गब्बर ने पीएम की तारीफों के बांधे पुल, बोले- "अगर नरेंद्र मोदी के लिए जान भी देनी पड़ेगी तो हम दे देंगे"

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2024 - 03:41 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के लिए जान भी देनी पड़ेगी तो हम दे देंगे और हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी का सोचा हुआ हर काम सफल हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया हुआ है। इससे पहले किसी ने क्यों नहीं सोचा जबकि इतने बड़े-बड़े लोग रहे हैं और उनके बारे में बहुत कुछ कहा जाता है और आज तक किसी ने यह नहीं सोचा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जाए केवल और केवल एक आदमी है जिसने यह सोचा है, नरेंद्र मोदी ने सोचा है। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान से लोक सभा की हर सीट से नरेंद्र मोदी को फतेह मिलने वाली है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने बहुत काम करके दिखाया है। हमें किसी का नेगेटिव बताने की जरूरत नहीं है हमें हमारा पॉजिटिव बताने के लिए हमारे पास बहुत सारी बातें हैं। 

विज ने ये विचार राष्ट्रीय स्तर के एक मीडिया संस्थान के साथ हुए साक्षात्कार में व्यक्त किए

हमें यह मालूम है कि लोकसभा की 543 सीटों पर नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं और वही मानकर लोग वोट देंगे - विज

जब उनसे पूछा गया कि अभी 12 मार्च को नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बने हैं और पिछले साल अक्टूबर में भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नायब सिंह सैनी को रखा गया था और अभी तक यह दोनों ही पदों पर नायब सिंह सैनी ही है और अभी चुनाव चल रहा है तो क्या लगता है कि किसी सीनियर को न रखकर किसी जूनियर के सहारे चुनाव लड़ा जा सकता है या जीता जा सकता है आपका क्या कहना है? के बारे में उन्होंने कहा कि यह 2024 का लोक सभा इलेक्शन होने जा रहा है वह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम से होने जा रहा है और हमें यह मालूम है कि लोकसभा की 543 सीटों पर नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं और वही मानकर कार्यकर्ता काम कर रहा है और वही मानकर लोग वोट देंगे। 

नरेंद्र मोदी ने बड़ी-बड़ी बातें की और पाकिस्तान के घर में घुसकर दुश्मन को जवाब दिया - विज

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता, सिलेंडर, गरीबों के लिए योजनाएं, हर घर नल और नल में जल, आयुष्मान भारत कार्ड जैसी अनेकों योजनाएं लागू की है। यानी सारे देश में समस्याओं के बारे में सोचा और किया जो कि आज तक देश में किसी ने नहीं किया। इसके अलावा, नरेंद्र मोदी ने बड़ी-बड़ी बातें भी की और  पाकिस्तान के घर में घुसकर दुश्मन को जवाब दिया। हमने अनुच्छेद 370 को खत्म किया, 500 साल से अटका हुए राम मंदिर के मुद्दे को निपटाया और राम मंदिर बनाया, तीन तलाक पर कानून बना कर दिया, 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को प्रतिनिधित्व में दिया, चंद्रमा पर सफलतापूर्वक हमारा देश पहुंचा और बहुत कुछ है। हमें नरेंद्र मोदी जी के काम बताने के लिए बहुत कुछ है और दुनिया जानती भी है कि नरेंद्र मोदी ने क्या-क्या किया। उन्होंने कहा कि आज सारे विश्व में नरेंद्र मोदी की वजह से भारतीयों की पहचान बनी है पहले भारतीयों को हेय दृष्टि से देखते थे, आज भारतीयों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, यह सब नरेंद्र मोदी की वजह से हुआ है। विज ने कहा कि आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने इतना नहीं किया क्योंकि किसी प्रधानमंत्री की ऐसी सोच नहीं थी। 

