(VIDEO) हरियाणा का शहीद कमांडो पंचतत्व में विलीन, तिरंगे में लिपटे सपूत को देख सिसक उठे लोग
punjabkesari.in Monday, Jul 08, 2024 - 01:27 PM (IST)
नरवाना (गुलशन चावला) : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के लांसनायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन काे जींद में नरवाना के गांव जाजनवाला में अंतिम विदाई दी गई। उनका पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। प्रदीप नैन माता-पिता के इकलौते बेटे थे। उनके चचेरे भाई कुलदीप ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
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राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि यह दुख के साथ गर्व की बात है। जाजनवाला के वीर सपूत ने आतंकियों से लड़ते अपने प्राण न्यौछावर किए।आतंकवादियों के खिलाफ आपरेशन में प्रदीप की अहम भूमिका होती थी। प्रदीप ने कभी अपनी जान की परवाह नहीं की। देश की सुरक्षा उसके लिए सर्वोपरि थी। सदियों तक प्रदीप नैन की कुर्बानी को याद रखा जाएगा।
शहीद के पिता बलवान सिंह ने कहा कि बेटे की शहादत पर हमें गर्व है। ऐसे बच्चे बार-बार नहीं मिलते। प्रदीप में कमांडो बनने का बड़ा जुनून था। कहता था कमांडो बनकर बताऊंगा। बेटा दिलेर था, उसके अंदर किसी चीज का डर नहीं था। बेटे ने कहा था 15-20 छुट्टी आऊंगा। उन्होंने बताया का बेटे ने 3 भर्तियां ट्राई की। 2 में फेल हो गया था, तीसरी में भर्ती हुआ।
2015 में सेना भर्ती हुआ था शहीद प्रदीप कमांडो
बताया जा रहा है कि शहीद प्रदीप कमांडो 2015 में सेना भर्ती हुआ था। प्रदीप की शादी 2022 में हुई थी। प्रदीप गांव की शान था। प्रदीप के शहीद होने की जानकारी मिलते ही गांव में गमगीन माहौल हो गया। प्रदीप का शव आज गांव में लाया जाएगा। शहीद का अंतिम संस्कार आज गांव में ही किया जाएगा।
कुछ समय बाद प्रदीप बनने वाले थे पिता
29 वर्षीय प्रदीप 9 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। इसके बाद उनकी काबिलियत देखकर उन्हें पैरा कमांडो बनाया गया। वह परिवार के इकलौते बेटे थे। कुछ समय बाद वह पिता बनने वाले थे। प्रदीप के अलावा एक और जवान शहीद हुआ हैं। सेना ने शनिवार देर शाम गांव के सरपंच को शहादत की सूचना दी थी। इसके बाद सरपंच ने परिवार को बेटे के शहीद होने के बारे में बताया। इस सूचना के बाद शहीद की गर्भवती पत्नी की तबीयत खराब है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मां-बहन का रो-रोकर बुरा हाल
शहीद की मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रदीप की मां की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उनके मुंह से सिर्फ बेटे के बारे में ही शब्द निकल रहे हैं। मां कह रही कि बेटा तू हमें क्यों छोड़कर चला गया, तेरे बिना हम कैसे जिएंगे। परिजनों का कहना है कि प्रदीप बेहद सीधा-सादा और हंसमुख लड़का था।
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