यमुनानगर में प्रॉपर्टी आईडी के जरिए फर्जीबाड़ा, नगर निगम के 2 अफसरों सहित कई लोगों पर केस दर्ज
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 03:11 PM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : यमुनानगर जिले के टैगोर गार्डन में करोड़ों की प्रॉपर्टी को कोर्ट स्टे के बावजूद बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले में नगर निगम के दो अफसरों समेत कई लोगों पर केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता फरीदाबाद के रहने वाले हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी प्रॉपर्टी को साजिश के तहत बेचा गया। इसके लिए सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई। शिकायत की जांच जब एडीसी ने की तो आरोपों की पुष्टि हुई।
शिकायतकर्ता योगेश शर्मा ने बताया कि टैगोर गार्डन स्थित में उनकी संपत्ति है। जिस पर पिछले साल सात मार्च को कोर्ट से स्टे मिला था। आरोप है कि इसके बावजूद टैगोर गार्डन निवासी विक्रम बक्सी और विशाल बक्सी ने पिछले साल ही पांच नवंबर को उक्त संपित्त को शशि देवी और शुभम सेठी को बेच दी। शिकायत में कहा गया कि पुरानी प्रॉपर्टी आईडी के स्थान पर फर्जी तरीके से नई आईडी बनवाई गई। पिछले साल ही 28 अक्टूबर की रात 8 बजकर 53 मिनट पर नई आईडी के लिए आवेदन किया गया। उसी रात नगर निगम के भवन निरीक्षक रामपाल मान ने दस्तावेज जांचे। मौके का निरीक्षण किया गया और 9 बजकर 46 मिनट पर सिफारिश भेज दी। पांच नवंबर को सहायक नगर योजनाकार आशीष छाछिया ने उसे मंजूरी दे दी।
पीड़ित योगेश शर्मा ने बताया कि जबकि पहले से 140 गज की प्रॉपर्टी की आईडी मौजूद थी। नई आईडी सिर्फ 100 गज की बनाकर बेची गई। रजिस्ट्री दस्तावेजों में भी पुरानी आईडी का जिक्र था जो नगर निगम रिकॉर्ड में दर्ज था कि उस आईडी पर कोर्ट केस लंबित है। जांच में यह भी सामने आया कि तहसील से लिए गए हलफनामे में विक्रेताओं ने लिखा कि प्रॉपर्टी पर कोई स्टे या विवाद नहीं है। जबकि कोर्ट में केस लंबित था और स्टे लागू था। इस शिकायत की जांच एडीसी ने की तो जांच में साफ हुआ कि सरकारी रिकॉर्ड में जानबूझकर फर्जीवाड़ा किया गया। कोर्ट के स्टे के बावजूद प्रॉपर्टी बेची गई। इस मामले में थाना यमुनानगर सिटी में भवन निरीक्षक रामपाल मान, सहायक नगर योजनाकार आशीष छाछिया, विक्रम बक्शी, विशाल बक्सी और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। डीएसपी कंवलजीत सिंह ने बताया कि योगेश शर्मा की शिकायत पर 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें नगर निगम के भवन निरीक्षक और सहायक नगर योजना का भी शामिल हैं। मामले में और लोग भी शामिल हो सकते हैं इसलिए मामले की जांच की जा रही है।
प्रॉपर्टी आईडी बदलने और प्रॉपर्टी आईडी बनाने का खेल पिछले लंबे समय से जारी है। लगातार शिकायतें उपायुक्त के पास, लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में आती रहती हैं। मामले की जांच होती है, जांच ठंडे बस्ती में डाल दी जाती है। अब मामले में अतिरिक्त उपायुक्त ने जांच की ओर अपनी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को भेजी। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने मामला दर्ज करने की आदेश दिए।
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