हाईकोर्ट में हुई 10 हजार करोड़ के शराब घोटाले की सुनवाई, कोर्ट ने SIT की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया

punjabkesari.in Thursday, May 23, 2024 - 06:33 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी):  2020 में लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में हुई शराब की तस्करी और जहरीली शराब पीने से मौत के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। केस में याचिका लगाने वाले वकील प्रदीप कुमार रापड़िया ने हरियाणा के सीएम, चीफ सेक्रेटरी और एसीबी के प्रमुख को पत्र लिखकर इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की सिफारिश करने की मांग की थी। याचिकर्ता के वकील प्रदीप रापड़िया की ओर से मुख्यमंत्री के अलावा डीजीपी और एसीबी को ईमेल के जरिए भेजी SIT रिपोर्ट की सिफारिशों को हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख तय की है। 

बता दें कि केस में याचिका लगाने वाले वकील प्रदीप कुमार रापड़िया ने हरियाणा के सीएम, चीफ सेक्रेटरी और एसीबी के प्रमुख को पत्र लिखकर इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की सिफारिश करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने एसआईटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा बताया था कि शराब घोटाला करीब 9519.98 करोड़ रुपए का है। 

विज ने बनाई थी 3 सदस्यीय जांच कमेटी

शराब घोटाले की जांच केलिए तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक IPS अधिकारियों की इस रिपोर्ट में CBI और ED से जांच करवाने की सिफारिश की गई थी। याचिकाकर्ता ने सरकार से मामले की जांच सीबीआई और ईडी से नहीं करवाने की सूरत में हाईकोर्ट में इस बारे में मांग करने की बात कही थी। 

SIT रिपोर्ट में हुए खुलासे

जहरीली शराब पीने से हुई 50 मौतों के लिए शराब माफिया, एक्साइज और पुलिस विभाग की मिलीभगत जिम्मेवार को जिम्मेदार ठहराया गया था। शराब घोटाले से हरियाणा सरकार को 9519.98/- रूपए का नुकसान होने की बात कही गई थी। गुजरात में 70 से 80 फीसदी तक शराब की तस्करी हरियाणा से होने का भी दावा किया गया। हरियाणा से दिल्ली में शराब तस्करी बढ़ने का भी दावा। बिहार में 43.52 फीसदी शराब की तस्करी हरियाणा से होने की कही गई बात। उतर प्रदेश में भी हरियाणा से शराब तस्करी होने का दावा। जांच में IAS और HCS अधिकारियों की ओर से सहयोग नहीं करने का भी आरोप। राजनीतिज्ञ, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारी को घोटाले में संलिप्त बताया गया। लोगों की जान बचाने, राजस्व हानि को रोकने और राजनेताओं-अपराधियों-शराब व्यापारियों-भ्रष्ट अधिकारियों के गठबंधन को तोड़ने के लिए सीबीआई या ईडी से जांच कराने की कही थी बात।

 

 


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Content Writer

Isha

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