पावर जो होती है वह पोस्ट में नहीं होती वह आदमी में होती है - विज

इसी प्रकार, 12 मार्च तक आप प्रदेश के पावरफुल मंत्री थे, अब अचानक से मंत्री नहीं है आप क्या फर्क लगता है? के बारे में विज ने कहा कि "पावर जो होती है वह पोस्ट में नहीं होती वह आदमी में होती है। इस पोस्ट पर यदि दूसरा व्यक्ति है तो उसकी स्थिति क्या है और अगर वहां पर कोई ढंग से काम करने वाला है तो उसकी स्थिति क्या है मालूम होता है। लेकिन मेरे को कोई फर्क नहीं पड़ता और मेरे को कोई अंतर भी नहीं पड़ा। मैं पहले भी काम करता था और अभी भी काम करता हूं। पहले मैं सारे हरियाणा का काम करता था और अब मैं अपनी विधानसभा का काम करता हूं"। उन्होंने कहा कि "मैंने रात के 2 बजे तक बैठकर हरियाणा के कोने-कोने से आने वाले लोगों की समस्याओं को सुना है और उनकी समस्याओं का समाधान किया है, क्योंकि अब मेरा कार्यक्षेत्र बदल गया है और अब मैं अपनी विधानसभा के लिए कार्य कर रहा हूं क्योंकि मुझे यहां की जनता ने 6 बार विधायक बनाया है। मैं उनके लिए दिन-रात काम करूं और मैं उसमें उसी दिन से लग गया हूं"।

अब मैं मंत्री नहीं रहा और विधानसभा अध्यक्ष ने मुझे दो कमेटियों का अध्यक्ष बनाया है - विज

ऐसे ही, आप जब मंत्री थे तो आपने चंडीगढ़ में सरकारी आवास भी नहीं लिया था और पहले आप यहां दिन में अंबाला में रहते थे और दोपहर बाद चंडीगढ़ जाते थे और वीकेंड के अंत में आप लोगों की समस्याओं को दरबार लगाकर सुनते थे उस दिनचर्या में अब क्या बदलाव आया है? के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब जो दिनचर्या में बदलाव आया है उसके तहत पहले मेरे को चंडीगढ़ रोजाना जाना पड़ता था और पहले मैं सुबह अंबाला में लोगों की समस्याओं को सुनता था और बाहर के लोगों की भी समस्याएं सुनता था और दोपहर तक उनकी समस्याएं सुनकर चंडीगढ़ जाता था क्योंकि मेरे पास जनता से जुड़े हुए काफी हैवी गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय थे और उनके काफी मुद्दे रहते हैं, जिनका प्रतिदिन निवारण करना पड़ता है। इसके अलावा, अधिकारियों की बैठके लेनी होती है, उनको आदेश देने होते हैं और फाइलें भी निकालनी होती हैं। यह सारा काम मैं करता था इस प्रकार से मैंने यह सिस्टम बनाया हुआ था। उन्होंने कहा कि अब क्योंकि मैं विधायक हूं और कानून के तहत 15 प्रतिशत ही लोग मंत्री होते हैं और 85 प्रतिशत विधायक रहते हैं और 85 प्रतिशत विधायक विधानसभा की कमेटियों के सदस्य रहते हैं। वह भी बहुत महत्वपूर्ण काम है और वह अलग तरह का काम है क्योंकि अब मैं मंत्री नहीं रहा और विधानसभा अध्यक्ष महोदय ने मुझे दो कमेटियों का अध्यक्ष बना दिया है और मैं हफ्ते में दो दिन उनकी अध्यक्षता करता हूं और सोमवार और बुधवार को हम मीटिंग करने की सोच रहे हैं।

मुख्यमंत्री का बदला जाना मुझे नहीं मालूम था, मुख्यमंत्री को तो अवश्य पता होगा - विज

इसी तरह, अभी पीछे 12 मार्च को मंत्रिमंडल का बदलाव हुआ और जो पहले मुख्यमंत्री थे श्री मनोहर लाल खट्टर, क्या कारण रहे कि उनको बदला गया? के प्रश्न के उत्तर में विज ने कहा कि  देखिए, मुझे इसके बारे में मालूम नहीं है और ना ही मुझे इस बारे में किसी ने कोई बात सांझा की कि आज हमारा मुख्यमंत्री बदल जाएगा। मुझे नहीं मालूम था मैं सबसे सीनियर हूं और मैं छह बार विधायक रहा हूं और बाकी मेरे से आदि बार के भी विधायक नहीं है लेकिन शायद बाकियों को पता हो और मुख्यमंत्री को तो अवश्य पता होगा। उन्होंने कहा कि "मैं मुख्यमंत्री जी की कार में बैठकर गवर्नर हाउस त्यागपत्र देने गया हूं तब भी उन्होंने मुझे नहीं बताया। इस बारे क्या निर्णय लिया गया है, किसने निर्णय लिया है क्यों बदला गया है किस लिए बदला गया है, इस बारे में मेरे साथ कोई बात साझा नहीं की गई, तो इस बारे में मेरे को कोई जानकारी नहीं है"।

