ये है मंकी पॉक्स के लक्ष्ण, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
punjabkesari.in Monday, May 23, 2022 - 09:04 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): शहर में कोरोना का कहर अभी थमा भी नही था। कि इसी बीच डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू के बाद मंकी पॉक्स का संक्रमण की खबर से शहर वासियों में चर्चा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंकी पॉक्स को लेकर बकायदा इसे लेकर एडवाइजरी जारी कर लोगों से बेवजह चिंता न करने की अपील की है। क्योकि जिले में मंकी पॉक्स के अभी तक एक भी केस दर्ज नही किए गए है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह एक वायरल व जेनेटिक बीमारी है। जो आमतौर पर ज्यादा वर्षा संभावित जंगल, मध्य व पच्छिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। विभाग ने लोगों को समय से पहले इसकी जानकारी देकर लोगों में फैले भ्रम व अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो लक्षणों के आधार पर ऐसे प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है जिनके अंदर ऐसे लक्षण देखे जा रहे है। बताया गया है कि अभी तक जिले में ऐसे किसी मरीज की पहचान नही की गई है, लेकिन मंकी पॉक्स के संक्रमण को लेकर विभाग के अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है।
ये हैं मंकी पॉक्स के लक्षण
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ नवीन कुमार के मुताबिक मंकी पॉक्स के संक्रमण से लसीका तंत्र, आंख, कान व नाक प्रभावित हो सकते है। संक्रमित व्यक्तियों में 2 से 4 सप्ताह तक इसका असर देखा जा सकता है। बीमारी से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 1 से 10 फीसदी के करीब बताई गई है।
ऐसे फैलता है संक्रमण
स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की माने तो मंकी पॉक्स का संक्रमण जानवर से इंसान व इंसान से इंसान में इसके संक्रमण की संभावना व्यक्ति की गई है। इस वायरस को शरीर में प्रवेश के बाद यह त्वचा फफोले छोड़ देता है। इसके अलावा त्वचा के अलग-अलग हिस्सों पर दाग व धब्बे पड़ जाते है। श्वसन तंत्र, हेड नेक व मुंंह भी इससे विशेष रूप से प्रभावित होते है।
ऐसे करें बचाव
चिकित्सकों की मानें तो मंकी पॉक्स का संक्रमण जानवरों से इंसानों के बीच हुंचने की संभावना बंदर व अन्य जानवरों के काटने, जंगल व झाड़ी के जानवरों का मीट बनाने व त्वचा शरीर के सीधे संपर्क के साथ अप्रत्यक्ष रूप से उनके बिस्तर व कपड़ों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
''शहर में अभी तक मंकी पॉक्स के एक भी लक्षण सामने नही आए है। इसके संक्रमण आमतौर पर यूके, यूएसए, यूरोप, आस्ट्रेलिया व कनाडा में रिपोर्ट किए गए है। विभाग ऐसे संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों पर गंभीरता से नजर बनाए हुए है।" डॉ वीरेन्द्र यादव, सिविल सर्जन, गुड़गांव