Haryana: हुड्डा और उदयभान की कुर्सी पर संकट! हरियाणा को लेकर क्या है कांग्रेस हाईकमान का प्लान?

punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2024 - 06:24 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जीत की आस के बीच कांग्रेस को लगातार तीसरी बार मिली हार को लेकर जहां पार्टी हाईकमान गंभीरता से ले रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर से हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस हाई कमान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान दोनों को बदलने की तैयारी कर चुका है। 

चर्चा है कि कांग्रेस की ओर से जल्द ही नेता प्रतिपक्ष के नाम की भी घोषणा की जा सकती है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अध्यक्ष पद को लेकर  पार्टी की ओर से अब महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर फैसला हो सकता है। ऐसे में उदयभान की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा फिलहाल कुछ दिनों के लिए टलता नजर आ रहा है।

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दोनों की कुर्सी पर संकट!

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही भूपेंद्र हुड्डा और उदयभान दोनों की कुर्सी पर ही संकट मंडरा रहा है। हुड्डा अघोषित रूप से कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। टिकट वितरण के दौरान भी हुड्डा खेमे के करीब 72 नेताओं को पार्टी की ओर से टिकट दिया गया था, जिसमें से 30 ही जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इसके साथ ही भूपेंद्र हुड्डा की उम्र भी अब 77 वर्ष की हो गई है। ऐसे में चर्चा यहीं है कि पार्टी इस बार उनके स्थान पर किसी अन्य चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बना सकती है। 

खुद भी चुनाव नहीं जीत पाए उदयभान

प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उदयभान को संगठन की ओर अधिक देना चाहिए थे, लेकिन इसके उल्ट वह खुद ही पलवलकी होडल विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए। इतना ही नहीं वह अपनी सीट पर भी जीत हासिल नहीं कर पाए। ऐसे में उनकी कुर्सी बचने की संभावना भी नाममात्र ही है। 

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बीजेपी और अन्य दलों ने भी साधा निशाना

कांग्रेस की हार को लेकर भारतीय जनता पार्टी और अन्य दलों की ओर से भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया जा रहा है। बीजेपी और अन्य दलों के नेताओं का कहना है कि जो व्यक्ति प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद अपनी सीट नहीं जीत पाया, ऐसा व्यक्ति कैसे पार्टी का भला कर सकता है ? बीजेपी और विपक्षी दलों के लगातार निशाने पर आ रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की कुर्सी जाना तो तय है, लेकिन देखना होगा कि आखिर पार्टी इस पर कब तक फैसला लेती है। 

हाईकमान को दिया अधिकार

नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए चंडीगढ़ के कांग्रेस  कार्यालय में पार्टी की ओर से विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में हालांकि अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र हुड्डा के नाम का समर्थन किया, लेकिन अंतिम फैसला हाई कमान पर छोड़ा गया है। 

पहले किसकी कुर्सी जाएगी?

एक सवाल यह भी है कि पहले नेता प्रतिपक्ष का चयन होगा या अध्यक्ष पद का ? कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के मुताबिक अभी तो नेता प्रतिपक्ष चुनने की कवायद शुरू हुई है। अध्यक्ष कब हटेगा, यह तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला करेंगे। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में नई विधानसभा सत्र को देखते हुए कांग्रेस जल्द ही नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इसको लेकर 2-3 नाम हरियाणा के सियासी गलियारों में चल रहे हैं। इनमें गीता भुक्कल और अशोक अरोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे और हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम रहे चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम भी शामिल हैं। वहीं, अध्यक्ष पद पर बदलाव महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के बाद हो सकता है।

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हरियाणा में जाट-गैर जाट को साधेगी कांग्रेस

हाल ही में कांग्रेस की हार जाट और गैर-जाट चुनाव होने की वजह से हुई है। ऐसे में कांग्रेस नया नेतृत्व दोनों समुदाय को साधते हुए तैयार करेगी। कहा जा रहा है कि दोनों में से एक पद जाट को मिल सकता है और दूसरा पद किसी गैर-जाट को। हरियाणा में जाटों की आबादी करीब 22 प्रतिशत है। इसी तरह राज्य में 20 प्रतिशत दलित हैं। इन दो जातियों के अलावा सवर्णों की आबादी 11 प्रतिशत है। अहीर और गुर्जर भी राज्य में 10 प्रतिशत के आसपास हैं। विधानसभा में हुड्डा गुट के विधायकों की संख्या अधिक होने के कारण संभावना जताई जा रही है कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में यदि कांग्रेस चेहरा बदलती है तो नए चेहरे में हुड्डा गुट का विधायक हो सकता है। 

हरियाणा में 37 पर सिमट गई कांग्रेस

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी 37 सीटों पर ही सिमट गई। राज्य की 90 सीटों में से 48 सीटें बीजेपी के खाते में आई है। बीजेपी के नायब सिंह सैनी फिर से मुख्यमंत्री बने हैं। इनमें इनेलो के 2 और तीन सीटों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है। निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को अपना समर्थन दे रखा है।

 

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Content Writer

Manisha rana

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