Haryana ने तीसरी बार जीता ये खास पुरस्कार, स्वदेशी मवेशी नस्लों के संरक्षण में फिर बनाई अलग पहचान
punjabkesari.in Thursday, Nov 28, 2024 - 12:25 PM (IST)
चंडीगढ़: हरियाणा ने स्वदेशी मवेशी और भैंस नस्लों के पालन के लिए लगातार तीसरी बार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ‘गोपाल रत्न’ पुरस्कार जीतकर देश में अपनी अग्रणी स्थिति साबित की है। यह पुरस्कार 2022, 2023 और 2024 के लिए मिला है, जो राज्य के पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की प्रगति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के प्रयासों को उजागर करता है।
इस वर्ष का पुरस्कार झज्जर जिले की रेणु को प्रदान किया गया। उन्हें 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, योग्यता प्रमाण-पत्र और एक स्मृति-चिह्न दिया गया। यह सम्मान उन्हें नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने प्रदान किया।देश के भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 1.3 प्रतिशत कवर करने वाले हरियाणा ने देश के पशुधन क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्य की लगातार सफलताएं दिखाती हैं कि हरियाणा पशुधन और डेयरी विकास के क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन चुका है।
हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, यह उपलब्धि राज्य की स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और डेयरी फार्मिंग में नवीन और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू और महानिदेशक डॉ. एलसी रंगा ने रेणु को बधाई देते हुए इसे हरियाणा के मजबूत पशुधन क्षेत्र का प्रतीक बताया।