हाथों में धड़कता दिल लेकर कोलकाता से गुड़गांव पहुंचे डॉक्टर्स

punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2024 - 04:10 PM (IST)

गुड़गांव,(ब्यूरो): फोर्टिस गुरुग्राम में डॉक्टरों की टीम ने कोलकाता के 54 वर्षीय ब्रेन डेड महिला का हृदय 34 साल के युवा मरीज में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर उसे नई जिंदगी दी गई। मरीज डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी की समस्या से पीड़ित था। चिकित्सकों की मानें तो डोनर को चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। हार्ट कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल से लाया गया था। 

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नाटो से मंजूरी मिलने के बाद फोर्टिस अस्पताल की टीम हार्ट रिवाइव करने कोलकाता पहुंची जहां मृतक के शरीर से निकाले गए हार्ट को हवाई मार्ग से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचाया गया। दिल्ली पुलिस व गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस के 100 जवानों ने ग्रीन कोरिडोर के जरिए उसे गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल पहुंचाया। जहां अस्पताल के डॉ उद्गीथ धीर, कार्डियोथोरेसिक वास्क्युलर सर्जरी फोर्टिस गुड़गांव के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया। ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीज को कार्डियाक आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। अब मरीज की हालत स्थिर है।

 

अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ उद्गीथ धीर ने बताया कि इस मामले में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी जरूरी थी। मरीज की हालत डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी की वजह से काफी गंभीर थी। वह एडवांस हार्ट फेलियर स्टेज में था। मरीज का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। अब उसकी हालत स्थिर है।

 

वहीं, इंडिगो एयरलाइंस के प्रवक्ता का कहना है कि हमें जीवन रक्षा के इस प्रयास में महत्पवूर्ण मेडिकल प्रोफेशनल्स, पुलिस व अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करने पर बेहद गर्व है। सभी के सहयोग से समय पर हृदय का ट्रांसपोर्ट कर प्रतीक्षारत मरीज को लगाकर उसे नया जीवनदान दिया गया। 

 

इंडिगो एयरलाइंस से लाया गया दिल

हार्ट को इंडिगो एयरलाइंस की उड़ान से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लाया गया जहां से वीआईपी निकासी द्वार से इसे सुगमतापूर्वक बाहर लाया गया। इसके बाद दिल्ली व गुड़गांव पुलिस के आपसी तालमेल से ग्रीन कोरिडोर बनाकर फोर्टिस अस्पताल पहुंचाया गया। 18 किमी की दूरी भारी बारिश के बावजूद महज 13 मिनट में तय की गई।

 

100 पुलिसकर्मियों ने निभाई भूमिका

ग्रीन कोरिडोर की इस प्रक्रिया में करीब चार घंटे लगे। इसे पूरा करने के लिए 100 से अधिक पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का सहयोग लिया गया। बताया गया है कि फाेर्टिस अस्पताल में यह पहला हार्ट ट्रांसप्लांट है। 34 वर्षीय मरीज की हालत बेहद गंभीर थी जो फोर्टिस गुड़गांव में भर्ती था। उसका हार्ट 10 से 15 प्रतिशत की हाम कर रहा था। उसे पहले से ही आर्टिफिशियल हार्ट सपोर्ट- लेफ्ट वेंट्रिक्यूलर असिस्ट डिवाइस (एलवीएडी) पर रखा गया था।

 


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Content Editor

Pawan Kumar Sethi

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