हरियाणा में येलो अलर्ट...पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी, सिंचाई विभाग ने बाढ़ से बचाने के क्या किए इंतजाम ?

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2024 - 03:07 PM (IST)

भिवानी(अशोक भारद्वाज): हरियाणा में मौसम विभाग (IMD) ने येलो अलर्ट जारी किया है। पूर्वानुमान है कि हरियाणा में अगले तीन मूसलाधार बारिश होगी। वहीं पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पहाड़ी इलाकों में अधिक वर्षा के चलते यमुना उफान पर आ जाती है। हथिनीकुंड बैराज पर आने वाला पानी हरियाणा उत्तर प्रदेश और दिल्ली को प्रभावित करता है। इसी को लेकर यमुना के आसपास बाढ़ रोकथाम के कार्य किए जाते हैं। यमुनानगर जिले में बाढ़ रोकथाम के लिए अधिकांश कार्य किए जाने का दावा किया गया है।

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बतां दें कि पिछले वर्ष लगभग आधा हरियाणा बाढ़ की चपेट में आ गया था। जिससे भारी तबाही हुई थी। हरियाणा में बाढ़ का सबसे बड़ा कारण पहाड़ी इलाकों में ज्यादा बारिश का होना है। इसके अलावा यमुना और घग्घर नदी हैं। जिनमें जलस्तर बढ़ने से आसपास के इलाके पानी में डूब जाते हैं।  

यमुनानगर में सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि यमुना के आसपास लगते इलाकों के इलावा सोम नदी, पथराला नदी के इलाकों में बाढ़ रोकथाम कार्य कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यमुनानगर जिले में बाढ़ रोकथाम के लिए 57 कार्य थे जिनमें से 48  काम पूरे हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कलेश्वर, बेलगढ़, टापू कमालपुर और ओधरी में काफी परेशानी हुई थी। इन सभी इलाकों में बाढ़ रोकथाम के मुकम्मल इतनी इंतजाम कर लिए गए हैं। 

आरएस मित्तल ने बताया कि अभी तक यमुना के सभी गेटों को खोलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने जानकारी दी की एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी होने पर  हथनीकुंड बैराज  के सभी 18 गेट खोल दिए जाते हैं, जिसके बाद नहरों की सप्लाई बंद कर दी जाती है। वहीं डेढ़ लाख क्यूसेक पानी होने के बाद उसे मिनी फ्लड और ढाई लाख पानी आने के बाद उसे हाई फ्लड माना जाता है। मित्तल ने बताया जानकारी दी कि बाढ़ के दौरान यमुना नदी के आसपास के इलाकों को अलर्ट करने के लिए आसपास के इलाके के सरपंच एवं मौजिज लोगों व अधिकारियों के साथ एक ग्रुप बनाया गया है। जिसमें इस तरह की सूचनाओं दी जाती हैं।

सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट और दादूपुर हैड के सभी गेट ऑपरेशन में है।उन्होंने बताया कि एक लाख क्यूसेक पानी आने के बाद हथिनी कुंड बैराज पर सायरन बजाया जाता है ताकि लोग अलर्ट हो जाएं और नदियों की से दूर हो जाएं। उन्होंने इलाके के लोगों से अपील की है कि वह वर्षा व बाढ़ के इस मौसम में नदियों से दूर रहें। इससे अनहोनी हो सकती है। उन्होंने बताया कि अभी तक यमुना में अधिकतम इस सीजन में 40000 क्यूसेक पानी ही आया है। जिसमें से 19000 क्यूसेक पानी  यमुना नदी में छोड़ा गया था। इसके अलावा बाढ़ से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से अलर्ट है, तैयार है।

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Content Editor

Saurabh Pal

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