हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कमजोर, कई पद खाली...5384 पद फिलहाल रिक्त
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 04:25 PM (IST)
चंडीगढ(चन्द्र शेखर धरणी ): हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रदेश सरकार ने विधानसभा में यह स्वीकार किया है कि मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टाफ के हजारों पद लंबे समय से खाली पड़े हैं।
रानिया से विधायक अर्जुन चौटाला द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बृहस्पतिवार को सदन में सभी जिलों से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट पेश की, जिसमें स्वास्थ्य तंत्र की असल तस्वीर सामने आई है।
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों के तहत कुल 21 हजार 296 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 15 हजार 912 पदों पर ही तैनाती हो पाई है, जबकि 5384 पद फिलहाल रिक्त हैं। इन आंकड़ों ने यह साफ कर दिया है कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है, जिसका सीधा असर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ रहा है।विपक्ष ने इन आंकड़ों को लेकर सरकार की स्वास्थ्य नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब तक स्थायी भर्तियां नहीं होंगी, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था केवल अस्थायी राहत ही दे पाएगी। सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट यह साफ संकेत देती है कि हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सिर्फ योजनाओं से नहीं, बल्कि समयबद्ध और ठोस भर्ती प्रक्रिया से ही हालात सुधर सकते हैं।
डॉक्टरों से लेकर डेंटल स्टाफ तक कमी
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में सिविल सर्जन के 16 पद खाली हैं। एसएमओ (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) के 644 स्वीकृत पदों में से 219 पद रिक्त हैं। मेडिकल ऑफिसर के 3969 पदों में से 777 पद खाली पड़े हैं। सीनियर डेंटल सर्जन के 56 पदों में से 20, डेंटल सर्जन के 717 में से 58, और डेंटल असिस्टेंट के 290 में से 194 पद रिक्त हैं। इसके अलावा एमपीएचडब्ल्यू (मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर) के 2734 स्वीकृत पदों में से 597 पद अब तक नहीं भरे जा सके हैं।
स्थायी भर्ती तक वैकल्पिक इंतजाम
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सदन को भरोसा दिलाया कि इन रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी), हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) और विभागीय चयन समितियों को भर्ती प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।
सरकार का दावा है कि आने वाले एक वर्ष के भीतर अधिकांश पदों पर स्थायी नियुक्तियां हो सकती हैं। जब तक स्थायी भर्ती पूरी नहीं होती, तब तक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित होने से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआनएन), अंडर-ट्रेनिंग स्टाफ और अन्य संविदात्मक स्रोतों से कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है।