गाय की राजनीति पर नहीं, गाय की हालत पर ध्यान दे बीजेपी: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2020 - 11:19 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): सिरसा में 10,772 गायों की मौत पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी का जोर सिर्फ गाय के नाम पर वोट बटोरने पर रहता है, उनकी हालत सुधारने पर नहीं। यही वजह है कि गौशाला और सड़कों पर रोज गौवंश की मौत हो रही है।

दरअसल,  उनकी आरटीआई के जरिए जानकारी मिली है कि सिरसा जिले की गौशालाओं में महज सवा साल के भीतर 10,772 गौवंश की मौत हो चुकी है। अप्रैल 2017 से जुलाई 2018 के बीच 16 महीने के दौरान हर महीने औसतन 673 गौवंश ने दम तोड़ा। हरियाणा सरकार ने इन हजारों मौतों की दर्दनाक घटना को प्रदेश की जनता से छुपाए रखा। लेकिन आरटीआई से हुए खुलासे ने बीजेपी के गौरक्षा वाले नारे और दावे की पोल खोल दी है।

हुड्डा ने कहा ''जब से हरियाणा में बीजेपी की सरकार आई है, गौवंश की हालत लोगों से छिपी नहीं है। गौशालाओं से अक्सर रखरखाव और खानपान के अभाव में गायों की मौत की खबरें आती रहती हैं। सड़कों पर भी बेसहारा गौवंश हादसों का शिकार या हादसों की वजह बनता रहता है।''

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ गाय के नाम वोट मांगती है। लेकिन उसकी दयनीय हालत देखकर आंख बंद कर लेती है। उन्होंने मनसा देवी चारा घोटाले का जिक्र भी किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले दिनों गौ सेवा आयोग के अधीन आने वाली पंचकूला की मनसा देवी गौशाला में चारा घोटाले की शिकायत सामने आई थी। उसपर आजतक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 

हुड्डा ने आशंका जताई कि गौमाता के लिए दान में मिलने वाली राशि भी गौशाला में खर्च करने की बजाए घोटाले की भेंट चढ़ रही है। इसलिए जरूरी है कि सिरसा में हुई हजारों मौतों के साथ गौ सेवा आयोग की तमाम राशि और खर्च की जांच होनी चाहिए। साथ ही तमाम सरकारी गौशालाओं की व्यवस्थाओं व रखरखाव की भी फौरन उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि और मौतों को रोका जा सके।

बीजेपी को बेजुबानों के नाम पर राजनीति करने की बजाए उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए। सिरसा के साथ पूरे हरियाणा में हर गौशाला से संपर्क कर उनकी हालत को सुधारना चाहिए। अलग-अलग संस्थाओं की तरफ से चलाई जा रही गौशालाओं को भी उचित सरकारी मदद देनी चाहिए। साथ ही सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गौवंश को भी गौशाला में भेजना चाहिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Shivam

Recommended News

Related News

static