शहीद सिद्धार्थ का हुआ अंतिम संस्कार, तिरंगा लिए सिसकती रही पत्नी

punjabkesari.in Saturday, Mar 02, 2019 - 11:28 AM (IST)

नारायणगढ़ (सुशील): कश्मीर के बडग़ाम में क्रैश हुए एम.आई. 17 चॉपर में वीरगति को प्राप्त स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ बन्नी को शुक्रवार को चंडीगढ़ में हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण लेकिन गॢवत विदाई दी। शहीद सिद्धार्थ को उनकी स्क्वाड्रन लीडर पत्नी आरती ने एक सैनिक का कत्र्तव्य निभाते हुए जब सैल्यूट कर नमन किया तो वहां मौजूद हर किसी की आंख सजल हो आई।

वायुसेना, सेना, प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं के साथ-साथ सिद्धार्थ के पैतृक गांव से आए सैंकड़ों लोगों व अन्य ने उसे श्रद्धांजलि अॢपत कर शहादत को नमन किया। चंडीगढ़ के सैक्टर-25 के श्मशान घाट में वायुसेना व चंडीगढ़ पुलिस ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया व मातमी धुन बजाई। तिरंगे को सीने से लगा टकटकी बांधे सिसकती हुई अपने शहीद पति की जलती चिता को देखती रही, यह दृश्य हृदयविदारक था।

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शहीद को मुखाग्नि व अंतिम क्रियाएं उनके पिता जगदीश वशिष्ठ ने की। इसे कुदरत की रचना कहें या विडम्बना कि मां-बाप जिसे अपना बुढ़ापे का सहारा मान रहे थे उस लाडले को ही बूढ़े कंधों ने अपने हाथों से अंतिम विदाई दी। बिलखते पिता, तड़पती मां, सिसकती शहीद की पत्नी व कं्रदन करती बहनों को देखकर बर्बस ही मन बोल उठा-हे ईश्वर तैं की दर्द न आया।

खुद सोकर देशभक्ति जगा गया वीर
देश की सरहदों की रक्षा करने के लिए हर समय सजग रहने वाला वीर सैनिक खुद तो शहादत का जाम पी गहरी निद्रा सो गया लेकिन उसकी शहादत हजारों लोगों में देश भक्ति, प्रेम का जज्बा जगा गई। श्मशानघाट का प्रांगण हजारों लोगों से भरा हुआ था, जैसे ही सिद्धार्थ का शव फूलों से लदी गाड़ी में श्मशान घाट पहुंचा तो हजारों लोगो ने सिद्धार्थ वशिष्ठ अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा-शहीदों का नाम रहेगा, भारत माता की जयघोष व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए व शहीद को नमन किया।


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Shivam

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