जब आपको मेरे पर भरोसा ही नहीं है तो आपके साथ बैठकर काम करना मुश्किल है आसान नहीं है - विज

इधर, आप मुख्यमंत्री के साथ कार में त्यागपत्र देने गए, उसके बाद विधायक दल की बैठक हुई उसमें भी आप गए और विधायक दल की बैठक के बाद आप गुस्से में बाहर निकल आए और मीडिया कर्मियों के साथ कोई आपने बातचीत नहीं की और कोई सवालों का जवाब नहीं दिया, क्या कारण थे? के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि "ऐसा कुछ नहीं हुआ, कोई गुस्सा नहीं था मैं बहुत आराम से अंदर से आया और मेरे को यही था कि मेरे साथ कुछ शेयर नहीं किया गया। जब आपको मेरे पर भरोसा ही नहीं है तो आपके साथ बैठकर काम करना मुश्किल है आसान नहीं है। जब आप लोगों को मुझ पर भरोसा ही नहीं है तो मैं यह कह कर आया था कि मैं इस कैबिनेट में शामिल नहीं होऊंगा और मैं यह कह कर आया था। मीडिया को यह बात नहीं बतानी थी क्योंकि यह पार्टी के अंदर की बात थी"।

उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने के बारे में मुझसे किसी ने शेयर नहीं किया था और ना ही किसी ने मुझे बताया था और मुझे पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया - विज

इसी प्रकार, जब नए मुख्यमंत्री शपथ ले रहे थे तब तक आप अंबाला आ चुके थे और हमने भी टीवी पर देखा कि आप गोलगप्पे खा रहे हैं और एक बच्ची को गोदी में लिया हुआ है और जहां तक सुनने में आ रहा है कि आपको उप मुख्यमंत्री बनाने की बात थी क्या आपसे यह बात शेयर की गई थी? के प्रश्न के संबंध में विज ने कहा कि "देखिए, मुझसे किसी ने शेयर नहीं किया था और ना ही किसी ने मुझे बताया था और मुझे पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया और जब ऐसी स्थिति थी कि जब आप इतना बड़ा निर्णय ले रहे हो और आप अपने साथी के साथ इस बात को सांझा भी नहीं कर रहे हो, इसका मतलब आप हमारे पर विश्वास नहीं कर रहे है। अगर विश्वास नहीं है तो साथ रहकर काम करना बड़ा ही मुश्किल है। उप- मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर मेरे सामने कोई बात नहीं आई और मेरे को किसी ने नहीं कहा है"।

मनोहर लाल जी मित्र तो है लेकिन 1990 में वह यहां आए थे या नहीं आए थे इसकी मुझे जानकारी नहीं है- विज

ऐसे ही, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अनिल विज जी मेरे पुराने मित्र हैं और 1990 में हमने उन्हें चुनाव जिताया था ?  के बारे में उन्होंने उत्तर देते हुए कहा कि "मनोहर लाल जी मित्र तो है लेकिन 1990 में वह यहां आए थे या नहीं आए थे इसकी मुझे जानकारी नहीं है क्योंकि 1990 का जो चुनाव हुआ था वह बहुत ही जबरदस्त चुनाव हुआ था क्योंकि वह ग्रीन ब्रिगेड का समय था और महम कांड होकर हटा था। उस चुनाव में बहुत बड़ी-बड़ी चुनौतियां थी क्योंकि सुषमा स्वराज जी यहां से राज्यसभा में चली गई थी। उस समय यहां पर उपचुनाव आया था और मैं तो बैंक में नौकरी करता था और बैंक में नौकरी करते हुए मैं पार्टी का काम भी करता था। सन 1987 में तो सुषमा जी के चुनाव में मैं इंचार्ज था तथा और मैंने यहां से सारा चुनाव लड़वाकर उन्हें जितवाया था। मैंने चुनाव लड़ने के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। परंतु पार्टी के उच्च नेता यह चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ूं। उन नेताओं ने मुझे कई बार कहा भी, लेकिन मैं इनकार करता रहा कि मैं नहीं लड़ूंगा। परंतु यहां पर और भी बहुत से लोग थे जो चुनाव लड़ना चाहते थे फिर आखरी दिन हमें रोहतक में बुलाया गया और यहां से एक सोम चोपड़ा जी थे और एक जगदीश गोयल जी थे हम तीन लोग वहां पहुंचे। हम तीन लोग वहां रात को 1:00 बजे पहुंचे और हमारे पर दबाव डाला गया और मुझे कहा गया कि आप नौकरी से रिजाइन करो और आप चुनाव लड़ो लेकिन मैंने मना कर दिया। लेकिन डॉक्टर साहब गुस्सा हो जाते थे जब मैं दूसरों का नाम लेता था। तो अंत में हमारे जो संघ के प्रांत संचालक थे प्रेम कुमार जी। उन्होंने कहा कि सुन ली तुम्हारी बात, जाकर रिजाइन करो और चुनाव लड़ो और उनके आदेश को मैंने कभी ठुकराया नहीं था और मैंने रिजाइन किया और मैंने अगले दिन आकर कागज भरे। उस चुनाव में भजनलाल और ओमप्रकाश चौटाला जैसे बड़े नेता एक-एक बूथ पर घूम रहे थे और हमारे भी सारे कार्यकर्ता आए हुए थे और मैं वह इलेक्शन जीता। देखिए, 1990 का चुनाव सभी ने जिताया था और मैं सभी को क्रेडिट देता हूं"।

