यमुना नदी में हो रहे अवैध खनन पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, सरकार से मांगी वर्तमान रिपोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Oct 02, 2022 - 12:17 PM (IST)

रादौर (कुलदीप सैनी) : यमुना नदी में हो रहे अवैध खनन के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी द्वारा दायर जनहित याचिका में जिला यमुनानगर में अवैध खनन पर सरकार से ताजा रिपोर्ट मांगी है। 

हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट वरयाम सिंह ने बताया कि साल 2017 में जिला यमुनानगर में हो रही अवैध माइनिंग व खनन सामग्री से भरे ओवरलोड वाहनों के कारण राष्ट्र संपत्ति सड़कों को नुकसान तथा यमुना नदी के तटबंधों को हो रहे नुकसान को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। लंबे संघर्ष और प्रयासों के बाद एक बार फिर उच्च न्यायालय ने अवैध माइनिंग पर अपना कड़ा रुख दिखाया और सरकार को 21 फरवरी 2023 तक जिला यमुनानगर में यमुना नदी के अंदर हो रहे अवैध खनन पर वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। 

प्रदेशाध्यक्ष वरयाम सिंह ने कहा कि अवैध खनन एवं ओवरलोड और यमुना नदी के तटबंधों हो रहे नुकसान की शिकायत उन्होंने संबंधित अधिकारियों से की, लेकिन उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाए दबा दिया गया। जिस पर मजबूरन उन्हें हाईकोर्ट जाना पड़ा। अवैध खनन से यमुना नदी की प्राकृतिक धारा बदल रही है। जिससे भूमि कटाव हो रहा है। जिस कारण नदी के साथ लगते करीब आधा दर्जन गांवों पर खतरा बना हुआ है। जब भी यमुना नदी में अधिक पानी आता है, तो किनारे कच्चे होने के कारण नदी अपनी दिशा बदल लेती है। क्योंकि नदी के किनारों पर बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन के सबूत उन्होंने हाईकोर्ट में पेश किए हुए हैं। वह हाईकोर्ट में अवैध खनन के साथ-साथ इसमें मिलीभगत करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग करेंगे, जो अपने निजी स्वार्थ के चलते अवैध खनन करवा सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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Content Writer

Manisha rana

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