समस्या: बाजरे की खरीद पर सरकार ने तय की सीमा, किसानों के लिए बनी मुसीबत

punjabkesari.in Tuesday, Oct 13, 2020 - 04:08 PM (IST)

पलवल (दिनेश): प्रदेश में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करने के बाद सरकार ने प्रति एकड़ आठ क्विंटल खरीद की सीमा निर्धारित कर दी है। जिसके बाद किसानों को अपनी आठ क्विंटल से अतिरक्त फसल को बेचने की समस्या खड़ी हो गई है। सरकार ने बाजरे की ट्रेडिंग को रोकने के लिए यह निर्धारित किया है, लेकिन जिन किसानों की एक एकड़ में पैदावार आठ क्विंटल से अधिक है उन्हें अपना अतिरिक्त बाजरा खुले बाजार में औने-पौने दामों पर बेचना पड़ेगा।

सरकार की बाजरे की खरीद पर सीमा निर्धारण किए जाने से बाजरा उत्पादक किसानों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। प्रदेश सरकार द्वारा बनाए नियम के अनुसार एक एकड़ में बाजरे की अधिकतम उपज आठ क्विंटल मानी गई है। लेकिन इस वर्ष बारिश अच्छी होने के कारण पैदावार भी बम्पर हुई है जो प्रति एकड़ बारह क्विंटल यानी तीस मन तक बैठ रहा है।

पलवल मार्कीट कमेटी के सचिव नरबीर सिंह ने बताया कि सरकार ने कृषि विभाग के परामर्श पर बाजरे की पैदावार का निर्धारण किया है, क्योंकि बाजरा प्रति एकड़ बीस से बाईस मन तक ही होता है, इससे अधिक नहीं। सरकार का मानना है यदि बाजरे की फसल की सीमा का निर्धारण नहीं किया जाता तो इसकी ट्रेडिंग की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। 

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किसानों से दूसरे लोग सस्ता बाजरा खरीदकर सरकार को बेचने का काम करने लगते हैं, जो किसान अपनी फसल की पैदावार ज्यादा बता रहे हैं उनके लिए यह समस्या हो सकती है, लेकिन सरकार ने जो सीमा निर्धारित की है उससे अधिक की खरीद नहीं हो सकती।

सचिव ने बताया कि उन्होंने बताया कि अभी पलवल में बारह हजार आठ सौ तीन क्विंटल बाजरे की खरीद हो चुकी है, जिसमें बारह हजार दौ सौ बहत्तर क्विंटल सरकार ने खरीदा है और तीन सौ इकत्तीस क्विंटल प्राइवेट में खरीदा गया है। 


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Shivam

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