जेल में आत्महत्या करने वाले दो कैदियों के परिवारों को मुआवजा दे हरियाणा सरकार: आयोग

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2020 - 05:12 AM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने जेल में फंदा लगाकर आत्महत्या करने के दो अलग-अलग मामलों में मरने वाले के परिवार को 3 लाख और दूसरे मामले में 2 लाख रुपए मुआवजा देने के लिए हरियाणा सरकार को आदेश दिए है। दो अलग अलग आदेश पारित करते मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसके मित्तल,  पूर्व न्यायधीश केसी पुरी एवं मननिय सदस्य दीप भाटिया ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए कि मृतकों के परिवारों को उपरोक्त राशि दी जाए।

प्रवीण कुमार नामक कैदी ने अंबाला जेल में आत्महत्या कर ली थी। इस बाबत 12 अगस्त 2018 को प्रमुख समाचार पत्रों में यह समाचार छपा था, जिस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया था। इस मामले में इंक्वायरी भी की गई थी तथा यह पाया गया था की कैदी मानसिक दबाव में था तथा उसकी छाती में भी दर्द था। आयोग ने इस मामले में यह मानते हैं कि राज्य सरकार के कैद में यदि व्यक्ति की अप्राकृतिक मृत्यु होती है तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार उसके परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। 

दूसरे मामले में सोनीपत जेल के सुप्रिडेंट द्वारा दिनांक 20 जनवरी 2019 को हरियाणा मानव अधिकार आयोग को सूचना दी गई थी कि सुरेंद्र नामक एक कैदी ने जो जेल में बंद था फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी उस पर दफा 302 201 के तहत सोनीपत में मुकदमा चल रहा था।

मानव अधिकार आयोग ने एक अलग निर्णय में कैद में मरने वाले लोगों के मामले में हरियाणा सरकार से पूछा है कि सरकार ने क्या कोई नियम या पॉलिसी इस बारे में बनाई है या नहीं? हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने सरकार को निर्देश भी दिया है इस बारे में मंथन करके एक पॉलिसी बनाई जाए ताकि जेल में अप्राकृतिक मृत्यु होने की स्थिति में सरकार द्वारा मृतक के पीछे परिवार को आर्थिक सहायता दी जा सके। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी समय-समय पर अपने निर्णय में ऐसी आर्थिक सहायता के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार इस विषय पर आयोग के आदेशों के बाद पॉलिसी बनाने पर मंथन कर रही है।


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Shivam

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