प्री बजट चर्चा करने वाला देश का पहला राज्य बना Haryana, विधायकों से लिए जा रहे सुझाव
punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 12:39 PM (IST)
 
            
            डेस्कः पढ़ी-लिखी पंचायत देकर कर देश के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत करने के उपरान्त हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्तमंत्री के रूप में अनेक हितधारकों, सांसदों व विधायकों के साथ बजट पूर्व बैठकें कर बजट में उनके सकारात्मक सुझावों को शामिल करने की एक नई पहल की है। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में इसके साथ ही एक नया अध्याय जुड़ गया है और हरियाणा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित रेड बिशप पर्यटन केन्द्र के सभागार में वित्त विभाग एवं हरियाणा वित्तीय प्रबन्धन संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से विधायकों के साथ आयोजित तीन दिवसीय बजट पूर्व विचार-विमर्श बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि को सदन में अपनी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर बजट के लिए राज्य-व्यापी सुझाव देने का परिचय देना चाहिए। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा के अलावा हरियाणा मंत्रिमण्डल के सदस्य तथा राज्य के 75 से अधिक विधायक उपस्थित थे।
एक वित्तमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इस अनूठी पहल का उपस्थित सभी विधायकों ने स्वागत करते हुए कहा कि बजट पूर्व उनसे सीधा संवाद कर बजट के लिए सुझाव मांगना निश्चित रूप से उनके लिए एक सुखद अनुभव है। बजट में शामिल करने के लिए आज जो सुझाव उन्होंने दिए है आशा है कि उनके अच्छे सुझाव बजट में समावेशित  किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी, 2020 से वे उद्योग जगत, सेवा क्षेत्र, रियल इस्टेट, कृषि,मैन्यूफेच्यरिंग, महिला, युवाओं तथा सांसदों सें भी विचार-विमर्श कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला ने हरियाणा की इस पहल की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि बजट का हेतु समाज के अन्तिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है। सीधा संवाद व विचार-विमर्श पर बजट के लिए सुझाव आमंत्रित करने की एक पहल की गई है। उन्होंने कहा कि बजट में भी जनता की आकांक्षाओं व अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वे हर सम्भव  प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने पर्यावरण सुरक्षा, प्रदूषण, गिरता भू-जल स्तर, कृषि में अत्याधिक रसायन उर्वरकों का उपयोग कुछ ऐसी चुनौतियां है जिनका समाधान ढूढऩा जरूरी हो गया है।


 
                     
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                            