स्कूलों में बच्चों को दादी नानी सुनाएंगी राजा-रानी और परियों की कहानियां

punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2019 - 09:41 PM (IST)

जींद: दादी-नानी से राजा-रानी परियों की कहानी सुनना अब बीते समय की बात हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से इसकी पहल की है। जी हां अब सरकारी स्कूलों में बच्चों की नानी-दादी या अन्य बुजुर्ग आकर बच्चों को कहानियां सुनाएंगे। शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को किताबों से लगाव कराने को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह मनाया जाएगा।

इस अभियान की शुरुआत 14 नवंबर यानी बाल दिवस पर की जाएगी और 20 दिसंबर तक चल कार्यक्रम चलेगा। इस सप्ताह के दौरान प्रतिदिन एक पीरियड पुस्तकालय का लगेगा, जिसमें प्रतिदिन बच्चों द्वारा अलग-अलग गतिविधियां की जाएंगी। प्रदेश के सभी प्राइमरी, मिडिल और सीनियर सेकंडरी स्कूल में यह सप्ताह आयोजित किया जाएगा। प्रदेश के 16531 सरकारी स्कूलों के लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की तरफ से 1 करोड़ 52 लाख 8 हजार 520 रुपए का बजट जारी किया गया है।

प्रत्येक स्कूल को 920 रुपए का बजट दिया गया है। इस दौरान स्कूल में प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें कोई भी बुजुर्ग को बुलाकर कहानी बच्चों को सुनवाई जाएगी। आमंत्रित सदस्यों को पुस्तक दान करने को प्रोत्साहित भी किया जाएगा। बुक परेड के माध्यम से कुछ बच्चों को किताब के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसका उद्देश्य पठन कौशल द्वारा बच्चों को अपनी संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत का ज्ञान देना है। 

यह पठन कौशल पढऩे की आदत न केवल विद्यालय स्तर तक अपितु जीवन पर्यंत रहे। इसके तहत प्रत्येक सरकारी स्कूल में एक पठन कोने की स्थापना की जाएगी। कक्षा तीन से पांच, छह से आठ एवं नौ से बारहं तक के विद्यार्थियों को उनकी आयु व स्तरानुसार पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएंगी। विद्यालयों में पठन कौशल को विकसित करने के लिए एसएमसी व पीटीएम के सहयोग से सामुदायिक भागीदारी की जाएगी। इसके तहत आसपास के प्रभावी वक्ताओं को बुलाया जाएगा, जो बच्चों के बारे में जानकारी देंगे।


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Shivam

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