मैं सुझाव तो किसी का भी मान लेता हूं लेकिन इंटरफेरेंस मुझे किसी का भी बर्दाश्त नहीं है - विज

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ आपके खट्टे मीठे अनुभव रहे हैं और पिछले दिनों आपके स्वास्थ्य विभाग में आपको लग रहा था कि मुख्यमंत्री कार्यालय का दखल हो रहा है तो आपने काम करना छोड़ दिया था उसके बारे में आपका क्या कहना है? के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि "देखिए, मैं अपने काम को बड़ी ईमानदारी के साथ करता हूं, चाहे मैं कहीं भी रहा हूं। मैं पहले भी प्रदेश के युवा मोर्चा का अध्यक्ष रहा हूं। जब मुरली मनोहर जोशी जी की यात्रा कश्मीर गई तो उस समय मैं पूरे हरियाणा के केसरी वाहिनी का इंचार्ज था और तब भी मैंने काम किया और भिन्न-भिन्न जिम्मेदारियों पर मैंने काम किया। मैं जब भी काम करता हूं तो मैं अपनी पूरी शत प्रतिशत क्षमता के साथ काम करता हूं। हालांकि मेरी क्षमता और समझ कम या ज्यादा हो सकती है लेकिन मैं अपनी तरफ से शत प्रतिशत क्षमता लगाता हूं। जो मंत्रालय मुझे समय-समय पर दिए गए इनमें भी मैंने अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने की कोशिश की है। मैं सुझाव तो किसी का भी मान लेता हूं लेकिन इंटरफेरेंस मुझे किसी का भी बर्दाश्त नहीं है। अगर कोई इंटरफेरेंस करें तो मुझे बर्दाश्त नहीं है। हां, कोई भी आकर मुझे सुझाव दे सकता है, बता सकता है और हम अपने आप को संशोधित भी कर लेते हैं। ऐसा कई बार हो जाता है और यह ठीक भी है कि मनोहर लाल जी के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध है और संबंध आगे भी रहेंगे, लेकिन कुछ मुद्दों के ऊपर कोई बात रखता है तो मैं कह देता हूं लेकिन मानता वही हूं मैं जो फाइनल होता है कि भाई मैं नहीं सहमत था लेकिन मैंने मान लिया है"।

कोई ना कोई कारण तो होंगे, यह तो वही जानते होंगे - विज

इसी प्रकार,आप जो स्टैंड लेते हैं जो कहते हैं और पहले भी आपका सीआईडी को लेकर और सीएमओ के दखलअंदाजी को लेकर विवाद रहा तो यही कारण तो नहीं है कि आपको कैबिनेट पर शामिल नहीं किया गया और पद ना दिया जाए? के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि "कोई ना कोई कारण तो होंगे, यह तो वही जानते होंगे और उसमें तो मुझे कोई एतराज भी नहीं है यह तो मुख्यमंत्री का अधिकार होता है और दोनों मुख्यमंत्री ने बैठकर सोचा होगा, वही हुआ होगा"।

मैं एक छोटा सा आदमी हूं इसलिए मैं अपनी औकात पर आ गया और मैं अपने अंबाला छावनी में मैं आ गया हूं - विज

