हरियाणा उच्च न्यायालय की 13 महिला न्यायाधीशों से प्रेरणा मिलती हैं: जस्टिस हरकेश मनुजा
punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2024 - 08:48 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): आज चंडीगढ़ स्थित विधि भवन के सभागार में आयोजित इनरोलमेंट समारोह में माननीय न्यायमूर्ति हरकेश मनुजा, न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया तथा नव नामांकित अधिवक्ताओं को शपथ दिलाने के पश्चात 285 से अधिक नामांकन प्रमाण-पत्र वितरित किए।
अधिवक्ताओं को अभ्यास में सफलता की कामना करते हुए महामहिम ने सबसे पहले अभिभावकों एवं शिक्षकों को बधाई दी तथा इस बात पर जोर दिया कि विधि के पेशे में सभी अभी भी सीख रहे हैं तथा अधिक सीखने के लिए तरस रहे हैं, क्योंकि शिक्षा कभी पूरी नहीं होती। न्यायमूर्ति मनुजा ने सभी को प्रतिदिन पढ़ने की आदत विकसित करने तथा अपने प्रौद्योगिकी कौशल को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि विधि पेशे में एक अच्छा श्रोता होना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने उन महिला अधिवक्ताओं की सराहना की, जो अपना अनूठा अनुभव प्राप्त कर रही हैं तथा पुरुष सहकर्मियों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगी न्यायिक परीक्षाओं में लगभग 60-70% महिला न्यायाधीश उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं - और निस्संदेह वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की 13 महिला न्यायाधीशों से प्रेरणा लेती हैं। उन्होंने कहा कि यह देश के किसी भी उच्च न्यायालय में महिला न्यायाधीशों की सबसे अधिक संख्या है। इस अवसर पर, बीसीपीएच के अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र सिंह अहलावत ने नए प्रवेशकों को भारत में कानूनी विनियमन के संबंध में नवीनतम विकास से अवगत कराया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति हरकेश मनुजा के प्रति उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया।
बीसीपीएच के मानद सचिव श्री करमजीत सिंह ने नैतिक कानूनी अभ्यास के महत्व को साझा किया। इस अवसर पर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्री सुवीर सिद्धू, विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष श्री लेख राज शर्मा, निगरानी समिति के सचिव श्री राज कुमार चौहान भी अन्य वकीलों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के विभिन्न स्थानों से संबंधित नए नामांकित वकीलों के माता-पिता और अभिभावकों की उपस्थिति में उपस्थित थे। यहां यह भी बताना उचित होगा कि पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल की स्थापना एडवोकेट्स एक्ट 1961 के तहत की गई थी और इसकी स्थापना के बाद से पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में लगभग एक लाख पचास हजार अधिवक्ता हैं।