईनाम स्वरूप उन्हें मंत्री पद मिला है
रामबिलास शर्मा की कमी को पूरा करेंगे उनके समधी मूलचंद शर्मा
हरियाणा की राजनीति में कभी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे रामबिलास शर्मा मनोहर पार्ट टू से बाहर हैं लेकिन उनकी कमी उनके समधी मूलचंद शर्मा पूरी करेंगे। बल्लभगढ़ से दूसरी बार विधायक बने मूलचंद शर्मा ने भी अपनी शिक्षा महॢष दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से हासिल की है। मूलचंद शर्मा इतिहास में एम.ए. तक शिक्षित हैं।
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