Maximum age for vehicles: जानिए हरियाणा में अब कितने साल चलेगी कौन-सी गाड़ी...इन वाहनों पर लगेगी ब्रेक

punjabkesari.in Saturday, Dec 13, 2025 - 01:52 PM (IST)

चंडीगढ़:  हरियाणा सरकार ने राज्य में चलने वाली सभी परिवहन गाड़ियों की अधिकतम उम्र तय कर दी है। नए नियमों का सीधा असर बसों, स्कूल वाहनों, टैक्सी, टूरिस्ट बसों और गूड्स वाहनों पर पड़ेगा। सरकार का कहना है कि अब कोई भी गाड़ी उसकी पहली रजिस्ट्रेशन की तारीख से तय सीमा पार होने पर सड़क पर नहीं चलेगी। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आम लोगों की सुरक्षा, बढ़ता प्रदूषण और पुराने वाहनों की खराब स्थिति लगातार चिंता का कारण बन रहे थे।

8 अक्तूबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस संदर्भ में निर्णय लिया गया था। अब परिवहन विभाग की ओर से ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इस पर 7 दिन में लोगों व संबंधित पक्षों के आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गए हैं। सबसे बड़ा बदलाव टूरिस्ट परमिट वाली गाड़ियों में हुआ है। एनसीआर क्षेत्र में पेट्रोल/सीएनजी टूरिस्ट वाहन 12 साल तक चल सकेंगे। वहीं डीजल टूरिस्ट वाहनों की उम्र 10 साल तय की गई है। नॉन-एसीआर एरिया में भी पेट्रोल/सीएनजी वाहनों की उम्र 12 साल ही रहेगी। इन एरिया में डीजल टूरिस्ट वाहन भी 12 साल तक चल सकेंगे।

 
यह साफ दिखाता है कि एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सरकार डीज़ल वाहनों को कम समय तक सड़क पर रखने के पक्ष में है। दूसरी बड़ी श्रेणी में आने वाली सभी गाड़ियों - स्कूल बसें, रोडवेज, निजी बसें, कांट्रेक्ट कैरिज और गुड्स कैरिज के लिए भी सरकार ने उम्र सीमा तय की है। पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक या क्लीन फ्यूल वाहन 15 साल तक चल सकेंगे। वहीं डीजल वाहन (एनसीअर में) 10 साल की उम्र पूरी करने के बाद सड़क पर नजर नहीं आएंगे। नॉन-एनसीआर में डीजल वाहनों के लिए भी पंद्रह वर्ष की उम्र तय की गई है। स्पष्ट है कि एनसीआर में स्कूल बस या डीजल बसें 10 साल से अधिक नहीं चल सकेंगी।

 
 
सरकार के अनुसार, पुराने वाहन अधिक धुआं छोड़ते हैं, सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते और अक्सर खराबी के कारण हादसों का कारण बनते हैं। एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पहले से ही खतरनाक स्तर पर है। ऐसे में 10 साल से पुराने डीज़ल वाहन नहीं चलने देने का निर्णय पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 
इसका सबसे अधिक असर स्कूलों पर पड़ेगा क्योंकि उन्हें पुराने वाहनों की जगह सुरक्षित और नए वाहन खरीदने होंगे। इसी तरह टूरिस्ट कंपनियां भी प्रभावी होंगी। उन्हें डीजल फ्लीट को जल्द बदलना पड़ेगा, वरना परमिट नवीनीकरण में दिक्कत होगी। एनसीआर रूट पर चलने डीजल वाल चलाने वाले बस ऑपरेटरों को भी अब वाहन की उम्र 10 साल होते ही उन्हें सड़कों से हटाना होगा।

 
यह नियम अभी ड्राफ्ट के रूप में जारी किया गया है। किसी भी व्यक्ति, चालक यूनियन, स्कूल प्रबंधन या परिवहन ऑपरेटर को यदि इस पर आपत्ति या सुझाव देना है तो वह 7 दिन के भीतर परिवहन विभाग को भेज सकता है। हरियाणा सरकार का यह कदम सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ा निर्णय माना जा रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Related News

static