फिर घुलने लगा आसमान में जहर, पर इस बार लगाई खेतों में आग तो भुगतना होगा ये परिणाम

punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 10:51 AM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): हरियाणाा में गेहूं कटाई के बाद खेतों में आग लगाने का सिलसिला नहीं थम रहा। हालांकि पिछले साल के मुकाबले खेतों में आग लगाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद लोग खेतों में आग लगा कर वातावरण को दूषित कर रहे हैं। हरियाणा कृषि विभाग द्वारा ऐसे लोगों को नोटिस दिए जा रहे हैं।

हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार किसानों को समझाया जा रहा है, जागरूक किया जा रहा है। इसी मामले को लेकर कई बार हरियाणा व दिल्ली एवं पंजाब सरकार में वाक युद्ध हो चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद लोग नहीं मानते। हरियाणा कृषि विभाग द्वारा हिसार में स्थापित किए गए सेटेलाइट से पूरे प्रदेश के सभी जिलों पर विशेष नजर रखी जा रही है।जिससे पता चलता है कि किस किस इलाके में आग लगाई गई है और उसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इसकी जांच पड़ताल करके किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं।

हरियाणा में जहां पिछले वर्ष 6580 मामले  खेतो में आग लगाने के सामने आए थे वहीं अभी तक 3580 मामले सामने आ चुके हैं। यमुनानगर में हरियाणा कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुरेन्द्र यादव ने बताया कि हरियाणा में ऐसे मामलों में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने यमुनानगर का जिक्र करते हुए बताया कि अभी तक 65 केस सामने आ चुके हैं जिनमें से 22 में 17500 का जुर्माना किया गया है वहीं 35 मामलों में संबंधित गांव के पटवारी की रिपोर्ट लेकर किसानों को नोटिस दिए जाएंगे। और उनका जवाब न आने पर उनके खिलाफ एफआईआर  दर्ज करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष यमुनानगर जिला में 265 मामले सामने आए थे जिनमें खेतों में आग लगाई दी गई थी उन्हें 2 लाख 75000 का जुर्माना किया गया था।

अगर कोई किसान अपनी 2 एकड़ तक की जमीन में आग लगाता है तो उस पर ढाई हजार रूपए का जुर्माना है। वही 5 एकड़ में आग लगाने पर 5000 और 5 से ज्यादा एकड़ भूमि में आग लगाने पर 15000 के जुर्माने का प्रावधान है। और अगर कोई किसान यह जुर्माना नहीं भरता तो उसके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया जाता है।

 


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Isha

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