GST कलेक्शन में हरियाणा की 20 प्रतिशत की वृद्धि, देश के शीर्ष 5 राज्यों में हुआ शामिल
punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 08:15 PM (IST)
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चण्डीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा आबकारी एवं कराधान विभाग ने माल और सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। फरवरी, 2025 में देश में सकल जीएसटी राजस्व 1,83,646 करोड़ रुपये एकत्र किया गया, जो पिछले वर्ष इसी महीने के जीएसटी राजस्व से 9.1 प्रतिशत अधिक है। वहीं फरवरी, 2025 में हरियाणा में सकल जीएसटी संग्रह 9,925 करोड़ रुपये है, जबकि फरवरी 2024 में यह 8,269 करोड़ रुपये था, जो 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है और राष्ट्रीय विकास औसत 10 प्रतिशत से दोगुना है। इस दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु के साथ जीएसटी संग्रह में हरियाणा देश के शीर्ष 5 राज्यों में बना हुआ है।
प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह न केवल हरियाणा सरकार की कर सुधार नीति की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। हरियाणा ने जनवरी, 2025 में भी बड़े राज्यों में सबसे अधिक वृद्धि दर दिखाई थी। जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि आर्थिक प्रगति को दर्शाती है। साथ ही यह राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आबकारी एवं कराधान विभाग आगे भी ऐसे ही प्रगति करता रहेगा और हरियाणा को आर्थिक और वित्तीय स्तर पर एक मजबूत राज्य बनाएंगे।
आबकारी एवं कराधान विभाग एसजीएसटी, आबकारी शुल्क और वैट के तहत राज्य के कुल राजस्व का 80 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है। अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 की अवधि के दौरान आबकारी एवं कराधान विभाग ने 57,125 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जो वर्ष 2024-25 के लिए कुल बजट लक्ष्य 63,348 करोड़ रुपये का 90 प्रतिशत से अधिक है और विभाग बजट लक्ष्य को पार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के लिए राजस्व एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, जिससे विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को विकसित करने, नागरिक सेवाएं प्रदान करने और देश-प्रदेश के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध होता है। आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रयास है कि राज्य बजट में विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व एकत्रित किया जाए जिससे प्रदेश में विकासात्मक कार्यों के लिए धन की कोई कमी ना रहे। विभाग के ऐसे प्रयास राज्य सरकार के सामर्थ्य को बढ़ाते हैं और प्रदेश को आर्थिक विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।
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