हरियाणा सरकार 10 नई IMT करेगी स्थापित, लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 07:48 AM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी ): मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि राज्य में 10 नई IMT टाउनशिप्स बनाई जाएँगी। इनमें से कुछ टाउनशिप्स के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसा बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे तीन IMTs अम्बाला, जिंद और फरीदाबाद-पालवाल जिलों में विकसित किए जायेंगे। इसके अलावा कुछ अन्य स्थानों की पहचान हो चुकी है जैसे कि कोसली (Kosli) और नारियांगड़ (Naraiangarh)।
MSME और आर्थिक विकास
ऐसे उद्योग मॉडल टाउनशिप्स छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने में मदद करेंगे। सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने MSMEs को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ और प्रोत्साहन नीति लागू की है। राज्य में पहले से ही अनुमानित 7.66 लाख MSMEs स्थापित हैं, जिनसे लगभग 39 लाख लोगों को सीधी या अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
व्यवस्थाएँ सरल होंगी
सरकार ने बताया कि उद्योग-स्थापना प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए लगभग 1,100 से अधिक नियमों और अनुपालनों (compliances) को कम किया गया है, और 48 विभागों में से कई प्रक्रियाएं सरलीकृत की जा रही हैं। साथ ही कई सरकारी सेवाएं अब एक रूफ क्लीयरेंस सिस्टम (one-roof clearance) के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।
आर्थिक महत्व और राज्य की भूमिका
सैनी ने कहा कि हरियाणा छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स के मामले में अब तेजी से अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। राज्य के GDP में योगदान 3.6% है, जबकि राज्य क्षेत्र अपने आप में केवल 1.3% है। पिछले दस वर्षों में राज्य की जीएसडीपी (GSDP) करीब 10.8% की वार्षिक दर से बढ़ी है।
संभावित प्रभाव
- रोजगार सृजन: इन नई IMTs की वजह से फ़ैक्ट्रियों, गोदामों, सहायक उद्योगों आदि में काम के अवसर बढ़ेंगे, विशेषकर उन जिलों में जहाँ अभी औद्योगिक इकाइयाँ कम हैं।
- उद्योगों का विभाजन: राज्य के विभिन्न हिस्सों में निवेश फैलेगा — सिर्फ बड़े शहरों नहीं, बल्कि ज़िला- स्तरों पर भी। इससे क्षेत्रीय असमानताएँ कम हो सकती हैं।
- •आर्थिक विकास: MSMEs को सस्ता और सरल अवसर मिलने पर उत्पादकता बढ़ेगी, स्थानीय संसाधनों का उपयोग होगा, आपूर्ति श्रृंखलाएँ सुदृढ़ होंगी।
- ज्यादा निवेश आकर्षण: बेहतर बुनियादी सुविधाएँ और सुसंगत नीतियाँ होने से निजी और सार्वजनिक निवेश में वृद्धि हो सकती है।
चुनौतियाँ और सुझाव
- भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ: जमीन अधिग्रहण में किसानों की सहमति, पर्यावरणीय मंज़ूरी आदि में देरी हो सकती है। इसकी पारदर्शी प्रक्रिया और उचित मुआवज़ा जरूरी है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर की समय-सीमा: बिजली, पानी, सड़क, सीवरेज आदि बुनियादी ढांचे को समय पर तैयार करना होगा। समय-सीमा में देरी से निवेशकों का भरोसा घट सकता है।
- मानव संसाधन: नई IMT में काम करने के लिए प्रशिक्षित श्रमिकों की आवश्यकता होगी। कौशल विकास कार्यक्रमों कोबढ़ावा देना होगा।
- नीति निरंतरता: सरकार की नीतियाँ स्थिर होनी चाहिए ताकि निवेशकों को विदेशी और घरेलू दोनों तरह की आशाएँ हों।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार की यह घोषणा कि राज्य में 10 नए Industrial Model Townships स्थापित होंगे, एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह छोटे उद्योगों और युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा, राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, तथा ‘Make in India’ और ‘Atmanirbhar Bharat’ जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को गति देगा। हालांकि, योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कार्यान्वयन में होने वाली चुनौतियाँ कैसे संभाली जाएँ। पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता इस सफलता की कुंजी होंगी।