भारत में जल्द कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद जगी, तीसरे फेस का काम जल्द होगा शुरू

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 07:21 PM (IST)

रोहतक (दीपक): कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने की मुहिम में लगी रोहतक पीजीआई की टीम को उम्मीद है इस साल के अंत तक को-वैक्सीन तैयार होकर मार्केट में आ जाएगी। क्योंकि पहले फेज का ट्रायल सफल रहा है और फिलहाल दूसरे फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है, जिसका परिणाम आना बाकी है। 

यही नहीं जल्द ही तीसरे फेस के ट्रायल की परमिशन भी मिलने वाली है। पूरे देश में दूसरे फेज का ट्रायल 350 वॉलिंटियर पर किया गया है, लेकिन पीजीआई में यह ट्रायल 50 वॉलिंटियर पर हुआ है। इस ट्रायल में नई बात यह रही है कि इस बार डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किया गया था।

देश में कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और हर रोज काफी संख्या में नए मरीज सामने आ रहे हैं। लेकिन को-वैक्सीन के प्रथम चरण के ट्रायल सफल होने से यह उम्मीद जगी है। अब दूसरे फेस का ट्रायल खत्म होने के बाद रिजल्ट अच्छे आने की उमीद है, अब देश में तीसरे फेज के ट्रायल की शुरुआत होनी है। दूसरे फेज के ट्रायल में 350 वॉलिंटियर्स पर यह ट्रायल किया गया। इस ट्रायल में आधे वॉलंटियर को 3 माइक्रोग्राम व आधे वॉलंटियर को 6 माइक्रोग्राम की डोज देकर ट्रायल किया गया।

पीजीआई के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर रमेश वर्मा ने बताया की प्रथम चरण के नतीजे काफी बेहतर आए हैं और वॉलिंटियर में एंटीबॉडी लेवल भी काफी अच्छा है। अब दूसरा चरण भी खत्म हो गया है और अच्छे परिणाम आने की उमीद है। क्योंकि अभी तक किसी भी वॉलंटियर को कोई दिक्कत नहीं हुई है। हालांकि सभी वॉलंटियर पर नजर रखी जा रही हैं, किसी को कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए उम्मीद है कि परिणाम अच्छे ही निकलेंगे, लेकिन इसके परिणाम भारत बायोटेक ही जारी करेगा। 

रोहतक पीजीआई ने 50 वॉलंटियर पर यह ट्रायल किया है। दूसरे फेज के ट्रायल में 12 से 65 साल तक की उम्र के लोगों पर यह ट्रायल हुआ है। यही नहीं इस फेस में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों पर भी वैक्सीन का ट्रायल किया गया हैं। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति उन्हें नहीं मिली हैं, लेकिन जल्द ही तीसरे चरण की अनुमति मिल जाएगी।

इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जिस तरह से कोरोनावायरस बढ़ रहा है, तो ऐसे में सोशल डिस्टेंस, मास्क व हाथ धोने की प्रक्रिया लोगों को लगातार जारी रखने की जरूरत है। डॉक्टर रमेश वर्मा ने बताया कि ह्यूमन बॉडी में ट्रायल करने से पहले जानवर पर ट्रायल किया जाता है। को-वैक्सीन को पहले जानवरों पर लगाया जाता है, जोकी अभी तक सफल रहा है उन्हें भी कोई दिक्कत नहीं हुई है।


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vinod kumar

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