आजकल आपने पार्टी की मीटिंगों से दूरी बनाई हुई है पिछले दिनों सतीश पूनिया जी आए हुए थे आप वहां दिखाई नहीं दिए ऐसे क्या कारण है? के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि "देखिए, मैं भाजपा का अनन्य भक्त हूं और मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि जब कोई मुझसे किसी बारे में चर्चा ही नहीं करता। अभी इतनी बड़ी घटना हो गई और मुझे पता ही नहीं था और ना ही किसी ने मुझसे बात तक नहीं की कि मुख्यमंत्री बदला जा रहा है। इसका मतलब है कि मैं एक छोटा सा आदमी हूं इसलिए मैं अपनी औकात पर आ गया और मैं अपने अंबाला छावनी में मैं आ गया हूं और यही तक मैं सीमित हूं। मैं लोक सभा चुनाव में अंबाला छावनी से भारतीय जनता पार्टी को अधिक से अधिक मतों से जीताने के लिए लगातार कार्यरत हूं। हमने अंबाला छावनी में अपने कार्यकर्ताओं की कल बैठक कर ली है और हमारे पास बहुत बढ़िया संगठन है और जिसे 5 से 10 साल में तैयार किया गया है। इसलिए हम अंबाला छावनी पर पूरा फोकस दे रहे हैं क्योंकि मेरी हैसियत ही इतनी है इसलिए मुझे ऊपर जाना भी नहीं चाहिए"।

कांग्रेस के ट्वीट का माकूल जवाब दिया है - विज

कांग्रेस द्वारा किए गए ट्वीट के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि "यह तो होता ही है हम भी उनके मुद्दे उठाते रहते हैं और हमें उनके हर सवाल का जवाब देना आता है और हमने उसका माकूल जवाब भी उन्हें दिया है"।

मैं अंबाला छावनी में ही कंसंट्रेट करना चाहता हूं- विज

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल से चुनाव लड़ रहे हैं तो करनाल में आप उनके चुनाव में जाएंगे के संबंध में उन्होंने कहा कि "देखिए, मैं अंबाला छावनी में ही कंसंट्रेट करना चाहता हूं। मैं अंबाला छावनी का ही एक कार्यकर्ता हूं और इससे ज्यादा मुझे सोचना भी नहीं है"।

विधानसभा चुनाव में जो हाई कमान करेगी, उसको हम मानेंगे - विज

लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा के चुनाव भी जल्द आने वाले हैं हरियाणा में। तो हरियाणा में विधानसभा चुनाव में क्या स्थिति रहेगी, आपका क्या कहना है? के संबंध में उन्होंने कहा कि "देखिए, इस बारे में हमारी हाई कमान विचार करेगी क्योंकि उनके पास सारी इनफार्मेशन होती है और हमारे पास थोड़ी सी इनफार्मेशन होती है जो हमारे शहर की होगी या पड़ोसी शहर की होगी। लेकिन उनके पास सारे प्रदेश और पूरे देश की इनफार्मेशन होती है और उनके पास पूरा सिस्टम होता है और वह पूरी तरीके से इनफॉरमेशन को लेते भी हैं और जो हाई कमान करेगी, उसको हम मानेंगे"।

नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है, दूसरों के लिए भाषण और खुद के लिए कुछ और है - विज

राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि जो चुनाव है वह बराबरी का नहीं होने जा रहा है क्योंकि ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल हो रहा है दो पूर्व मुख्यमंत्री जेल में है इसके बारे में आपका क्या कहना है? के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि "देखिए, यह लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ईडी ने अरेस्ट किया, ईडी ने कोर्ट में प्रस्तुत किया कोर्ट में। इन्होंने (आप पार्टी) अपना पक्ष रखा, कोर्ट ने इनकी बात को नहीं माना और इनको जमानत नहीं दी तो इनको जेल में भेज दिया। इसका मतलब कोई ना कोई अपराध तो हुआ है और अगर अपराध हुआ है तो जांच एजेंसियों को जांच कर देनी चाहिए। जबकि केजरीवाल जी खुद ट्वीट किया करते थे कि सीबीआई और ईडी एजेंसियां अगर जांच करें तो जांच में शामिल होना चाहिए। अब यह खुद  10वें नोटिस के बाद गए। नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है दूसरों के लिए भाषण और खुद के लिए कुछ और है।  कानून जो भी बनते हैं वह पार्लियामेंट में पास होते हैं और पार्लियामेंट में सभी पार्टियों के प्रतिनिधि होते हैं और जो खुद पार्लियामेंट में पार्टी रहे हैं उनको इस पर ऑब्जेक्शन उठाने का कोई अधिकार नहीं है"।


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Content Editor

Nitish Jamwal

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