बढ़ते प्रदूषण पर ग्रीन पटाखों की बढ़ी मांग, आवाज और धुआं भी कम

punjabkesari.in Saturday, Oct 31, 2020 - 11:20 AM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो) : गुडग़ांव सहित एनसीआर के अन्य शहरों में बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रीन पटाखों की मांग इस बार अधिक रहने का अनुमान है। पर्यावरण फ्रेंडली दिवाली को लेकर प्रदूषण कम करने में ग्रीन पटाखों अहम भूमिका होती है। ग्रीन पटाखा सामान्य पटाखों की तुलना में आवाज और धुंआ भी कम देता है। करीब दो सप्ताह के बाद होनेवाली दीपावली को लेकर ग्रीन पटाखें भी अधिकृत दुकानों पर मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल का निर्देश भी दे चुका है। ऐसे पटाखे अधिकारिक लाइसेंस दुकानों पर मिलेंगे।

ग्रीन पटाखें न केवल कम प्रदूषण करते है बल्कि कम हानिकारक भी होते है। ऐसे ग्रीन पटाखें दिखने, जलाने और आवाज में आम तौर पर बिकने वाले तेज पटाखों की तरह ही होते है। गुडग़ांव में जिला प्रशासन सुरक्षा के मद्देेनजर कुछ स्थानों पर पटाखों की बिक्री की जगह निर्धारित करता है। ग्रीन पटाखों से प्रदूषण आधा रह जाता है और हवा में विषैले तत्व भी कम घुलते है। जानकारों की मानें तो ग्रीन पटाखों से सामान्य पटाखोंं की तुलना में प्रदूषण पचास फीसदी कम हो जाता है।

ग्रीन पटाखे भी कई प्रकार के इस समय बाजार में आ रहे है। सेफ वाटर रिलीजर ग्रीन पटाखे पहले वाले जलने के साथ पानी पैदा करते है। जिससे सल्फर और नाइट्रोजन जैसी हानिकारक गैसें इन्हीं में घुल जाती है। जबकि स्टार क्रैकर पटाखे कम सल्फर और नाइट्रोजन पैदा करते है। ऐसे पटाखों में अल्युमिनियम का इस्तेमाल भी कम किया जाता है। इसके अलावा आरोमा क्रैकर्स कम प्रदूषण के साथ साथ खुशबू भी पैदा करते हैं।


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Manisha rana

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